मेरा नाम मेहराना है। अभी मेरी उम्र 24 साल की है। अभी तक कुवारीं हूँ।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं की मेरी चूत भी कुवारी हैं। ये तभी चुद गयी थी जब
मेरी उम्र 13 साल भी नहीं हुई थी।
तब मै आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। उस दिन घर में मेरी अम्मा भी नहीं थी। मै और मेरा भाई जो कि मुझसे 5 साल छोटा था घर पर अकेले थे। उस दिन स्कूल की छुट्टी थी। इसलिए मै घर के काम कर रही थी। मेरा छोटा भाई पड़ोस में खेलने चला गया था। मै बाथरूम में नहाने चली गयी। अपने सारे कपडे मैंने हॉल में ही छोड़ दिए और नंगी ही बाथरूम में चली गयी। क्यों कि घर में तो कोई था नहीं इसलिए किसी के देखने का कोई भय भी नहीं था। बाथरूम में आराम से मै अपने चूत को सहलाने । सहलाते सहलाते अपने चूत में ऊँगली डाल ली। पूरी ऊँगली अन्दर चली गयी। बड़ा ही मज़ा आया।
अन्दर चूत में ऊँगली का स्पर्श साफ़ महसूस हो रहा था। मै अपने ऊँगली को चूत में घुमाने लगी। मुझे लगा कि शायद चूत में अभी भी बहूत जगह इसमें खाली है। मैंने बाथरूम में रखा हुआ पुराना टूथब्रुश लिया और उलटे सिरे से पकड़ कर अपने बुर में डाल लिया। मै नीचे जमीन पर बैठ गयी और अपनी दोनों टांगो को पूरी तरह फैला दिया। इस से मुझे अपने बुर में ब्रश डालने में काफी आसानी हुई। अब मुझे बहूत ही मज़ा आने लगा। इतना मज़ा आ रहा था कि पेशाब निकलने लगा। करीब आधे घंटे तक मैंने अपने चूत में कभी शेम्पू तो कभी नारियल तेल डाल डाल के मज़ा लेती रही। और ब्रश से चूत की सफाई भी करती रही। थोड़े देर के बाद मै नहा कर वापस अपने कमरे में आ गयी। थोड़ी देर के बाद मेरा छोटा भाई भी बाहर से आ गया।
उसी शाम में मेरी अम्मा के दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले एक रिश्तेदार मेरे यहाँ आ धमका । उसकी उम्र रही होगी कोई 20-21 साल की। उनको मेरी अम्मा से कुछ काम था। लेकिन अम्मा तो कल शाम में आने वाली थी। मैंने अम्मा को फोन कर के उसके बारे में बताया तो अम्मा बोली आज रात को उसे अपने घर में ही रुकने के लिए बाहरी कमरा दे देना।
रात को खाना पीना खा कर सभी चुपचाप सो गए। रात 11 बजे मुझे पिशाब लग गया। मै बाथरूम गयी तो मुझे फिर से वही सुबह में चूत में ब्रश डालने वाली घटना याद आ गयी। मुझे फिर से अपने बुर में ब्रश डालने का मन करने लगा। मैंने अपने सारे कपडे खोल कर अपने बुर में ब्रश डाल कर मज़े लेने लगी। मुझे अपने बाथरूम का दरवाजा बंद करने का भी याद नहीं रहा। मै दीवार की तरफ मुह कर के अपने चूत में ब्रुश डाल कर मज़े ले रही थी।
तभी पीछे से आवाज आई- ये क्या कर रही हो मेहराना?
ये सुन कर मै चौंक गयी। मैंने पलट कर देखा तो मेरा मामू मसूद ठीक मेरे पीछे खडा था। वो सिर्फ एक तौलिया पहने हुए था.
मैंने कहा - आप यहाँ क्या कर रहे हैं मामूजान?
वो बोला- मुझे पिशाब लगा था इसलिए मै यहाँ आया था तो देखा कि तुम कुछ कर रही हो।
मै अब क्या कहूं क्या नहीं? हड़बड़ी में मैंने कह दिया - देखते नहीं ये साफ़ कर रही हूँ। इसकी सफाई भी तो जरूरी है न? वैसे तुम यहाँ पिशाब करने आये हो ना तो करो और जाओ।
उसने कहा - मै तो यहाँ पिशाब करने आया था ।
मैंने कहा - ठीक है तुम तब तक पिशाब करो मै अपना काम कर रही हूँ।
दरअसल मै उसकी लंड देखना चाहती थी। सोच रही थी कि जब इसने मेरा चूत देख लिया है तो मै भी इसके लंड को देख कर हिसाब बराबर कर लूं।
मसूद - तुम यहीं रहोगी?
मैंने कहा- हाँ। तुम्हे इस से क्या? ये मेरा घर है । मै कहीं भी रहूँ।
उसने कहा- ठीक है।
और उसने अपना तौलिया खोल दिया । और पूरी तरह से नंगा हो गया। मुझे सिर्फ उसकी लंड देखना था। उसका लंड मेरे अनुमान से कहीं बड़ा और मोटा था। उसकी लंड किसी मोटे सांप की तरह झूल रहा था। वो मेरे सामने ही कमोड पर बैठ गया। उस ने अपने लंड को पकड़ा और उस से पेशाब करने लगा। यह देख मै बहूत आश्चर्यचकित थी कि इतने मोटे लंड से कितना पिशाब निकलता है? पिशाब करने के बाद उसने अपने लंड को झाड़ा और सहलाने लगा।
उसने कहा - तुम अपने चूत की सफाई ब्रश से करती हो?
मैंने कहा - हाँ.
उसने कहा - क्या तुम अपने चूत के बाल भी साफ़ करती हो?
मैंने कहा - चूत के बाल? मेरे चूत में बाल तो नहीं हैं.
उसने कहा - चूत के अन्दर नहीं चूत के ऊपर बाल होते हैं .जैसे मेरे लंड के ऊपर बाल है ना उसी तरह.
कह कर वो अपने लंड के बाल को खींचने लगा.
मैंने पूछा - तुम्हारे लंड पर ये बाल कैसे हो गए हैं?
वो बोला - जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम्हारे चूत पर भी बाल हो जायेंगे।
मैंने कहा - तुम्हारा लंड तो इतना बड़ा है कि लटक रहा है। क्या मेरा बुर भी बड़ा होने पर इतना ही बड़ा और लटकने लगेगा?
वो हंस के बोला- अरे नहीं पगली, भला बुर भी कहीं लटकता है? हाँ वो कुछ बड़ा हो जायेगा। फिर बोला- तुम एक जादू देखोगी? अगर तुम मेरे इस लंड को छुओगी तो ये कैसे और भी बड़ा और खड़ा हो जाएगा।
मुझे बहूत ही आश्चर्य हुआ ।
मैंने कहा - ठीक है। दिखाओ जादू .
वो कमोड पर से उठ गया। और मेरे पास आ गया। उसने अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर कहा - अब इसको छुओ। मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। ऐसा लग रहा था कि कोई गरम सांप पकड़ लिया हो। उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से दबाया और अपने लंड को घसवाने लगा। थोड़ी ही देर में मैंने देखा कि उसकी लंड सांप से किसी लकड़ी के टुकड़े जैसा बड़ा हो गया , एकदम कड़ा और बड़ा। उसे बड़ा ही आनंद आ रहा था। उसने अचानक मेरा हाथ छोड़ दिया। लेकिन मै उसके लंड को घसती ही रही। थोड़ी देर में देखा उसके लंड से चिपचिपा सा पानी निकल रहा था जो शेम्पू की तरह था। वो कराहने लगा.
मैंने कहा -ये क्या है?
वो बोला - हाय मेहराना, ये लंड का पानी है। बड़ा ही मज़ा आता है। तू भी अपने चूत से ऐसा ही पानी निकालेगी तो तुझे भी बड़ा मज़ा आयेगा.
मैंने कहा - लेकिन कैसे?
वो बोला - आ इधर मै तुझे बता देता हूँ.
मैंने कहा - ठीक है , बता दो।
भाई मुझे कमोड पर बैठा दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला दिया। भाई मेरे बुर को अपने मुह से चूसने लगा। मुझे बहूत ही अच्छा लग रहा था। भाई मेरी बुर में अपनी जीभ डाल दी। मेरे से रहा नहीं गया और मेरे बुर से पिशाब निकलने लगा। लेकिन वो हटा नहीं और पेशाब पीने लगा। मै तो एक दम पागल सी हो गयी। उस समय तो मेरी चूची भी नहीं निकली थी। लेकिन वो मेरी निपल को ऐसे मसल रहा था लगा मानो वो मेरी चूची मसल रहा है। पेशाब हो जाने के बाद भी वो मेरे बुर को चूसता रहा।
फिर अचानक बोला - आ नीचे लेट जा ।
मैंने कहा - क्यों मामू?
वो बोला - अरे आ ना. तुझे और मस्ती करना बताता हूँ.
मै चुपचाप बाथरूम के फर्श पर लेट गयी। फर्श पर मेरे ही पिशाब पड़े हुए थे। उसने मेरे दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख दिया और मेरे बुर में ऊँगली डाल कर ऊँगली को बुर में घुमाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था।
वो बोला - अरे तेरा बुर तो बहूत बड़ा है। ये ब्रश से थोड़े ही साफ़ किया जाता है? आ इसकी मै सफाई अपने लंड से कर देता हूँ।
मैंने कहा - अच्छा मामू, लेकिन ठीक से करना।
मामू ने कहा - हाँ मेहराना, देखना कैसी सफाई करता हूँ.
उसने बगल से नारियल तेल लिया और मेरे चूत के अन्दर उड़ेल कर उंगली डाल कर मेरी चूत का मुठ मारने लगा.
मस्ती के मारे मेरी तो आँखे बंद थी. उसने पहले एक उंगली डाली. फिर दो और फिर तीन उंगली डाल कर मेरे चूत को चौड़ा कर दिया. थोड़ी ही देर में उसने मेरे चूत के छेद पर अपना लंड रखा। और अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगा। मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मै कराह उठी।
वो रुक गया और बोला क्या हुआ मेहराना?
मैंने कहा - तेरा लंड बहूत बड़ा है। ये मेरी बुर में नहीं घुसेगा।
वो बोला - रुक जा मेहराना. तू घबरा मत. बस मेरे लंड को देखती रह.
हालांकि मेरी हिम्मत नहीं थी कि इतने मोटे लंड को अपनी बुर में घुसवा लूं लेकिन मै भी मज़े लेना चाहती थी। इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा। अब उसने मेरे बुर के छेद पर अपना लंड रखा और धीरे धीर रुक रुक कर अपने लंड को मेरे बुर में घुसाने लगा। मुझे थोडा दर्द तो हो रहा था लेकिन तेल कि वजह से ज्यादा दर्द नहीं हुआ। भाई ने पूरा लंड मेरे बुर में डाल दिया। मुझे बहूत आश्चर्य हो रहा था कि इतना मोटा और बड़ा लंड मेरे छोटे से बुर में कैसे चला गया। भाई मेरी बुर में अपना लंड डाल कर थोड़ी देर रुका रहा।
फिर बोला- दर्द तो नहीं कर रहा ना?
मैंने कहा- थोडा थोडा ।
फिर उसने थोडा सा लंड को बाहर निकाला और फिर धीरे से अन्दर कर दिया। मुझे मज़ा आने लगा। वो धीरे धीरे यही प्रक्रिया कई बार करता रहा। अब मुझे दर्द नहीं कर रहा था। थोड़ी देर के बाद उसने अचानक मेरे बुर को जोर जोर से धक्के मरने लगा।
मैंने पूछा - ये क्या कर रहे हो?
वो बोले- तेरे बुर की सफाई कर रहा हूँ।
मुझे आश्चर्य हुआ- अच्छा ! तो इस को सफाई कहते है?
वो बोला - हाँ मेरी जान. ये चूत की सफाई भी है और चुदाई भी.
मैंने कहा - तो क्या तुम मुझे चोद रहे हो?
वो बोला - हाँ. कैसा लग रहा है?
मैंने कहा - अच्छा लग रहा है.
वो बोला - पहले किसी को चुदवाते हुए देखा है?
मैंने कहा - देखा तो नहीं है , लेकिन अपने स्कूल में सीनियर सेक्शन की लड़कियों के बारे में सूना है कि वो अपने दोस्तों से चुदवाती हैं. तभी से मेरा मन भी कर रहा था कि मै भी चुदवा लूं. लेकिन मुझे पता ही नही था कि कैसे चुदवाऊं?
वो बोला - अब पता चल गया ना?
मैंने कहा - हाँ मामू.
थोड़ी देर में उसने मुझे कस के अपनी बाहों में पकड़ लिया और अपनी आँखे बंद कर के कराहने लगा। मुझे अपने चूत में गरम गरम सा कुछ महसूस हो रहा था।
मैंने पूछा - क्या हुआ मामू? मेरे चूत में गरम सा क्या निकाला आपने?
वो बोला - कुछ नहीं मेरी जान . वो मेरे लंड से माल निकल गया है।
थोड़ी देर में उसने मेरे चूत से से अपना लंड निकाला और खड़ा हो गया। मैंने अपने चूत की तरफ देखा कि इस से खून निकल रहा था. मै काफी डर गयी और मामू को बोली - मामू, ये खून जैसा क्या निकल गया मेरे चूत से?
हालांकि वो जानता था कि मेरी चूत की झिल्ली फट गयी है. लेकिन उसने झूठ का कहा - अरे कुछ नहीं. ये तो मेरा माल है. जब पहली बार कोई लड़की चुदवाती है तो उसके चूत में माल जा कर लाल हो जाता है. आ इसे साफ़ कर देता हूँ।
मै थोड़ा निश्चिंत हो गयी.
फिर हम दोनों ने एक साथ स्नान किया. उस ने मुझे अच्छी तरह से पूरा नहला - धुला कर सब साफ़ कर दिया. और फिर हम दोनों अपने अपने कपडे पहन कर अपने अपने कमरे में चले गए।
सुबह जब मेरा छोटा भाई स्कूल चला गया तो मै उसे चाय देने गयी.
उसने मुझसे कहा - कैसी हो मेहराना?
मैंने कहा - ठीक ही हूँ.
उसने कहा - तेरी चूत में दर्द तो नही है ना?
मने कहा - दर्द तो है लेकिन हल्का हल्का. कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना मामू?
मामू ने कहा - अरे नहीं पगली. पहली बार तुने अपने चूत में लंड लिया था न इसलिए ऐसा लग रहा है. और देख.. किसी को कल रात के बारे में मत बताना। नहीं तो तुझे सब गन्दी लड़की कहेंगे।
मैंने कहा - ठीक है, लेकिन एक शर्त है.
वो बोला- क्या?
मैंने कहा - एक बार फिर से मेरी बुर की सफाई करो लेकिन इस बार बाथरूम में नहीं बल्कि इसी कमरे में।
वो बोला - ठीक है आ जा।
और मैंने उसके कमरे का दरवाजा लगा कर फिर से अपनी चूत चुदवाई। वो भी 2 बार । वो भी बिलकूल फ्री में।
दोपहर में अम्मा आ गयी. अम्मा के आने के बाद भी वो मेरे यहाँ अगले पांच दिन जमा रहा. इस पांच दिन में मैंने आठ बार अपनी चूत उस से साफ़ करवाई.
इसके बाद न जाने कितने मर्दों के लंड को अपने चूत और गांड में डाल चुकी हूँ मुझे अब याद भी नहीं
तब मै आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। उस दिन घर में मेरी अम्मा भी नहीं थी। मै और मेरा भाई जो कि मुझसे 5 साल छोटा था घर पर अकेले थे। उस दिन स्कूल की छुट्टी थी। इसलिए मै घर के काम कर रही थी। मेरा छोटा भाई पड़ोस में खेलने चला गया था। मै बाथरूम में नहाने चली गयी। अपने सारे कपडे मैंने हॉल में ही छोड़ दिए और नंगी ही बाथरूम में चली गयी। क्यों कि घर में तो कोई था नहीं इसलिए किसी के देखने का कोई भय भी नहीं था। बाथरूम में आराम से मै अपने चूत को सहलाने । सहलाते सहलाते अपने चूत में ऊँगली डाल ली। पूरी ऊँगली अन्दर चली गयी। बड़ा ही मज़ा आया।
अन्दर चूत में ऊँगली का स्पर्श साफ़ महसूस हो रहा था। मै अपने ऊँगली को चूत में घुमाने लगी। मुझे लगा कि शायद चूत में अभी भी बहूत जगह इसमें खाली है। मैंने बाथरूम में रखा हुआ पुराना टूथब्रुश लिया और उलटे सिरे से पकड़ कर अपने बुर में डाल लिया। मै नीचे जमीन पर बैठ गयी और अपनी दोनों टांगो को पूरी तरह फैला दिया। इस से मुझे अपने बुर में ब्रश डालने में काफी आसानी हुई। अब मुझे बहूत ही मज़ा आने लगा। इतना मज़ा आ रहा था कि पेशाब निकलने लगा। करीब आधे घंटे तक मैंने अपने चूत में कभी शेम्पू तो कभी नारियल तेल डाल डाल के मज़ा लेती रही। और ब्रश से चूत की सफाई भी करती रही। थोड़े देर के बाद मै नहा कर वापस अपने कमरे में आ गयी। थोड़ी देर के बाद मेरा छोटा भाई भी बाहर से आ गया।
उसी शाम में मेरी अम्मा के दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले एक रिश्तेदार मेरे यहाँ आ धमका । उसकी उम्र रही होगी कोई 20-21 साल की। उनको मेरी अम्मा से कुछ काम था। लेकिन अम्मा तो कल शाम में आने वाली थी। मैंने अम्मा को फोन कर के उसके बारे में बताया तो अम्मा बोली आज रात को उसे अपने घर में ही रुकने के लिए बाहरी कमरा दे देना।
रात को खाना पीना खा कर सभी चुपचाप सो गए। रात 11 बजे मुझे पिशाब लग गया। मै बाथरूम गयी तो मुझे फिर से वही सुबह में चूत में ब्रश डालने वाली घटना याद आ गयी। मुझे फिर से अपने बुर में ब्रश डालने का मन करने लगा। मैंने अपने सारे कपडे खोल कर अपने बुर में ब्रश डाल कर मज़े लेने लगी। मुझे अपने बाथरूम का दरवाजा बंद करने का भी याद नहीं रहा। मै दीवार की तरफ मुह कर के अपने चूत में ब्रुश डाल कर मज़े ले रही थी।
तभी पीछे से आवाज आई- ये क्या कर रही हो मेहराना?
ये सुन कर मै चौंक गयी। मैंने पलट कर देखा तो मेरा मामू मसूद ठीक मेरे पीछे खडा था। वो सिर्फ एक तौलिया पहने हुए था.
मैंने कहा - आप यहाँ क्या कर रहे हैं मामूजान?
वो बोला- मुझे पिशाब लगा था इसलिए मै यहाँ आया था तो देखा कि तुम कुछ कर रही हो।
मै अब क्या कहूं क्या नहीं? हड़बड़ी में मैंने कह दिया - देखते नहीं ये साफ़ कर रही हूँ। इसकी सफाई भी तो जरूरी है न? वैसे तुम यहाँ पिशाब करने आये हो ना तो करो और जाओ।
उसने कहा - मै तो यहाँ पिशाब करने आया था ।
मैंने कहा - ठीक है तुम तब तक पिशाब करो मै अपना काम कर रही हूँ।
दरअसल मै उसकी लंड देखना चाहती थी। सोच रही थी कि जब इसने मेरा चूत देख लिया है तो मै भी इसके लंड को देख कर हिसाब बराबर कर लूं।
मसूद - तुम यहीं रहोगी?
मैंने कहा- हाँ। तुम्हे इस से क्या? ये मेरा घर है । मै कहीं भी रहूँ।
उसने कहा- ठीक है।
और उसने अपना तौलिया खोल दिया । और पूरी तरह से नंगा हो गया। मुझे सिर्फ उसकी लंड देखना था। उसका लंड मेरे अनुमान से कहीं बड़ा और मोटा था। उसकी लंड किसी मोटे सांप की तरह झूल रहा था। वो मेरे सामने ही कमोड पर बैठ गया। उस ने अपने लंड को पकड़ा और उस से पेशाब करने लगा। यह देख मै बहूत आश्चर्यचकित थी कि इतने मोटे लंड से कितना पिशाब निकलता है? पिशाब करने के बाद उसने अपने लंड को झाड़ा और सहलाने लगा।
उसने कहा - तुम अपने चूत की सफाई ब्रश से करती हो?
मैंने कहा - हाँ.
उसने कहा - क्या तुम अपने चूत के बाल भी साफ़ करती हो?
मैंने कहा - चूत के बाल? मेरे चूत में बाल तो नहीं हैं.
उसने कहा - चूत के अन्दर नहीं चूत के ऊपर बाल होते हैं .जैसे मेरे लंड के ऊपर बाल है ना उसी तरह.
कह कर वो अपने लंड के बाल को खींचने लगा.
मैंने पूछा - तुम्हारे लंड पर ये बाल कैसे हो गए हैं?
वो बोला - जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम्हारे चूत पर भी बाल हो जायेंगे।
मैंने कहा - तुम्हारा लंड तो इतना बड़ा है कि लटक रहा है। क्या मेरा बुर भी बड़ा होने पर इतना ही बड़ा और लटकने लगेगा?
वो हंस के बोला- अरे नहीं पगली, भला बुर भी कहीं लटकता है? हाँ वो कुछ बड़ा हो जायेगा। फिर बोला- तुम एक जादू देखोगी? अगर तुम मेरे इस लंड को छुओगी तो ये कैसे और भी बड़ा और खड़ा हो जाएगा।
मुझे बहूत ही आश्चर्य हुआ ।
मैंने कहा - ठीक है। दिखाओ जादू .
वो कमोड पर से उठ गया। और मेरे पास आ गया। उसने अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर कहा - अब इसको छुओ। मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। ऐसा लग रहा था कि कोई गरम सांप पकड़ लिया हो। उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से दबाया और अपने लंड को घसवाने लगा। थोड़ी ही देर में मैंने देखा कि उसकी लंड सांप से किसी लकड़ी के टुकड़े जैसा बड़ा हो गया , एकदम कड़ा और बड़ा। उसे बड़ा ही आनंद आ रहा था। उसने अचानक मेरा हाथ छोड़ दिया। लेकिन मै उसके लंड को घसती ही रही। थोड़ी देर में देखा उसके लंड से चिपचिपा सा पानी निकल रहा था जो शेम्पू की तरह था। वो कराहने लगा.
मैंने कहा -ये क्या है?
वो बोला - हाय मेहराना, ये लंड का पानी है। बड़ा ही मज़ा आता है। तू भी अपने चूत से ऐसा ही पानी निकालेगी तो तुझे भी बड़ा मज़ा आयेगा.
मैंने कहा - लेकिन कैसे?
वो बोला - आ इधर मै तुझे बता देता हूँ.
मैंने कहा - ठीक है , बता दो।
भाई मुझे कमोड पर बैठा दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला दिया। भाई मेरे बुर को अपने मुह से चूसने लगा। मुझे बहूत ही अच्छा लग रहा था। भाई मेरी बुर में अपनी जीभ डाल दी। मेरे से रहा नहीं गया और मेरे बुर से पिशाब निकलने लगा। लेकिन वो हटा नहीं और पेशाब पीने लगा। मै तो एक दम पागल सी हो गयी। उस समय तो मेरी चूची भी नहीं निकली थी। लेकिन वो मेरी निपल को ऐसे मसल रहा था लगा मानो वो मेरी चूची मसल रहा है। पेशाब हो जाने के बाद भी वो मेरे बुर को चूसता रहा।
फिर अचानक बोला - आ नीचे लेट जा ।
मैंने कहा - क्यों मामू?
वो बोला - अरे आ ना. तुझे और मस्ती करना बताता हूँ.
मै चुपचाप बाथरूम के फर्श पर लेट गयी। फर्श पर मेरे ही पिशाब पड़े हुए थे। उसने मेरे दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख दिया और मेरे बुर में ऊँगली डाल कर ऊँगली को बुर में घुमाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था।
वो बोला - अरे तेरा बुर तो बहूत बड़ा है। ये ब्रश से थोड़े ही साफ़ किया जाता है? आ इसकी मै सफाई अपने लंड से कर देता हूँ।
मैंने कहा - अच्छा मामू, लेकिन ठीक से करना।
मामू ने कहा - हाँ मेहराना, देखना कैसी सफाई करता हूँ.
उसने बगल से नारियल तेल लिया और मेरे चूत के अन्दर उड़ेल कर उंगली डाल कर मेरी चूत का मुठ मारने लगा.
मस्ती के मारे मेरी तो आँखे बंद थी. उसने पहले एक उंगली डाली. फिर दो और फिर तीन उंगली डाल कर मेरे चूत को चौड़ा कर दिया. थोड़ी ही देर में उसने मेरे चूत के छेद पर अपना लंड रखा। और अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगा। मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मै कराह उठी।
वो रुक गया और बोला क्या हुआ मेहराना?
मैंने कहा - तेरा लंड बहूत बड़ा है। ये मेरी बुर में नहीं घुसेगा।
वो बोला - रुक जा मेहराना. तू घबरा मत. बस मेरे लंड को देखती रह.
हालांकि मेरी हिम्मत नहीं थी कि इतने मोटे लंड को अपनी बुर में घुसवा लूं लेकिन मै भी मज़े लेना चाहती थी। इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा। अब उसने मेरे बुर के छेद पर अपना लंड रखा और धीरे धीर रुक रुक कर अपने लंड को मेरे बुर में घुसाने लगा। मुझे थोडा दर्द तो हो रहा था लेकिन तेल कि वजह से ज्यादा दर्द नहीं हुआ। भाई ने पूरा लंड मेरे बुर में डाल दिया। मुझे बहूत आश्चर्य हो रहा था कि इतना मोटा और बड़ा लंड मेरे छोटे से बुर में कैसे चला गया। भाई मेरी बुर में अपना लंड डाल कर थोड़ी देर रुका रहा।
फिर बोला- दर्द तो नहीं कर रहा ना?
मैंने कहा- थोडा थोडा ।
फिर उसने थोडा सा लंड को बाहर निकाला और फिर धीरे से अन्दर कर दिया। मुझे मज़ा आने लगा। वो धीरे धीरे यही प्रक्रिया कई बार करता रहा। अब मुझे दर्द नहीं कर रहा था। थोड़ी देर के बाद उसने अचानक मेरे बुर को जोर जोर से धक्के मरने लगा।
मैंने पूछा - ये क्या कर रहे हो?
वो बोले- तेरे बुर की सफाई कर रहा हूँ।
मुझे आश्चर्य हुआ- अच्छा ! तो इस को सफाई कहते है?
वो बोला - हाँ मेरी जान. ये चूत की सफाई भी है और चुदाई भी.
मैंने कहा - तो क्या तुम मुझे चोद रहे हो?
वो बोला - हाँ. कैसा लग रहा है?
मैंने कहा - अच्छा लग रहा है.
वो बोला - पहले किसी को चुदवाते हुए देखा है?
मैंने कहा - देखा तो नहीं है , लेकिन अपने स्कूल में सीनियर सेक्शन की लड़कियों के बारे में सूना है कि वो अपने दोस्तों से चुदवाती हैं. तभी से मेरा मन भी कर रहा था कि मै भी चुदवा लूं. लेकिन मुझे पता ही नही था कि कैसे चुदवाऊं?
वो बोला - अब पता चल गया ना?
मैंने कहा - हाँ मामू.
थोड़ी देर में उसने मुझे कस के अपनी बाहों में पकड़ लिया और अपनी आँखे बंद कर के कराहने लगा। मुझे अपने चूत में गरम गरम सा कुछ महसूस हो रहा था।
मैंने पूछा - क्या हुआ मामू? मेरे चूत में गरम सा क्या निकाला आपने?
वो बोला - कुछ नहीं मेरी जान . वो मेरे लंड से माल निकल गया है।
थोड़ी देर में उसने मेरे चूत से से अपना लंड निकाला और खड़ा हो गया। मैंने अपने चूत की तरफ देखा कि इस से खून निकल रहा था. मै काफी डर गयी और मामू को बोली - मामू, ये खून जैसा क्या निकल गया मेरे चूत से?
हालांकि वो जानता था कि मेरी चूत की झिल्ली फट गयी है. लेकिन उसने झूठ का कहा - अरे कुछ नहीं. ये तो मेरा माल है. जब पहली बार कोई लड़की चुदवाती है तो उसके चूत में माल जा कर लाल हो जाता है. आ इसे साफ़ कर देता हूँ।
मै थोड़ा निश्चिंत हो गयी.
फिर हम दोनों ने एक साथ स्नान किया. उस ने मुझे अच्छी तरह से पूरा नहला - धुला कर सब साफ़ कर दिया. और फिर हम दोनों अपने अपने कपडे पहन कर अपने अपने कमरे में चले गए।
सुबह जब मेरा छोटा भाई स्कूल चला गया तो मै उसे चाय देने गयी.
उसने मुझसे कहा - कैसी हो मेहराना?
मैंने कहा - ठीक ही हूँ.
उसने कहा - तेरी चूत में दर्द तो नही है ना?
मने कहा - दर्द तो है लेकिन हल्का हल्का. कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना मामू?
मामू ने कहा - अरे नहीं पगली. पहली बार तुने अपने चूत में लंड लिया था न इसलिए ऐसा लग रहा है. और देख.. किसी को कल रात के बारे में मत बताना। नहीं तो तुझे सब गन्दी लड़की कहेंगे।
मैंने कहा - ठीक है, लेकिन एक शर्त है.
वो बोला- क्या?
मैंने कहा - एक बार फिर से मेरी बुर की सफाई करो लेकिन इस बार बाथरूम में नहीं बल्कि इसी कमरे में।
वो बोला - ठीक है आ जा।
और मैंने उसके कमरे का दरवाजा लगा कर फिर से अपनी चूत चुदवाई। वो भी 2 बार । वो भी बिलकूल फ्री में।
दोपहर में अम्मा आ गयी. अम्मा के आने के बाद भी वो मेरे यहाँ अगले पांच दिन जमा रहा. इस पांच दिन में मैंने आठ बार अपनी चूत उस से साफ़ करवाई.
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