Saturday 21 November 2015

मामी की तड़पती प्यासी चूत Maami Ki Tadapti Pyasi Chut

मैं मामी के पास गया और वहाँ पहुँचने के बाद मामी बोलीं- सैम, तुमने ऐसा कैसे और क्यों किया.. ये सब करते वक्त क्या तुमको ज़रा भी शर्म नहीं आई.. अरे कुछ तो सोचते.. वो तेरी होने वाली बीवी है.. कुछ भी कर देते हो.. आजकल के लड़के कुछ तो सोचते ही नहीं.. तुम्हें मालूम भी है कि तुम दोनों का रिश्ता बचपन में ही तय हो गया है।
‘सॉरी मामी.. गलती हो गई.. मुझे नहीं पता था कि मन्जू से मेरी शादी होने वाली है.. अब से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।’

मेरी तो डर के मारे हालत ख़राब हो गई थी.. पर जब ये सुना कि मन्जू मेरी होने वाली बीवी है.. तो मेरी जान में जान आई।
फिर मामी बोलीं- अब और क्या होगा.. सब तो हो गया.. तुझे तो पता नहीं था.. पर मन्जू को तो सब पता था। चल छोड़.. विनी बता रही थी तेरा ‘सामान’ बहुत तगड़ा है.. संभाल के रखना.. अभी उसको बहुत काम करना है..
ऐसा बोलते हुए मामी अश्लीलता से हँस दीं।

मुझे थोड़ा अजीब लगा.. मैं मामी को बोला- मैं जाऊँ मामी..?
‘हाँ सैम.. जा और सुन खाने के बाद छत पर आना.. तुझसे जरूरी बात करनी है।
मैं ‘ठीक है..’ बोल कर चला आया।

मैं उधर से नदी किनारे पहुँचा और उधर से दो पैग चढ़ा कर रात को वापस आया.. मेरी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि मामी को मुझसे क्या बात करनी है.. जो छत पर बुलाया है।
खाना खाने के घंटे भर बाद सब सोने की तैयारी करने लगे, मैं और मंजू एक साथ बैठ कर बात कर रहे थे, मैंने उससे पूछा- हमारी शादी होने वाली है.. इसके बारे में तुमको पता था क्या?
वो बोली- हाँ.. पता है..
मैंने बोला- मुझे ये बात क्यों नहीं बताई?
वो शरमा कर चली गई, मैंने उसे बहुत बुलाया.. पर वो नहीं आई।

दूर से एक फ्लाइंग किस देते हुए गुड नाईट बोली और मुस्कुराते हुए चल दी।
मैंने सोचा- इतना सब कुछ हो गया और तब शायद इसलिए ये मुझसे इतना प्यार करती है।
फिर मैं छत पर गया.. वहाँ पर मामी कोने में चारपाई पर बैठी थीं, मैं उनके पास गया।
चांदनी रात थी मामी का बदन चमक रहा था, उनको देख कर मन में कामुक ख़याल आ रहे थे।

मैं आप सब को मामी के बारे में बता दूँ। उनका नाम सरिता है.. फिगर 38-34-40 उम्र 40 साल है, एकदम गदराया हुआ माल था।
मैं उनके पास गया.. वो मुझसे बैठने को बोलीं.. मैं उनके बगल में थोड़ा दूर होकर बैठ गया।
वो मुझसे पास आने को बोलीं.. मैं पास को हो गया।
मैंने पूछा- हाँ.. बताओ मामी.. क्या जरूरी बात करनी थी?

मामी मुझसे सटते हुए बोलीं- सैम विनी ने तेरे बारे में बताया.. तब से मेरा चैन उड़ गया है.. तेरे मामा का जब से एक्सीडेंट हुआ है.. तब से हमारे बीच कोई मिलन नहीं हुआ है। डेढ़ साल हो गया है.. उनका ‘सामान’ ठीक तरह ‘काम’ के मतलब का ही नहीं रह गया है।
वे यह बोल कर मेरे कंधे पे सर रख के रोने लगीं।
मैंने उनको सांत्वना देते हुए बोला- मामी सब ठीक हो जाएगा।
मामी बोलीं- कुछ ठीक नहीं होगा.. डॉक्टर बता चुका है.. अब मुझे ऐसे ही तड़पते रहना होगा।
मैं बोला- मामी भगवान पर भरोसा रखो..
‘वही तो रखा है.. नहीं तो कब से कुछ क़र जाती मैं..’

‘ओके मामी.. बताओ आपके लिए मैं क्या कर सकता हूँ?’
मामी बोलीं- सैम.. पहले कसम खाओ जो बोलूँगी.. तुम वो करोगे.. ना नहीं कहोगे?
मैंने सोचा फिर कहा- ओके.. मामी अगर मेरे बस की बात होगी.. तो मैं जरूर करूँगा..
‘नहीं सैम.. तुम करोगे कि नहीं.. यह बताओ..’
मैं बोला- ओके मामी.. मैं कसम खाता हूँ कि करूँगा.. चाहे कुछ भी हो।

फिर मामी थोड़ा खुश होक़र बोलीं- सैम..!
‘हाँ मामी.. बोलो..?’
‘सैम.. मैं तेरे साथ सेक्स करना चाहती हूँ।’

मेरा दिमाग ख़राब हो गया.. मेरे नशे के 2 पैग दारू भी बेअसर हो गई।
मैं मन में सोचने लगा कि हे ऊपर वाले.. तूने नारी को किस मिट्टी से बनाया है.. इसको समझना इतना मुश्किल क्यों है?
प्रत्यक्ष में मैं मामी से बोला- मामी.. आप मेरी मामी हो.. और मेरी सास होने वाली हो.. क्या ये करना सही है?

मामी बोलीं- सैम.. जब तक तेरे बारे में पता नहीं था.. तब तक तो मैं सम्भली हुई थी.. पर अब मेरे मन में ये विचार आ गया है.. अब शायद और नहीं हो पाएगा.. और तू ‘नहीं’ बोलेगा.. तो बाद में किसी दूसरे से होगा.. जिससे यदि बाहर किसी को पता चला तो घर की बदनामी हो सकती है.. तो अब बता क्या करना है.. तूने कसम भी खाई है और तू मेरे घर का भी है.. ये बात तेरे और मेरे बीच में ही रहेगी.. किसी को पता भी नहीं चलेगा।
मैं बोला- वो तो ठीक है मामी.. पर इतने सारे लोग यहाँ पर आए हे- और अगर कोई छत पर आ गया तो.. पता तो चल ही जाएगा ना..
मामी बोलीं- ठीक है.. अभी तो कोई भी आ सकता है.. पर रात 12 बजे तक सब सो जायेंगे। सब थके हैं तो कोई ऊपर भी नहीं आएगा.. तब करेंगे।
मैं ‘ओके..’ बोला और उधर से जाने लगा..

तो मामी ने मुझे फिर से बुलाया- अपना सामान तो दिखाता जा.. सैम..
मैं बोला- लो खुद निकाल कर देख लो।
मामी बोली- सैम.. सरिता बोल न.. मामी अब सबके सामने बोलना।
मैं ‘ओके..’ बोला।

उसने मेरा लन्ड निकाल कर देखा और बोली- सैम कहाँ छुपा रखा था इतना बड़ा ‘सामान’?
मैं बोला- इसको नाम लेकर बोलो सरिता रानी..
बोली- हाँ.. इतना बड़ा लण्ड कहाँ छुपा रखा था.. सैम मेरी जान..
मैं बोला- तेरे बेटी की चूत में कल रखा था सरिता रानी।
वो बोली- मेरी बेटी के भाग्य खुल गए।
मैं बोला- साथ में तेरा भी भाग्य खुल गया सरिता रानी।

वो लन्ड हाथ में लेकर सहनी लगी और फिर मुँह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद मैं नीचे जाने को बोला.. तो पहले सरिता नीचे गई.. उसके कुछ देर बाद मैं नीचे आया।

फिर मैं बस्ती के अन्दर सिगरेट पीने चला गया।
मैंने चार सिगरेट ले लिए.. फिर सिगरेट पीते हुए घर पहुँचा।

मैं पहले मंजू के कमरे में गया.. वहाँ पर दोनों बहनें थीं.. मेरे जाते ही विनी बाहर चली गई।
मैं और मन्जू रह गए.. मैंने उसके पास जाकर उसकी तबियत के बारे में पूछा.. तो मन्जू बोली- अब ठीक है।

मैं मन्जू को चुम्बन करने लगा और उसके दूध दबाने लगा.. वो भी मेरा साथ दे रही थी।
दस मिनट बाद हम दोनों अलग हो गए, मैं मन्जू को गुड नाईट बोल कर आ गया, आज मेरे दिमाग सरिता की चूत चुदाई घुसी थी।

रात को ठीक 12 बजे मैं छत पर गया वहाँ पर सरिता मामी पहले से बैठी थी। मैं उसके पास जाकर चारपाई पर बैठ गया। सरिता भी मुझसे सट कर बैठ गई और मेरी पैन्ट को खोलने लगी।
मैं भी उसका साथ दे रहा था। मैंने सरिता को चुम्बन किया.. तो वो भी मेरा साथ देने लगी और जल्दी-जल्दी वो मेरा कपड़े खोलने लगी।
मैं भी सरिता का कपड़े खोलने लगा। कुछ ही देर बाद हमारे जिस्मों पर कोई कपड़ा नहीं बचा था। सरिता का गोरा जिस्म चांदनी रात में चाँद की रोशनी में जैसे नहा कर चमक रहा था.. एकदम गजब की माल लग रही थी।

मैंने सरिता को होंठों पर चुम्बन किया.. वो भी मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों 5 मिनट तक चूमाचाटी करते रहे। फिर सरिता मेरा लण्ड लेकर चूसने लगी.. मैं भी सरिता से बोला- मुझे भी तेरी चूत का स्वाद चखना है..।

यह सुनते ही उसने अपनी टांगें फैला दीं.. कुछ ही पलों बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। मैं उसके भगनासे से खेलने लगा..सरिता की चूत का स्वाद कुछ अजीब था। शायद चुदी हुई चूत थी.. इसलिए कुछ अलग स्वाद था।
कुछ देर बाद वो अपने दोनों पैर को अकड़ाने लगी.. मानो मेरे सर को अपनी चूत में घुसाना चाहती थी मुझे ऐसा लगा।
करीब 5 मिनट में ही उसका माल निकल गया, फिर वो थोड़ा रुक गई।
मैंने बोला- अभी मेरा नहीं हुआ है..
तो सरिता बोली- सैम अपने लण्ड को मेरे छेद में डाल..
मैं बोला- साली कुतिया.. पहले चूस के माल निकाल.. फिर डालूँगा..
‘ओके..’ वो गपागप लॉलीपॉप की तरह लौड़ा चूसने लगी.. और साथ ही वो मेरे गोटों से खेल रही थी.. मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

दस मिनट बाद मेरा निकलने वाला था- ‘आह्ह.. सरिता मेरी जान जल्दी..’
वो जल्दी-जल्दी चूसने लगी। फिर मेरा माल निकल गया.. वो पूरा रस मुँह में ले कर पी गई और लौड़ा चाट कर साफ कर दिया।
कुछ देर तक हम दोनों चारपाई में लेटे रहे और एक-दूसरे के बदन से खेलने लगे। कुछ ही मिनट बाद मेरा फिर खड़ा हो गया और सरिता भी चुदने को बेताब हो रही थी।

उसकी दोनों टाँगों को ऊपर करके मैं टाँगों के बीच में आ गया और चूत में लण्ड को लगा कर डालने लगा। चुदी हुई चूत थी.. इसलिए आसानी से अन्दर घुस गया.. पर बहुत दिनों से चुदाई नहीं हो रही थी.. इसलिए थोड़ा टाइट जा रहा था।
अभी 2 इंच लण्ड अन्दर गया था कि मैंने जोर से एक झटका लगा दिया.. जिसके कारण लण्ड 6 इंच अन्दर चला गया और सरिता के मुँह से चीख़ निकल गई- सैम मर गईईईई.. आराम से.. कर..!
मैं बोला- साली हरामिन.. जब लण्ड लेने के लिए तेरा चैन उड़ गया है.. तो ले न मेरा मूसल..

ऐसा बोल कर मैंने एक और झटका लगा दिया। सरिता को गाली देते हुए उसकी चूत की चुदाई करता रहा।
लगभग 10 मिनट बाद वो झड़ गई।

मैं बोला- कुतिया.. साली भैन की लौड़ी.. ले मेरा लण्ड ले.. तेरे होने वाले दामाद का लण्ड ले.. कुतिया मेरी सासू जान.. मन्जू का लण्ड ले.. भोसड़ी वाली.. तेरे को चैन नहीं आ रहा था न.. बगैर लण्ड के.. तो ले रंडी.. ले..
सरिता भी जोश में आ गई- चोद माँ के लौड़े.. अपनी होने वाली सास को चोद.. फाड़ दे.. इस चूत को.. बहुत तड़पाती है.. जोर से चोद.. फाड़ दे मेरे बड़े लण्ड वाले दामाद.. तेरे लण्ड से मेरी चूत को दण्ड दे.. सैम.. डेढ़ साल से प्यासी है मेरी चूत.. चोद इसे.. आह्ह.. मजा आ गया..
कुछ देर के बाद मैं सरिता को डॉगी स्टाइल में आने को बोला और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।
‘सरिता.. तेरी बेटी चोदूँ हरामिन.. तू तो बड़ी सेक्सी है रे.. मैं तो धन्य हो गया.. तेरी जैसी सास को पाकर.. ले मेरी जान..आह्ह..’
‘हाँ.. मैंने भी कोई पुण्य किया था.. जो तेरे जैसा लण्डधारी दामाद मिला मुझे.. सैम.. चोद सैम.. फाड़ दे इस चूत को!’
‘हाँ.. मेरी सरिता रण्डी.. साली कुतिया.. ये ले.. ले..’
‘सैम.. जोर से कर.. आह्ह.. मैं बस आ रही हूँ.. आह्ह.. मैं.. और जोर से जान..’
‘मेरा भी होने वाला है सरिता.. किधर चोद दूँ मलाई?’
‘चूत में डाल दे.. बहुत दिनों से सूखी है.. भर दे तेरे माल से..’
मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और मैं सरिता की चूत में ही झड़ गया.. पूरा माल सरिता के चुदे छेद में डाल दिया।
इस एक घंटे की धकापेल चुदाई में सरिता 5 बार झड़ी थी और मैं 2 बार झड़ा था।

उसके बाद मैंने कुछ देर आराम किया फिर उसके चूतड़ों में दो चपत लगाईं.. सरिता को चुम्बन किया और नीचे आया।
सरिता मुझे ‘थैंक यू..’ बोली और मुझसे गले लग कर रोई.. मैं उसे समझा बुझा कर नीचे लाया।
सब सोये हुए थे.. हम लोग भी सोने के लिए लेट गए।

आप लोगों को कैसी लगी मेरी यह सच्ची कहानी.. प्लीज़ दोस्तों मुझे ईमेल कीजिएगा और जरूर बताईएगा।

5 comments:

  1. hy
    my name is Ali
    i m from Pattoki
    meri koe girl friend ni hy q k main bht drta ho lrki ko line marty huey or kbhi kisi ka pecha ni kiya
    main kasm kha k khta ho k main such bol rha ho
    main beautiful and handsome boy ho
    ager koe lerki mj sy dosti krna chahti hy to mera cell no nechy hy
    mery pas imo or whats up bhi hy
    wo num main apko bad main don ga
    main bs pyar krna chahta ho
    koe bhi young aunti ho ya lerki
    mjsy dosti krna chahti ho to rabta kry
    jo mjy apni hr qism ki tasveer send kr skti ho main waada krta ho koe pic leakout nhen ho gi
    pllllllllllzzzzzzzzzz aik br zror atbr kr k daikhain main bura lerka ni ho ns pyar ka pyasa ho
    mer age 20 hy
    or main aik studnt ho
    or dosti k liye hr bat man ny ko tyar ho
    main bs date pr jana jana chahta apni girl friend ko pyar krna chahta ho
    mjy us sy lov ho gya to shDi bhi kro ga
    plzzzzz ager koe lrki dosti krna chahti jy to zror rabta kry
    +923047701909

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