Saturday 31 October 2015

खूबसूरत बहन की गांड मरने की कहानी KhoobSurat Behen Ki Gaand Maari

आज जो गांड मरने की कहानी बताने जा रहा हू , मेरी 18 साल की खूबसूरत बहन की चुदाई की कहानी हैं .
मैं मोंटी दिल्ली का पंजाबी मुंडा हु, मैं दिन भर मस्ती करता हु, रात को डिस्को पार्टी पब यही मेरा काम है, मेरे घर में मैं मेरी अठारह साल की बहन और मेरी माँ हम तीन जन रहते है पापा कनाडा में जॉब करते है हम तीनो अपने बाप के पैसे से खूब मस्ती करते है माँ भी चुदक्कड़ है वो भी शाम होते ही अपने आशिक के पास चली जाती है मेरी बहन काफी अच्छी है वो आज तक किसी से चुदी नहीं है, वो बड़ी ही हसीन नैन नक्स की लड़की है, बूब बड़ा बड़ा गांड चौड़ी, गोरी, गाल गुलाबी.उसके दीवाने तो बहुत है पर वो ज्यादा किसी को भाव नहीं देती, मैं कामयाब रहा अपने बहन को गांड मारने में, एक दिन की बात है, मैं और मेरी बहन दोनों घर पे थे, माँ बोली आज रात को नहीं आउंगी मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रही हु उसके यहाँ फंक्शन है तुम लोग पिज़्ज़ा मंगवके खा लेना, और माँ चली गयी, हम दोनों बहन भाई ने प्लान बनाया की आज रात को बियर पिएंगे और तंदूरी चिकिन खाएंगे, रात को करीब १० बजे खाना खाया और बियर पि, मैंने बियर में थोड़ा सा व्हिस्की भी मिला दी थी, व्हिस्की कभी कभी मम्मी पीती है, मैंने जितना व्हिस्की निकली उतना पानी डाल दिया ताकि माँ को शक ना हो की हम लोगो ने उनकी व्हिस्की पि.

मेरी बहन ने कहा भैया आज का बियर तो काफी स्ट्रांग है मुझे तो काफी नशा आ गया, मैंने कहा हां लग तो ऐसे ही रहा था, वो उठी और बाथरूम जाने लगी वैसे ही वो लड़खड़ा कर गिरने लगी मैंने उसको संभाला, पर उसी कर्म में बहन का गोल गोल बड़ा बड़ा बूब मेरे हाथो में आ गया, बहन झूमते हुए बोली “हम्म्म्म नॉटी भाई, क्या किया तुमने”मैं : कुछ भी तो नहींबहन: तो ऐसे ही मेरे बूब दब दयामैं : अरे यार तो क्या हुआ, गलती से दब गयाबहन: तो जोर से क्यों नहीं दबायामैं : जोर से? क्यों तुम्हे अच्छा लगेगा क्या?बहन: अभी आती हु तुम्हे गिफ्ट दूंगी, आज तो खुश कर दिया बियर पिला के, और हां सिगरेट है अभी आती हु वाशरूम से जला के रखना.मेरी बहन वाशरूम में गयी और वापस पेशाव कर के आई मैंने सिगरेट जला के उसे दे दिया, वो कस पे कस लगाने लगी, मैं भी कस लगा रहा था, उसके बाद बोली, आज मजा आ गया. तो मैंने कहा मजा तो आ गया चिकन भी था, बियर भी था, पर वो नहीं रहने की वजह से मजा थोड़ा फीका हो गया, तो मेरी बहन बोली क्या है यार साफ़ साफ़ बोल. आज तुम्हे सब कुछ मिलेगा, मैंने कहा क्या आज हम दोनों सेक्स कर सकते है किसी को पता भी नहीं चलेगा. तो मेरी बहन बोली नहीं यार, ये मेरे से नहीं होगा, मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है. तो मैंने कहा नहीं किया तो आज कर लो तुम तो मस्त माल हो गयी है, अभी तुमको चुदने में काफी अच्छा लगेगा, आज तो मौका ही, अगर तुम आज मेरे से नहीं चुदी तो आने बाले समय में किसी और से चुद जाएगी क्यों ना  घर का माल घर में रह जाये. आप ये कहानी  पे पढ़ रहे है,  मेरी बहन तैयार हो गयी, बोली देख भाई मैं तुम्हे चूत में घुसाने नहीं दूंगी क्यों की मैं अपनी वर्जिनिटी मैं अपने बर्थडे में खोना चाहती हु, तू चाहे तो गांड मार ले, मेरा तो ख़ुशी का ठिकाना ना रहा क्यों की मुझे तो गांड मारना ही पसंद है, फिर क्या था हम दोनों एक दूसरे को बाहों में झूमते हुए बैडरूम में गए और मैंने अपने बहन का एक एक कर के सार कपडा उतार दिया, वो गजब की हॉट लग रही थी, बड़ा बड़ा चूच मस्त गोरी शरीर पिंक होठ, चूत के पास हलके हलके बाल, गांड गोल गोल उभरा हुआ चलती तो दोनों तरफ चूतड़ एक दूसरे को सहलाते हुए चलती, वो लेट गयी मैंने अपने बहन के होठ को चूसना सुरु किया फिर बूब दबाना, मजा आ गया दोनों निप्पल को जब बारी बार से अपने दांत से दबा रहा था वो तो बस आआह्ह आआआहह आआआहह उफ्फ्फ्फ्फ़ कर रही थी, वो बार बार अंगड़ाई ले रही थी, फिर मैंने चूत को चाटना सुरु किया पर बहन बोली आज नहीं तू बर्थडे पे चाट लियो, तू ही मेरी वर्जिनिटी का मालिक रहेगा, और वो पेट के बल लेट गयी, मैंने उसके कंधे से पीठ से चूतड़ से जांघ से निचे पैर तक चाटना सुरु किया और फिर गांड को चाटने लगा दोनों हाथ से चूतड़ को अलग अलग किया, और गांड के छेद पे जीभ रखा और जीभ को लकपकाने लगा वो तो इतनी कामुक हो गयी यार की बता नहीं सकते वो तो ऐसे ऐसे आवाज निकाल रही थी कभी तो लग रहा था उसे दर्द हो रहा था कभी लग रहा था उसे ठण्ड लग रही है कभी तो लग रहा था किसी ने पेट में चुति काट ली, फिर मैंने अपने लैंड पे ऊपर थोड़ा थूक लगाया और अपने बहन से गांड में पेल दिया.वो कराहने लगी और आँख में आंसू आ गए जब की अभी तक मेरे लैंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था, मैंने उसको सहलाया और फिर से कोशिश की चार पार झटके में पूरा लण्ड अंदर चला गया, मेरी बहन बार बार कह रही थी भैया गांड धीरे से घुसाओ प्लीज दर्द होता है, मैंने भी कहा रुकने बाला मैं जोर जोर से उसके गांड में अपना लण्ड घुसा रहा था, दोनों नशे में चूर चूर थे और फिर थोड़े देर बाद वो भी गांड उठा उठा के गांड मरवाने लगी, रात भर में करीब ६ बार मैंने अपने बहन को गांड मारी, सुबह जब उससे देखा तो वो ठीक से चल नहीं पा रही थी, आपको मैं अपनी बहन की वर्जिनिटी की कहानी बताऊंगा उसका बर्थडे अभी ३ दिन बाद है.

खूबसूरत मामी की चुदाई की कहानी KhoobSurat Maami Ki Chudayi

हेलो दोस्तों, आज जो हिन्दी चुदाई की कहानी बताने जा रहा हू वो मेरी मामी की चुदाई की कहानी हैं. मेरी मामी की बू ब्स ३६ साइज का, गोरी चिट्टी, गदराया हुआ बदन, मस्तानी चाल और चेहरे पे हसी और रशीले होठ, मैंने तो देखते ही पागल हो गया यार वो मेरी मामी थी, मस्त माल है मेरी मामी, मेरा तो सारा रास्ता का थकान खतम हो गया उनकी मटकती हुयी चाल और झूमते हुए चूतड़ को देखकर.
मैंने सब को बारी बारी से प्रणाम किया और बैठ गया, चाय बिस्कुट ली और फिर नानी जी से बात चित करने लगा, पर मेरी नजर हमेशा मामी पर ही था वो रसोई में खाना बना रही थी, और आ जा रही थी, मेरे तो ह्रदय के कमल खिल रहे थे उनकी मुस्कुराहट पे, मैं मामी को पूछा मामी जी मां जी कब आते है घर पे, तो वो बोली उनका कुछ भी पता नहीं, वो बड़े बिजी रहने लगे है आजकल कभी कभी वो नहीं भी आते है, क्यों की ऑफिस में भी सोने का जगह है. तभी बेल्ल बजा और मां जी आ गए, मैंने उनको भी प्रणाम किया पर वो मामी जी से बोले, जल्दी मुझे खाना दे दो मुझे अभी अहमदाबाद के लिए निकलना है, जरुरी काम आ गया है, और मामा जी खाना खाके जल्दी ही चले गए,फिर मैंने खाना खाने बैठ गया, मामी जी जब भी आती थी रोटी देने तब उनके बड़े बड़े गोर गोर बूब्स का दर्शन हो जाता था, मेरी निगाह उनके ब्लाउज के ऊपर से निकले हुए चूची पे ही था, पर वो भी भाप गयी की मैंने उनके चूची को ही देख रहा हु, इस बार आई और मुस्कुराते हुए बोली क्या देख रहे हो मुकेश, मैं मन ही मन सोचा मैं तो आपको चूची देख रहा हु मामी जी, क्या मां जी दबाते नहीं है क्या क्यों की ये एक दम टाइट और सुडौल है, पर मैंने कह दिया नहीं नहीं मम्मी जी कुछ भी नहीं, बस यूं ही, आज आप बड़े ही सुन्दर लग रहे हो.नानी जी जल्दी ही सो जाती है, काफी गर्मी था इस वजह से मामी जी बोली मैं नह लेती हु, तब तक आप मूवी देख लो, और मैं टीवी पर मूवी देखने लगा, तभी बाथरूम से आवाज आई मुकेश मुकेश मैं बाथरूम के पास पंहुचा और पूछ हाँ जी मामी जी तो वो बोली थोड़ा पीठ पे एक बार साबुन लगा देना, मैंने दरवाजा खोला तो देखा वो पेटीकोट पहनी थी और दोनों बूब्स को तौलिया से ढक राखी थी, क्या बताऊँ दोस्तों कैसी हॉट लग रही थी मैं साबुन लगाना सुरु किया पर मेरा लंड नहीं मान रहा था, खड़ा हो गया, पर किसी तरह से मैंने मन इधर उधर दौड़ाया और फिर साबुन लगा के बाहर आया, अब तो मुझे उनका शरीर ही आँखों के आगे नाच रहा था, लंड भी बार बार खड़ा हो रहा था,दोस्तों ये कहानी आप पर पड़ रहे है।तभी वो नहा के बाहर आई वो सिल्क की नाईटी में थी अंदर वो ब्रा भी नहीं पहनी थी, मैं तो देखते ही रह गया, गजब का उनका चूच हिल रहा था, और खुले बालों में बड़ी ही खूबसूरत लग रही थी, वो हलकी सी लिपस्टिक और टेम्पटेशन का डिओड्रेंट लगाई, क्या मस्त माहौल हो गया था, तभी वो बोली मुकेश आज तो मामा जी नहीं है, मुझे तो अकेले डर लगता है, क्या आप मेरे कमरे में सोओगे, मुझे तो मानो लॉटरी लग गई हो, मैंने कहा जैसी आपको इच्छा, मेरा तो दिल बाग़ बाग़ हो गया था,फिर हम दोनों एक ही बेड पे लेट गए और टीवी देखने लगे, मामी की दोनों चूचियाँ गुम्बद की तरह ऊपर की और किये हुए था, भीनी भीनी खुसबू आ रही थी, तभी टीवी का चैनल चेंज करते करते एक इंग्लिश चैनल पे हॉट किसिंग सीन चल रहा था मामी वही रूक के देखने लगी, फिर वो बोली मुकेश कोई गर्ल फ्रेंड है, मैंने कहा नहीं, तो बोली कभी किसी को किश किये हुए, मैंने कहा नहीं, तो वो बोली बेकार लड़के हो यार आजकल के कोई भी लड़का ऐसा नहीं है जो ये सब नहीं किया हो, कोई जरुरी नहीं की गर्लफ्रेंड हो तभी ये सब होता है, आप किसी को भी पटा कर ये सब कर सकते हो, मैंने थोड़ा हिम्मत से काम लिया और बोल दिया क्या मैं आपको भी पटा सकता हु, वो मेरे तरफ देख कर बोली चल बेवकूफ, बोल के पटाया जाता है, और मेरे में है क्या जो मुझे पटाओगे, मैं तो शादी शुदा हु, कोई टंच माल को पटाओ, तो मैंने तुरंत ही कह दिया, आप तो बहुत टंच हो, सभी लड़कियों भी फेल है आपके सामने.फिर वो मेरे तरफ घूम गई, बोली कितना बड़ा है? मैंने कहा आप खुद ही नाप लो, वो मेरा लंड पकड़ ली और बोली हे भगवान ये तो खुटा है, लंड और इतना बड़ा? मैंने तो पागल हो जाउंगी अगर मेरे अंदर ये चला गया तो, और फिर वो मेरे होठ पे किश कर ली और मैंने भी उनको किश करते हुए मामी की चूचियों को मसलने लगा,दोस्तों ये कहानी आप पर पड़ रहे है। मैने उसी वक़्त उनके होठ चूसना स्टार्ट कर दिए इतने रसीले होठ मैने अपनी लाइफ मैं नही देखे थे मामी भी मुझे बराबर का रेस्पॉन्स देती जा रही थी. ये देख क मुझमे ओर जोश आ गया मैं मामी की बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाये जा रहा था इतने मैं उन्होंने बोला की होठ और चूच ही दबायेगा की और भी कुछ करेगा, ओह्ह्ह इतना सुनते ही मैं उनके नाईटी को ऊपर कर दिया, वो ब्लैक कलर की पेंटी पहनी थी मैंने पेंटी को खोल दिया और नाक में लगा के सुंघा तो वो बोली इसको क्यों सूंघ रहा था चूत जब तेरे सामने है, मैंने तुरंत ही मामी की चूत को चाटने लगा. वो तो मानो पगाल सी हो गयी थी वो आ आ की सिसकारिया भरने लग गई बोली मुकेश चाट डालो आज चूत को तुम्हारी ही ह तुम्हारे मामा से तो कुछ नही सकता लाइफ मैं ये सुनके मुझमे ओर जोश आ गया ओर मैं ओर ज़्यादा ज़ोर से चूत चाटने ल्ग गया वो आ आ की सिसकारिया भरने ल्गीउसी समय एक अंगड़ाई ली वो झड़ गई ओर मैने उनका सारा माल अपने मूह मैं ले लिया फिर मैने मामी को अपना लंड दिया इतना लूंबा लंड देख कर तो वो पगाल सी होके टूट पड़ि ओर मेरा लंड अपने मूह मैं ले लिया उस टाइम की क्या फीलिंग थी दोस्तो फिर मैने मामी को चोदना स्टार्ट किया एक ही बार मैं पूरा लंड अंदर डाल दिया वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने ल्गी आ मुकेश मार डालेगा क्या. मैने कहा हा रंडी तुझे चोद चोद क मार डालूँगा .दोस्तों ये कहानी आप  पर पड़ रहे है। फिर मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगने लग गया उसके बाद मैने मामी की गांड गांड मारी स्टार्ट कर दिया वो बस आह आअह ओह्ह्ह ओह्ह ओह्ह्ह कर रही थी और बीच बीच में अंगड़ाई लेके झड़ रही थी पर मैं एक भी बार नही झड़ा था फिर गांड मारते मारते मैं झड़ने ही वाला था की मैने अपना लंड मामी क मूह मैं डाल दिया वो ज़ोर ज़ोर से चूसने ल्गी ओर मैने अपना सारा माल मामी के मूह मैं निकल दिया जिसे वे पी गई. तब भी हम दोनों को सहलाने का सिलसिला जारी रहा.मामी जी तभी उठी और अलमारी से एक टेबलेट निकाली और बोली ले इससे खा ले, मैंने टेबलेट खा ली, तभी ५ मिनट बाद मेरे अंदर पता नहीं कहा से इतना जोश आ गया, मेरा लंड तन गया अब मैं मामी के चूत को चोदना सुरु किया, क्या बताऊँ दोस्तों फिर तो रात भर मामी ने चुदवाया और मैंने चोदा, जब ४ बार चुदाई की तो दोनों थक गए उस समय सुबह के पांच बज गए थे, दोस्तों ये कहानी आप  पर पड़ रहे है।रात भर की चुदाई करने के बाद, मैं सो गया, जब उठा तो देखा मामी जी नहा धोकर वो खाना बना रही थी, फिर मामी बोली अभी तीन दिन तक मामा जी नहीं आएंगे, मैंने कहा ठीक है, मैं हु ना. और वो हसने लगी,

कुमारी लड़की की टाइट चूत की चुदाई का मजा Kunwari Ladki Ki Tight Choot Ki Chudayi

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18 साल की भरी-पूरी जवान कुंवारी लड़की कि चुदाई

मेरे घर के पास संध्या नाम की लड़की रहती थी, वो भी 18 वर्ष की भरी-पूरी जवान लड़की थी।
एक दूसरी लड़की मेरी गर्ल-फ़्रेण्ड थी.. उसका नाम कनिका था।
संध्या को मेरे और कनिका के सेक्स सम्बन्ध के बारे में पता था, मैं जब कनिका को कहीं ले जाता था तो यह बात संध्या को पता होती थी क्योंकि मैं संध्या के घर से ही कनिका को फोन किया करता था।
कनिका और संध्या अच्छी सहेलियों की तरह बातें करती थीं।कनिका मेरे और उसके बीच हुए सेक्स के बारे में संध्या को बता दिया करती थी।



कनिका को इस बात का आभास नहीं था कि उसके द्वारा सेक्स की बातें बता देने से संध्या के मन में भी चूत चुदाने की इच्छा जागृत हो गई थी।नादान सन्ध्या मेरे घर आकर मुझे पूछती- भैया.. कल आपने कनिका के साथ क्या क्या किया?मैं उससे बोलता- तुझे उस से क्या लेना देना है..और इस तरह मैं उसे टाल देता था।
वो मेरी देख कर शरमा कर चली जाती थी।

जब मैंने कनिका से संध्या के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो मेरे और उसकी चुदाई की सारी बातें संध्या को बता देती थी।

मैं अब सब कुछ समझ गया था।

एक दिन जब मैं अपने घर में काम कर रहा था.. तो संध्या मेरे पास आई और मुझसे बातें करने लगी।

मैंने उससे कहा- तू अभी जा.. थोड़ी देर से आना.. मुझे कुछ काम करना है।

मगर वो नहीं मानी। मैं उससे थोड़ी देर तक कहता रहा.. फिर वो चली गई।

तभी मेरी मम्मी को बाज़ार जाना था तो मम्मी ने मुझसे कहा- मैं थोड़ी देर में वापिस आ जाऊँगी.. तुझे चाय वगैरह पीनी हो तो संध्या को बोल देना.. वो बना देगी।

मैंने कहा- ठीक है।

मम्मी के जाने के ठीक बाद संध्या फिर से मेरे यहाँ आ गई और मुझे परेशान करने लगी।
मैं आज अपना काम नहीं कर पा रहा था। इतने में संध्या मेरे हाथ से पेन छीन कर मेरे कमरे में भागने लगी।

मैं उसे पकड़ने के लिए खड़ा हुआ और झपट कर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया।
जब मैंने उसको पकड़ा तो मेरे हाथ उसकी चूचियों पर आ गए थे, उसकी चूचियाँ बहुत ही नर्म और छोटी-छोटी थी।

मेरे हाथों से उसके कोमल स्तन दब से गए थे। अब स्थिति कुछ इस तरह बन गई थी कि मेरा लण्ड उसकी गाण्ड पर टिका हुआ था। उसके चूतड़ों की गोलाइयों ने मेरे लण्ड को छूकर उसमें आग सी लगा थी।

उसको थोड़ी देर तक यूँ ही पकड़ने के बाद उसने मुझे मेरा पेन वापस दे दिया। मैं अब पेन नहीं लेना चाहता था.. मुझे मजा जो आ रहा था.. पर मुझे छोड़ना ही पड़ा।

मैंने उससे कहा- मेरे लिए चाय बना दे।

उसने कहा- ठीक है भैया..

वो चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई।

मैं थोड़ी देर तक सोचता रहा कि अब क्या करूँ मगर अब मुझसे चुदाई किए बिना नहीं रहा जा रहा था।

मैं धीरे से उसके पास रसोई में गया और उसके पीछे जाकर खड़ा होकर चिपक सा गया और कहने लगा- क्या यार.. अभी तक चाय नहीं बनी?

मेरे स्पर्श से वो लहरा सी गई।
फिर मैं उसके पीछे से हट गया.. क्योंकि वो कुछ समझ गई थी।

वो मुझसे कहने लगी- भैया दूर रहो.. करण्ट सा लगता है..

मैं भी समझ गया गया था कि वो क्या कह रही है।
उसने मुझे चाय दी और कहा- भैया मैं घर जा रही हूँ।

मैंने कहा- कहा रुक ना.. चाय तो पीने दे उसके बाद चली जाना।

उसने कहा- ठीक है.. पी लो।

मैं उसे अपने कमरे में ले गया।
वो मेरे कमरे में एक कोने में चुपचाप खड़ी हो गई।
मैंने सोचा कि अब क्या किया जाए… मैंने उससे जानबूझ कर कनिका की बात को छेड़ा।

मैंने उससे पूछा- तेरी कनिका से कोई बात हुई है क्या?

उसने कहा- नहीं..

फिर मैंने उसको कहा- तू कनिका को फोन करके यहाँ बुला ले।

उसने कहा- क्यों.. यहाँ क्यूँ बुला रहे हो भैया?

मैंने कहा- मम्मी नहीं है ना इसीलिए।

उसने कहा- ठीक है.. मैं उसे फोन करके आती हूँ।

मैंने कहा- रुक..

मेरे यह कहने से वो रुक गई और कहने लगी- बोलिए.. क्या कह रहे हो भैया?

मैंने उससे पूछा- कनिका तुझे क्या-क्या बताती है।

तो उसने होंठ दबाते हुए कहा- कुछ नहीं।

मैं समझ गया कि यह अब मुझसे बोलने में डर रही है।

मैंने कहा- सध्या.. जरा मेरे पास तो आ..

वो बोली- क्यूँ?

मैंने कहा- आ तो सही।

वो धीरे से मेरे पास आई। मैंने उसको बिस्तर पर बैठाया और कहा- संध्या तुझे सब पता है ना.. मेरे और कनिका के सेक्स के बारे में..

तो वह कहने लगी- भैया मुझे कुछ नहीं पता है.. कसम से..

वो उस समय डर गई थी। फिर मैंने कहा- कोई बात नहीं.. तुझे हमारी बातें जानना हो तो मुझसे पूछ लिया कर.. मगर कनिका से मत पूछा कर।

तो उसने तुरन्त पूछा- क्यूँ?

मैंने कहा- कहीं कनिका ने तेरी मम्मी से कह दिया तो?

उसने धीरे से ‘हाँ’ में सर हिलाया। उसके बाद मैंने उससे पूछा- तुझे जानना है क्या..? अभी बता..!

तो उसने धीरे से अपने मुँह को ‘नहीं’ में हिलाया। फिर भी मैंने उसको बात बताना शुरु कर दिया। थोड़ी देर तक तो वो ‘ना.. ना..’ कर रही थी.. उसके बाद वो गौर से सुनने लगी। मैंने उसको रस लेते हुए एक बात तो पूरी बता दी।

उसके बाद उसने मुझसे कहा- भैया कोई और दिन की बात सुनाओ ना..

जब मैंने उससे कहा- मैं अब सुनाऊँगा नहीं बल्कि करके बताऊँगा।

‘नहीं ना.. हटो.. नहीं..’

‘मैं करके बताना चाहता हूँ। उसमें अधिक मजा आता है…’

वो एकदम से खड़ी हो गई।

मैंने उसको आगे से पकड़ लिया और उसके होंठों की पप्पी लेने लगा। वह मुझसे छूटने की पूरी-पूरी कोशिश कर रही थी। मगर मैंने
उसको छोड़ा नहीं।

थोड़ी देर के बद मैंने उसको कहा- बिस्तर पर लेट जा..

मगर वो बोली- मैं चिल्ला दूँगी.. भैया मुझसे छोड़ो..

मैंने कहा- ठीक है तू चिल्ला..

मैंने उसको अपने हाथों में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया।

अब मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और उसको चूमने लगा।
थोड़ी देर तक तो वो ‘ना.. ना..’ करती रही, फिर मैंने अपने एक ही हाथ से उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और एक हाथ से उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया।
वो लगातार ‘नहीं.. नहीं..’ कर रही थी, फिर मैंने उसके सलवार में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा।

थोड़ी देर तक यह करने के बाद वो भी गरम होने लगी, मैंने फिर उसके हाथ को छोड़ दिया और उसके बाद मैं समझ गया कि अब यह भी गरम हो गई है।

फिर मैंने उसकी कुरती उतार दी और उसके साथ उसकी शमीज भी उतार दी।

मैं उसके चीकू जैसे स्तनों को सहलाने लगा और उसकी चूत को भी सहलाने लगा। मुझे पता था कि यह पहली बार चुदाई करवा रही है।

उसके मुँह से ‘आह्हह्ह… ह्हह्ह’ की आवाज आ रही थीं।

मैंने उससे कहा- मैं कनिका के साथ भी यही करता हूँ।

तो उसने अपनी बन्द आँखें खोलीं और नशीली आवाज में कहा- उसके बाद क्या करते हो?

मैं समझ गया था कि यह अब पूरी गर्म हो गई है, मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए, अब वह मेरे सामने पूरी नंगी थी।

मैंने भी फिर अपने कपड़े उतारे और तेल की शीशी ले कर आया।

मैंने अपने 7 इन्च के लण्ड पर तेल लगाया जो कि खड़ा हो गया था। उसके बाद उसकी चूत पर भी तेल लगाया। मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल कर तेल लगाते हुए उससे कहा- क्या मैं अपना लण्ड डालूँ?

तो उसने कामुकता से कहा- हाँ.. डाल दो ना भैया..

मैंने जैसे ही अपना थोड़ा सा लण्ड उसकी चूत में दबाया तो वह जोर से चिल्ला दी।

‘ऊऊओ.. म्मम्मम्मम्मी.. आआ.. आहहअ.. अईईए.. नहीं.. ईईई.. भैयाआआ.. बाहर.. निकालो..’

मैंने अपना लण्ड निकाला और कहा- थोड़ा तो दर्द होगा.. तू इतनी ज़ोर से मत चिल्लाना।

उसने रुआंसे होते हुए कहा- ठीक है.. मगर भैया थोड़ा धीरे-धीरे डालना।

मैंने फिर से अपना लण्ड उसकी चूत में डाला.. तो वह फिर से चिल्लाई।

अबकी बार मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और उसके मुँह को चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद उसका चिल्लाना कम हुआ।

फिर मैंने अपनी कमर को थोड़ा पीछे करके ज़ोर से एक झटका दिया और अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। उसके बाद वह तो समझो मर ही गई थी।

वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई- मम्मई.. नहीं ईईई.. अई.. भैयाआ.. आआअहह.. निकालो ऊऊऊ..

फिर मैंने उसका मुँह से अपना मुँह लगा। लिया और वो ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी। उसकी चूत में से खून आने लग गया और वह पागल सी हो गई।

मैंने उसके चिल्लाने पर भी उसे चोदना नहीं छोड़ा और चोदता ही चला गया। थोड़ी देर के बाद मेरे लण्ड से सफ़ेद गाढ़ा सा वीर्य निकलने को हुआ.. जो मैंने बाहर निकाल दिया।

मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही थोड़ी देर लेटा रहा। मेरे लण्ड को उसकी चूत में से बाहर निकालने बाद ही उसने शान्ति की सांस ली और कहा- भैया अब मैं आपसे कभी नहीं चुदवाऊँगी।

मैं उससे कहा- तू अपना खून साफ़ कर ले और कपड़े पहन ले।

मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद अपना काम करने लगा गया।

थोड़ी देर के बाद वह कमरे में से बाहर आई और कहा- भैया मैं जा रही हूँ।

मैंने कहा- ठीक है.. अब कब आएगी।

तो उसने कहा- जब समय मिलेगा।

वो चली गई.. पर आज भी जब भी मौका मिलता है.. मैं उसको चोदता रहता हूँ। अब वो भी चुदाई का पूरा मजा लेती है।

17 साल की कुंवारी लड़की कि चुदाई Kunwari Ladki Ki Chudayi

हमने अपने घर के नीचे के हिस्से को किराये पर दिया हुआ है। वहाँ पर तीन परिवार रहते हैं। एक परिवार में एक पुरुष और २ नेपाली लड़कियाँ रहती हैं, जो बहुत सुन्दर हैं। दूसरे परिवार में एक मियां-बीवी रहते हैं। उसकी तो बात ही मत पूछो। चूचे मध्यम आकार के लेकिन एकदम तने हुए, रंग गोरा। हमारे नीचे वाले बाथरूम के ऊपर तक दरवाजा नहीं है इसी लिए मैं उसके गोरे गोरे मलाई जैसे चूचों के दर्शन कई बार कर चुका हूँ। लेकिन उसकी मेरे साथ सेट्टिंग नहीं हो सकती थी।


अब बात तीसरे परिवार की, उसमें पांच लोग हैं आदमी-औरत उनके दो 10-12 साल के दो लड़के और एक 17 साल की लड़की जिसका नाम प्रीति है। प्रीति का रंग सांवला है लेकिन फिगर का क्या कहना, चूचे एकदम तने हुए। यह तो थी जान-पहचान ! अब आता हूँ कहानी या यों कहो की आपबीती पर। प्रीति बारहवीं क्लास में पढ़ती है। वो रोज शाम को कपड़े सुखाने छत पर आती है। सेक्स कहानी एक दिन मेरी मम्मी ने कहा- प्रीति आई थी, वो बोल रही थी कि उसने कंप्यूटर सीखना है। मैं मन ही मन खुश होने लगा। वो शाम को 7.00 बजे कंप्यूटर सीखने के लिए आई। मैं उसे कंप्यूटर सिखाने लगा वो मेरी दांई और बैठी थी इसलिए कभी कभी जानबूझ कर मैं माउस चलते समय उसके वक्ष से अपनी कोहनी लगा देता।उसने कंप्यूटर पर लिख दिया- मनीष आई लव यू। सेक्स कहानी मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि मनीष उसकी क्लास में पढ़ता है।  मैंने उससे बोला- मैं इसके बारे में तेरी मम्मी को बताऊँगा।  वो मुझसे कहने लगी- आपको इससे क्या मिलेगा? लेकिन मैं फंस जाऊँगी, मैंने तो गलती से लिख दिया, मैं अब मनीष से प्यार नहीं करती।  फिर उसकी मम्मी ने बुला लिया और वो चली गई।अगले दिन उसने ऊपर छत पर जाते समय मेरे कमरे में एक पर्चा फेंक दिया। उसमें लिखा था कि मैं उसकी मम्मी से शिकायत न करूँ, और वो रात को कंप्यूटर सीखने आएगी।  मैं शाम को उसका इंतजार करने लगा, वो 7.00 बजे आ गई। सेक्स कहानी वो मुझसे पूछने लगी कि क्या मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।  तो मैंने उसे न में जवाब दिया। उसने मुझे हमारी गली की लड़कियों के चक्करों के बारे में बताया।  उसने बोला- न तो आप किसी से प्यार करते हैं और न ही मैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं।  मुझे लगा कि उसका इशारा मेरी ओर था। तो मैंने उसे आई लव यू बोल दिया। उसने शरमाते हुए हाँ कर दी। और इस तरह से हमरी प्रेम कहानी शुरू हो गई।  जब भी वो छत पर जाने लगती वो मुझसे मिलने आ जाती। कुछ दिनों के बाद मैंने उसके गाल पर चुम्बन कर लिया। मेरी बहन एक साल से होस्टल में रहती थी और मम्मी पापा का भी विचार बन गया पुणे रहते रिश्तेदारों से मिलने का। मेरे कॉलेज शुरु होने वाले थे इस लिए मैंने जाना रद्द दिया। वो दो हफ्ते के लिए जा रहे थे।सेक्स कहानी  प्रीति और उसका परिवार रोज़ रात को सोने के लिए छत पर आते थे। मैंने प्रीति को बोल दिया रात को नीचे मुझसे मिलने के लिए आये।वो रात के करीब सवा एक बजे मुझसे मिलने आ गई। मैंने उसे अन्दर बुलकर दरवाजा बंद कर लिया।मैं उसके गाल पर चुम्बन करने लगा, फिर उसके होंठ चूसने लगा।उसने अपनी ऑंखें बंद कर ली, मैंने उसके वक्ष पर हाथ फिराया। तो उसने मुझे ऐसा करने से रोका।लेकिन मैं उसे समझाते हुए उसके चूचे दबाने लगा और वो गर्म होने लगी, मुझे जोर जोर के पकड़ने लगी।मैंने उसका कमीज उतार दिया। वो शरमा रही थी और अपने हाथों से अपने आप को छुपा रही थी।मैंने उसके हाथ फ़ैलाए और उसे अपनी बाहों में समां लिया। मैंने उसकी पजामी ब्रा और चड्डी उतार दी। और खुद तो मैं निक्कर में था मैंने उसे इसको उतारने के लिए कहा तो पहले तो उसने मना किया लेकिन मेरे कहने पर उसने उतार दी। सेक्स कहानी  फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाकर चूमना चालू कर दिया। वो मदहोश हो रही थी, मेरे चूमते हुए उसने मुझे जोर से जकड़ लिया और उसकी चूत से पानी बहने लगा। मैं उसका पूरा शरीर चूमने लगा, वो कहने लगी- प्लीज़ ! मेरी प्यास बुझा दो।उसने मुझे बताया कि वो पहले किसी लड़के के इतना करीब नहीं आई और इस पर मुझे विश्वास तब आया जब मैंने अपना 7 इंच का लंड उसकी कसी हुई चूत में डाला और उसकी चीखें निकल गई।मैंने अपनी रफ़्तार कम की और उसके होठों को चूसने लगा इससे वो थोड़ी शांत हुई। उसके बाद मैंने अपनी गति बढ़ा दी उसे भी मजा आने लगा और वो भी चूतड़ उठा कर मेरा लंड अपनी चूत की गहराई तक ले जाने लगी। जब उसकी चूत की दीवारे मेरे लंड को दबा रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।अगले 15 मिनट में वो दो बार अपना कामरस छोड़ चुकी थी। अब मेरी बारी थी, मैंने उसे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ। सेक्स कहानी तो उसने बोला कि वो प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती।तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुंह पर अपना पानी छोड़ दिया। उसके बाद मैंने 2 बार उसकी चूत और गांड भी मारी। यह मेरी जिंदगी का पहला सेक्स अनुभव था। अब हमें जब भी मौका मिलता है हम सेक्स जरूर करते हैं।

तीन जवान लड़की के साथ ग्रुप सेक्स की कहानी 3 Jawaan Ladki Ke Sath Group Sex

हाय, मेरा नाम आकाश सिंह है। रोज की तरह आज भी मैं स्नेहा को चोदने के लिए बेकरार था। स्नेहा मेरी गर्लफ्रेंड है। हम 12वीं क्लास में साथ साथ पढ़ते हैं।वो बला की खूबसूरत है, उसकी चूचियाँ 36 इन्च की हैं।
मैं अभी अपने सपनों में उसकी मादक छवि का रसपान कर ही रहा था कि तभी रोज की तरह स्नेहा का फोन आया, मैं उसका ही इंतजार कर रहा था।मैंने फोन उठाया तो स्नेहा की बुआ की लड़की परी बोल रही थी। मैं परी से मिल चुका था, वो बहुत ही सेक्सी किस्म की बिंदास लड़की थी।


उसने मुझसे कहा- क्या यार आकाश… रोज स्नेहा को ही चोदोगे या हमारा भी कभी नंबर आएगा?इतना सुनते ही मेरा लण्ड तनतना गया।मैंने कहा- जब कहो जानेमन.. तब चोद दूँ..!वो बोली- तो आ जाओ आज.. हो जाए.. ‘खाट-कबड्डी’..!मैंने ‘हाँ’ बोल कर फोन काट दिया।मैंने सोचा कि साली मजाक कर रही होगी।जब मैं स्नेहा के घर पहुँचा, तो रोज की तरह पहले फोन किया, उसने खिड़की खोली।चूँकि सर्दी का महीना था, इसलिए सब जल्दी ही सो गए थे।मैं जल्दी से अन्दर चला गया।अन्दर परी और प्रतीक्षा (परी की बहन) अन्दर लेटकर ब्लू-फिल्म देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी। मुझे देखते ही वे मुस्कुराने लगीं।मैंने प्रतीक्षा से मुखातिब हुआ- अरे तुम भी आई हुई हो..!तो वो हँसने लगी।तभी परी बोली- तुम्हें हमारी चूत फाड़ने के बाद ही यहाँ से जाने का मौका मिलेगा।परी एक नंबर की रंडी थी.. लेकिन है बहुत सेक्सी… उसका नाम लेकर न जाने कितने लौंडे मुठ मारते होंगे..!मैं बोला- तो ठीक है, एक साथ चुदोगी या एक एक करके..!परी और स्नेहा तो अपनी टॉप उतारने लगीं, लेकिन प्रतीक्षा शरमा रही थी, शायद ये उसकी पहली चुदाई थी।यह सोचकर कर मैं और खुश हो गया फिर मैं सीधे प्रतीक्षा के पास गया।स्नेहा और परी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं और मुझसे चिपक कर चूमा-चाटी करने लगीं और मेरे कपड़े खींचने लगीं।वैसे भी ब्लू-फिल्म देखकर उनकी भी चूत गीली हो गई थीं।मैं प्रतीक्षा के पास पहुँच कर उसके पतले रस भरे होंठों को अपने होंठों से चूमने लगा और एक-एक करके उसके कपड़े उतारने लगा।दो मिनट में उसको पूरा नंगा कर दिया और बेड के सिरहाने बैठा कर उसके दोनों टाँगें खोल कर उसकी चूत से अपने होंठों को लगा दिया।उसकी कुंआरी बुर का नमकीन स्वाद और हल्की खुशबू मुझे मदहोश करने लगी।स्नेहा और परी भी अब सारे कपड़े उतार कर चूत को रगड़ने लगी थीं। किसी की चूत पर एक भी झांट के बाल नहीं थे। तीनों ने ही बाल साफ किए हुए थे।मुझे बुर चूसते देख कर वे दोनों भी प्रतीक्षा के अगल-बगल बुर चटवाने बैठ गईं। मैं बारी-बारी से तीनों ही की चूत चाटने लगा, उनकी सिसकारियाँ निकल रही थीं और वो एक-दूसरे की चूत सहला रही थीं।अब मुझसे रहा न गया, मैंने भी अपनी जीप खोलकर अपना 8 इन्च लम्बा लण्ड निकाल कर परी के मुँह में पेल दिया और मुँह में चोदते हुए अपने कपड़े उतारने लगा।वो ‘सुडुप-सुडुप’ करके मेरा लण्ड अपने मुँह में ले रही थी।उसके बाद प्रतीक्षा की बारी आई वो मेरे  सुपाड़े को मुँह में लेकर जीभ से चाटने लगी। इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था।अब स्नेहा की बारी थी, उसके मुँह में देते हुए मैंने परी के बाल पकड़े और एक तरफ स्नेहा के और दोनों के होंठों को लण्ड के दोनों तरफ लगा कर प्रतीक्षा के मुँह को सामने की तरफ रखकर पेलने लगा, जिससे लण्ड का सुपारा सीधे प्रतीक्षा के मुँह में जा रहा था।पूरे कमरे में सिर्फ “आह.. उह.. फच्च.. खच्च” की आवाजें ही आ रही थीं.. मस्ती के मारे मैं प्रतीक्षा के मुँह में ही झड़ गया।उसने मेरा वीर्य तुरन्त ही मेरे लण्ड पर थूक दिया, इससे मेरा लण्ड दम चिपचिपा हो गया। मैंने बिस्तर पर लेट कर परी को इशारा किया।  वो मेरे लण्ड पर बैठ गई और हाथ पकड़कर मेरे लण्ड को चूत में घुसेड़ कर ऊपर-नीचे करने लगी और स्नेहा मेरे मुँह पर चूत रखकर बैठ गई।मैं चूत चाटने लगा।एक हाथ से मैं प्रतीक्षा की चूत में अँगुली करने लगा, वो टांग फैला कर बैठ गई थी परी के मुँह से सिर्फ सिसकारियाँ निकल रही थीं।मैं स्नेहा की चूत चाटने में मस्त था फिर फिर स्नेहा बुर मरवाने लण्ड पर बैठ गई और परी मेरे मुँह पर बैठ गई।मैं प्रतीक्षा के चूत में अँगुली करता रहा। अब प्रतीक्षा की बारी थी। लेकिन उसका कौमार्य अभी तक सुरक्षित था अतः मैंने आसन बदला। अब प्रतीक्षा का कौमार्य भँग करने के लिए उसे फिर से गर्म करना जरूरी था।मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया, परी और स्नेहा उसके आजू-बाजू होकर उसकी चूचियाँ सहलाने लगीं। मैं उसके ऊपर लेट कर अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, वो मेरी जीभ को बेतहाशा चूसने लगी।फिर मैं उसकी चूचियों को मुँह में लेकर उसको और गर्म करने लगा। उसके नरम गुलाबी चूचक चूसने में मजा आ रहा था।उसके स्तन फिर कड़क हो गए थे।मैं उसकी नाभि को चूमता हुआ उसकी चूत पर आ गया और चूत के मटर जैसे दाने को चाटने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ और तेज हो गईं। उसकी चूत से पानी निकल रहा था।स्नेहा और परी उसके होंठों तथा शरीर को चूमने-चाटने में लगी थीं, गरम लोहे पर हथौड़ा मारने का यही सही मौका था।मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत से रगड़ा, तो वो तड़प उठी। अब मैंने हल्का सा दबाव डाला तो वह चिल्ला उठी।अब उसके एक हाथ को स्नेहा ने और एक हाथ को परी ने पकड़ा।  मैं उसके ऊपर आकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, ताकि कोई आवाज ना निकल सके।फिर मैंने एक हाथ से लण्ड पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ते हुए एक जोरदार ठाप लगाई। मेरा सुपारा एक झटके में अन्दर चला गया, उसने चीखने की कोशिश की, पर होंठ दबे होने के कारण आवाज न निकल सकी।तभी मैंने एक धक्का और दिया तो पूरा लण्ड उसके कौमार्य को चीरता हुआ पूरा अन्दर समा गया।इस बार प्रतीक्षा की आँखों में आँसू आ गए, चूत से खून निकलने लगा।मैं दर्द को सहने के लिए कुछ समय वैसे ही रुका रहा, फिर धीरे धक्के लगाने शुरू किए।10-15 धक्कों के बाद मैं रुक गया और स्नेहा को गीला कपड़ा लाने को बोला।फिर अपने लण्ड पर लगे खून को अच्छी तरह साफ करके मैंने प्रतीक्षा की चूत भी पोंछ दी। अब मैं परी से अपना लण्ड चुसवाने लगा और स्नेहा प्रतीक्षा की चूत चाटने लगी।एक बार फिर प्रतीक्षा गरम हो गई। अब मैंने लण्ड एक बार फिर उसकी चूत में डाल दी। इस बार वो गाँड उचका कर मेरा साथ देने लगी।लगभग 20 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद उसका बदन अकड़ने लगा, मैं समझ गया वो झड़ने वाली है और वो कुछ ही पलों में झड़ गई।कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया।एकदम मस्त चुदाई के बाद हम वैसे ही शिथिल पड़े रहे।फिर हमें नींद आने लगी, पर नींद कहाँ से आती, दो-दो  चुदक्कड़ लौंडियाँ स्नेहा और परी ने मिलकर मेरी गांड का पसीना निकाल दिया। छिनालों ने मेरा बलात्कार करने के लिए रम की बोतल निकाली और मुझे नीट दारु पिलाई और खुद भी डकार गईं।दारु पीने के बाद परी ने मुझे एक सिगरेट जला कर दी और खुद भी एक सिगरेट पीने लगी और मुझसे बोली- लगा ले सुट्टा और मेरी चूत पर चढ़ जा हरामी..!मैंने भी मदहोशी के आलम में उन दोनों मस्त चूतों को खूब चोदा और झड़ कर वहीं निढाल होकर गिर गया। कब सो गया मुझे मालूम ही नहीं चला।

किरायेदार ने मुझे घोड़ी बाना के चोदा KirayeDar Ne Ghodi Banakar Choda

मैं पूनम दिल्ली में रहती हु, मैं ३२ साल की हु, मैं अपने पति से वेहद प्यार करती हु पर कभी कभी वासना का नशा इतना हो जाता है की वेवफा बन जाना पड़ता है, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ, ना चाहते हुए भी मैं अपने किरायेदार से चुद गयी, कहानी बड़ी ही रोमेंटिक है, क्यों की मेरे मन में वो पति का शरारत ने मुझे चुदने के उस्काया और अपना सब कुछ न्योछाभार कर दी २0 साल के अपने किरायेदार को. मैं आपको पूरी कहानी सुनाती हु,मेरे पति का टूरिंग जॉब है वो अक्सर कंपनी के काम से दिल्ली से बाहर रहते है पर इस बार तो हद हो गयी है वो 35 दिनों से बाहर है, कौन है जो बिना सेक्स के रह सकता है पर औरत में संयम होता है इस वजह से ज्यादा वो खुल नहीं पाती है ये आप भी जानते है, भले आपको वाइफ या गर्ल फ्रेंड आपसे चुदना चाहती हो पर वो हमेशा आपको नहीं बताएगी वो तो आपको नटखट अदाओ के लिए इंतज़ार करते रहती है,

एक दिन की बात है रात के करीब 10 बज रहे थे मेरे पति देव का फ़ोन आया आज वो बड़े ही रोमेंटिक मूड में लग रहे था, उहोने लैपटॉप के स्काइप पे आने को कहा वीडियो चैटिंग के लिए, मैंने फटा फट लैपटॉप ओन की और आ गयी, मेने पर्पल कलर की नाइटी पहनी हुई थी जो की स्लीवलेस और जाँघो तक की लंबाई ओर सामने से नेट कट है जो मेरे हज़्बेंड को पागल बना रही थी ओर इसलिए वो बार बार बोल र्हे थे की कुछ तो दिखा तो मेरी रानी. पर मेने  उनकी इच्छा को मना कर दी और लॅपटॉप लेकेर बिस्तर पर उल्टा लेट गई. लॅपटॉप मेरे सामने था ओर में उल्टा लेट क्र अपने हज़्बेंड से बात करने लगी. मुझे पता था की इससे मेरे क्लीवेज ओर अच्छे से दिखने लगेंगे क्योकि मेरे बूब्स मेरे बेड से दब कर ओर बड़े दिखने लगे है ओर  नाइटी से काफ़ी बाहर आने लगे. ये देख क्र मेरे हज़्बेंड पागल से हो गये ओर मुझसे बोहोट रिक्वेस्ट करने लगे की कुछ तो दिखा दो बहुत दिन हो गया है तुम्हारे जिस्म को देखे हुए.मेने उनसे हस्ते हुए कहा की मेरे पति हो आप, इतनी इच्छा तो पूरी करनी हे पड़ेगी. फिर मेने अपने पूरे बाल साइड में कर दिए ओर लेफ्ट साइड की नाइटी की स्ट्रॅप को तोड़ा सा नीचे कर दिया. अब मेरी स्ट्रॅप शोल्डर के साइड मे लटक र्ही है ओर मेरी पर्पल ब्रा मेरे गोरे जिस्म पर  मेरे पति को मदहोश कर रही थी है. सच बताऊ तो मेरी हालत भी खराब हो रही थी ओर मन कर रहा था की मैं अपने पति के लिए पूरी नंगी हो जाऊँ वेब केम पे. पर मुझे शरम भी बहुत आर रही थी और मेरे पति बोल रहे थे “ क्या बात है पूनम, मुझे घर आने दो … में तुम्हे नंगा करके कच्चा खा जाऊंगा. में थोड़ी ओर शरमाई ओर फिर उन्होने कहा की अपनी ब्रा की स्ट्रॅप भे नीचे कर दो. उनकी बात मानते हुए मेने अपनी ब्रा की स्ट्रॅप नीचे कर दी ओर अब मेरे क्लीवेज  ऑलमोस्ट मेरे एक बूब्स को 70% दिख रहे थे . मेरी ब्रा सिर्फ़ मेरे निपल को कवर की हुए थी ओर उसके ऊपर का सूब कुछ मेरे पति को दिखा रही थी . मन में आया की तू कितनी बेशरम हो गई है पूनम पर तभी मेरे पति ने कहा “पूनम.. मुझे घर आने दे , में तेरे दूध को अपने होठो से चाटूंगा, दबाऊंगा और काटूंगा ”. ये सुनकर में पागल सी होने लगी. फिर उन्होने कहा की अपनी नाइटी उतार दो, मेने उनकी आज्ञा का पालन की ओर अपने नाइटी उतार दी ओर फिरसे उल्टा लेट गई. रात को में ब्रा का हुक ओपन करके हे सोती हू तो लेटने से मेरी ब्रा एकदम से गिर गई ओर मेरे दोनो अनमोल रतन जो दूध से भे ज़ादा गोरे ओर सोने से भे ज़ादा चमकीले है उन्हे वो सॉफ सॉफ दिखने लगे.उन्होने अपना कंट्रोल खो दिया ओर जल्दी से हे वो भे नंगे हो गये. उनका वो एकदम टाइट था जेसे की लोहे की रोड हो . उसमे जान थी ओर वो एकदम मजबूत सरिया लग रहा था. उसको देख कर तो में पागल हो गई ओर अपनी जीभ निकाल कर में अपने होठो पे लगाने लगी. मेने अपनी टंग नीचे बाले होठ पे टच किया ओर लेफ्ट राइट करने लगी, मेरे पति जोश में आ गए और लंड को अपने हाथ में ले लिया, और लंड पे थूक लगा के जोर जोर से ऊपर निचे करने लगे, मैंने भी उनके लिए हेल्प की और मैं अपना चूत आगे कर दी कैमरे पे वो पागल हो गए और एक लम्बी सांस ली और आआह आआअह आआअह आआह आआह कर के अपना सारा माल निचे ही गिरा दिया और आई लव यू बोल के बोले ठीक है पूनम तुम सो जाओ, गुड नाईट. फिर उन्होने मुझे गुड नाइट बोला ओर सोने चले गये.मैं विस्तार पे पड़ी तड़पती रही ओर कुछ देर तक अपने बूब्स अपने आप ही सहलाती रही ओर कुछ देर बाद सो गई. सुुबह आँख खुली तो मन ही मन रात की बातों को याद कर रही थी बेडसे उठा नहीं जा रहा था मेरी जिस्म की प्यास अधूरी ही रह गयी थी . मेरी ये प्यास मुझे पागल कर रही थी मेरे जिस्म में आग सी लग चुकी थी . मेरा जिस्म गरम हो गया था ओर इसको किसी के प्यार की ज़रूरत थी ठंडे होने के लिए रात का किस्सा सोच कर मुझे प्यार भी आ रहा था और गुस्सा भी . प्यार ये सोच की कैसे हम दोनों ने अपने अपने को कैमरा पे देखे और दिखया और गुस्सा इस बात का की वो तो अपना काम बना लिए और मैं मेरे अंदर का पानी तो अंदर ही रह गया,तभी मेरे दरवाजे का कुण्डी बजा मैं दरवाजे के छेड़ से देखि मेरा किरायेदार जो की २० साल का नौजबान है एक जिम में ट्रेनी है वो हाथ में बाल्टी लिए और बनियान पहने खड़ा था, मैं बस गाउन को शरीर पे दाल के दरवाजा खोली, मुझे उसकी मस्सल्स को देख कर रहा नहीं गया, जैसे वो अंदर आया मेरे अंदर वासना जाग उठा, और मैं पागल हो गयी मैंने उसको पकड़ लिया और होठ चूसने लगी, वो कह रहा था भाभी क्या कर रहे हो, मैंने कहा चुप हो जा नहीं  तो मैं सोर मचा दूंगी को तुमने मेरा इज्जत लूटा, वो डर गया, मैं उससे बेड रूम में ले गयी और कपडे उतार दिए, उसकी मजबूत बाँहों में समा जाना चाहती थी, हुआ भी ऐसा ही वो ५ मिनट में ही बहशी हो गया और वो भी मेरे शरीर को नोचने और चाटने लगा, मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था .मैंने उसके लंड को मुह में ले ली और चूसने लगी, वो आअह आआह आआह कर रहा था, फिर मैं लेट गयी और बोली आज मुझे खुश कर दे, वो अपना लंड निकाल के मेरे चूत के मुह पे लगाया और जोर जोर से धक्के देने लगा, उसका लंड मेरे पति के लंड से ज्यादा बड़ा और मोटा था, वो बस जोर जोर से चोदे जा रहा था और मैं चुदवाये जा रही थी, मैंने हरेक पोज़ में उससे चुदवाई, जब मेरी भूख शांत हो गयी तब मैंने उससे कहा अब तुम अपना सारा माल मेरे मुह में डाल दो, उसने ऐसा ही किया, मैं उसके लंड को और वीर्य को चाट रही थी, फिर दोनों एक दूसरे को पकड़ के लेटे रहे, फिर वो बोला भाभी मुझे कॉलेज जाना है, और वो चला गया, ये वाकया कल ही हुआ है, अब समझ में नहीं आ रहा है की मैं क्या करूँ उससे सेक्स सम्बन्ध फिर से बनाऊ या नहीं, पर मैं तब बिना चुदे नहीं रह सकती इसलिए सोच रही हु की किसी और को ये मौका दू, अगर आप दिल्ली के आस पास रहते है तो मुझे निचे कमेंट करे, मैं आपको भी वही मजा दूंगी, अगर आप दूर रहते है तो मैं वेब केम पे भी आ सकती हु, पर धयान रहे ये सिर्फ मेरे और आपके बीच ही रहेगा,

दोस्त की आंटी को नंगा करके चोदा Dost Ki Aunty Ko Nanga Karke Choda

मेरा एक दोस्त सुन्दर काफ़ी दिन से अपनी एक आंटी को फँसाये था उसे चोदने के लिए जगह खोज रहा था एक दिन मुझसे बोला यार अंकित कोई जुगाड़ कर यार मैने कहा अगर शाम के वक़्त वो आ सके तो में कमरे मे जुगाड़ करवा सकता हूँ रविवार को बाकी दिन तो में कोचिंग पढ़ने जाता हूँ वो बोला बात कर के बताऊंगा.
अगले दिन उसने कहा की आंटी जी रविवार को 8 बजे करीब आ जाएगी में तैयार हो गया रविवार को 8 बजे वो लोग आ गए. में कमरे से चला गया वो लोग चुदाई करते रहे 15 मिनट बाद प्रशांत का फोन आया की आ जाओ काम हो गया में आ गया तो वो आंटी बोली मुझे अपनी e-mail चेक करनी है. मैने अपना कंप्यूटर ऑन कर दिया.


वो सर्च करती रही में उनके बगल मे चेयर डाल के बेठा था. लेकिन उनको कंप्यूटर चलाना नही आता था वो बोली में तो मोबाइल मे चलाती हूँ उन्होने कहा की मुझे चलाना सीखा दो आप मैने अपने हाथ मे माउस लिया तभी उन्होने मेरे हाथ के उपर अपना हाथ रख दिया इस तरह से में सीखाने लगा इधर प्रशांत पिछे से मुझे इशारे कर के कह रहा था की रहने दो.में भी तोड़ा बोर हो रहा था क्युकी उनको कुछ नही आता था लेकिन तभी मेरी नज़र उनके बोब्स की तरफ गई. मैने देखा की साड़ी का पल्लू नीची था ओर ब्लाउस का 1 बटन खुला था गोरे गोरे बोब्स थोड़े खुले थे. मेरा लंड फंनफना गया लेकिन फिर वो जाने के लिए रेडी हो गई लेकिन जाने के पहले वो मेरे  सामने ही प्रशांत से लिपटने लगी. तब प्रशांत ने कहा आप जाओ अंकित बाइक से छोड़ देगा. मैने उनको बाइक पर बैठाया पतली गलियां सूनी थी रास्ते मे वो अचानक से मुझसे लिपट गई बोली की मुझको देख के आपका मन चंचल हो रहा था.मैने महसूस किया है ये आप उस वक़्त मेरे बारे मे कुछ सोच रहे थे ना तभी उन्होने कहा बस बस यही रोक दो मैने बाइक रोकी वो उतर के मुझसे मेरा मोबाईल नंबर मागने लगी. मैने नंबर दिया रात मे 1 बजे करीब उनका फोन आया वो बोली क्या आप मुझसे मिलना चाहोगे. मैने कहा हा क्यू नही लेकिन प्रशांत को बुरा लगेगा वो बोली तो क्या आप दोनो एक साथ एंजाय नही कर सकते मुझे कोई प्रोब्लम नही है आप बात कर लो मैने साफ मना कर दिया की नही में अकेला ही मिलना चाहूँगा आप तो आज मज़ा ले गई हो तो वो बोली नही यार कुछ नही हो पाया.मैने पूछा क्यू वो बोली प्रशांत तो अंदर ही नही जा पाया बाहर ही डिचार्ज हो गया हम तो सूखे ही लौटे वहा से प्रशांत कह रहा था की कई दिन से नही किया था ज्यादा जोश की वजह से नही कर पाया. मैने कहा ये तो गड़बड़ हो गई अगर में वहा होता तो ऐसा तो कभी ना होता तो अचानक बोली की में कल आ  सकती हूँ वही 8 बजे मैने कहा हाँ बिल्कुल आपका स्वागत है.अगले दिन शाम को 8 बजने के पहले ही वो आ गई फ़िरोजी कलर की साड़ी पहने सजी धजी एकदम मस्त लग रही थी 50 साल से कम नही थी लेकिन वो 35,36 साल की लग रही थी. मैने गेट लगाया ओर लाइट ऑफ कर दी नाइट बल्ब जलता रहा वो साड़ी उतारने लगी. मैने उनको नंगा करने मे हेल्प की वो ज़्यादा गोरी नही थी लेकिन बहुत सेक्सी लग रही थी उनका जिस्म गठीला था. मैने उनको लेटाया खुद उपर लेट गया ओर चूमना चालू कर दिया बड़े बड़े बोब्स चिकने मैने मूह मे लेकर चूसना शुरू किया वो मस्ती मे आने लगी मेरे लोवर मे हाथ घुसा के मेरे लंड को पकड़ के सहलाने लगी. मैने कहा में कपड़े उतार दू वो बोली हा तो मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए मेरा लंड देख के वो मुस्कुरा उठी बोली वाउ यार यह तो बहुत मजेदार है….मैने कहा मुह मे लोगी वो बोली हा क्यू नही मुझे लिटा दिया ओर आंटी ने मेरे लंड को मुह मे भर के चूसने लगी उनके खुले बालो मे में हाथ फेरने लगा तभी उन्होने मेरी तरफ देखा उनकी आँखे लाल थी. एकदम एक पल को वो मुझे एकटक देखती रही साथ मे मेरे लंड को सहलाती रही फिर मैने कॉंडम दिया वो लंड मे लगा दिया वो उठी ओर मेरे दोनो तरफ अपनी टाँगे कर के लंड को चूत मे घिसने लगी ओर सिसकारने लगी इधर मेरी हालत खराब हो रही थी में चाह रहा था की वो अंदर घुसा ले तभी उन्होने लंड को अंदर कर लिया.गीली चूत मे लंड सटाक से अंदर घुस गया तो वो आआआः सीसिसीसीसी आईियायाः बोली ओर मेरे सीने मे दोनो हाथ रख के उचकाने लगी चुदाई मे मज़ा आने लगा था. में उनकी पीठ ओर कुल्हो मे हाथ फेरने लगा वो झुकी ओर मेरे होंठ चूसने लगी वो जितना उचकती उतना ही होंठ चूसती थोड़ी देर बाद वो बोली अब में थक गई हूँ आप उपर आओ.. मैने उनको नीचे लिटा के उनकी चूत मे घुसाता गया एक ही बार मे पूरा लंड अंदर कर दिया वो आ अहहहः अहहा अहहा आहा असीसीसिस सीसीसी सीसिस अहहहहहह कहने लगी. में लगातार चोदने लगा वो मुझसे बोली यार बहुत मज़ा आ रहा आह आ आ मज़ा आ रहा है चोदो चोदो में ये सुन के चोदने मे स्पीड बड़ाने लगा.अचानक  से वो अकड़ने लगी में समझ गया वो झडने वाली है तभी वो मुझको ज़ोर से पकड़ के लिपटने लगी में बिना रुके लगातार चोदने मे लगा हुआ था वो अंत पड़ने लगी मुझे देखने लगी ओर बस बस आ आ कहती रही.. मेरा भी तभी निकल गया में लिपट गया वो भी मुझसे लिपट गई अभी उनके उपर ही लेटा रहा वो कान मे बोली यार मज़ा आ गया कितना चोदते हो तुम मज़ा आ गया यार कितना अच्छा चोदा आपने लगा पहली बार चुदवाया हो थोड़ी देर बाद हम अलग हुए में हाफ़ रहा था.कुछ देर मे मेरा लंड फिर खड़ा हो गया मैने उनको कहा अब नीचे लेटो ना लेकिन वो बोली नही अब नही में लेट हो गई हूँ काफ़ी टाइम लग गया कल करुँगी इतना कह कर वो तैयार होने लगी. मैने कहा जाने से पहले एक पप्पी दे दो मेरी जान. वो मेरी तरफ देख के मुस्कुराई किस दिया. मैने कहा मुझे नही इसे. तो उन्होने लंड को किस किया बोली बहुत मेहनती है ये कितनी मेहनत की आज. फिर वो चली गई रात मे उनका फोन आया बोली यार बहुत मज़ा आया अब तक में जैसी चुदाई चाहती थी वैसी हुई में वादा करती हूँ आपके अलावा में अब किसी के साथ ये नही करूगी मैने उनसे कई बार कहा की गांड मारने दो लेकिन वो गांड नही मरवाती लेकिन जितना है वो ही बहुत है.उसके बाद हम अक्सर मिल लेते है वो उम्र होने के बावजूद भी जवान लड़की की तरह मज़ा देती है तो दोस्तो ये थी मेरी कहानी.

पड़ोसन आंटी और उसकी बेटी की चुदाई कहानी Padosan Aunty Aur Uski Beti Ki Chudayi

आज आपको जो पड़ोसन की चुदाई कहानी बताने जा  रहा हू ,मेरी पड़ोसन और उसकी बेटी की चुदाई की कहानी हैं मेरी पड़ोसन  का नाम बता डू जिसके चुदाई की कहानी इस स्टोरी मे है उनका नाम है दीप्ती है, दीप्ती को मैं आंटी कहता था.उसके गांड बहुत ही मस्त गोल और चौड़ा है .उसका चुचि भी बहुत बड़ा और सुडौल है आप दोनो हाथ से नही पकड़ पाओगे उसका एक बेटी भी है जिसका नाम कविता है और वो भी बहुत सेक्सी है.
ठण्ड का दिन था मैं छत पे पढाई कर रहा था उस टाइम मैं बारह्वी का तैयारी कर रहा था, उनका छत और मेरे छत दोनों साथ साथ था, उनके हस्बैंड टीचर थे मैं कभी कभी पढ़ने भी या तो कोई दिक्कत होती थी सब्जेक्ट में तो पूछने भी जाता था, उनकी बेटी जो की मेरे ही क्लास में पढ़ती थी कभी कभी डिसकस करने भी चला जाता था, मैं उनके घर गया तो देखा की कविता नही है और आंटी खाना खा रही थी, उन्होंने कहा की अंकल के फ्रेंड का डेथ हो गया है इसलिए अंकल (कविता के पापा) आंटी मेरे को बोली की अब तुम घर जाओ…मेरे घर मे कोई नही था इसलिए मैं वही रहना चाहता था,आंटी ने फिर से बोला तुम अपने घर जाओ,मैं ऐसे तो मुझे जाने का मन नहीं कर रहा था पर मैं बेमन से उनके घर से बाहर निकला और अपने घर मे घुसने ही वाला था की मैने देखा 3 आदमी आंटी के घर मे घुसे,तीनो बहुत लंबे चौड़े थे…उनमे से 2 बहुत काल और हठा कठ्ठा था ,और एक गोरा और लम्बा चौड़ा था,उनको अंदर होते ही आंटी ने दरवाजा बंद कर लिया.

मैं अपने टेरिश से उनके घर मे धीरे से घुश गया और देखने ल्गा क्या होता है..मैने देखा आंटी अभी खाना खा ही र्ही थी वो तीनो वही खड़े थे, उसमे से एक एक जो बहुत काला था उसने आंटी के बूब्स पकड़ लिए ,और अपना पेंट खोल दिया,उसका 11’इंच का लंड बाहर आ गया जो बहुत ही तना हुआ था और रोड की तरह लग रा था…चुक्की आंटी अभी खाना ख़तम करना चाहती थी सो उसने उसको म्ना किया,लेकिन वो आंटी को मम मे रोटी डालते वक्त अपना लंड उनके मूह मे जबरदस्ती डाल दिया,आंटी का जैसे सांस रुक गया हो,उनके आँखों से आंशु निकल गये,उसके बाद तीनो उनको जबरदस्ती उठा कर बेडरूम मे ले गयेउसके बाद तीनो ने आंटी को नंगा का दिया,और खुद बी नंगा हो गये,3 का लंड बहुत बड़े था,जिसको देख कर आंटी डर गई ,और बोलने ल्गी मेरे को छोड़ दो मैं तुमलोग के पैसे वापस कर दूँगी,उनमे से एक ने आंटी को चाटा मारा और बोला अब तू और तेरी बेटी दोनो को रंडी बनाऊगाऔर पैसे चाहिए तो ले ले,आंटी ने खा अगर मेरे बेटी को चोदना है तो 2 लाख लूँगी,उनलोगो ने कहा ठीक है उसके बाद, एक ने आंटी के मच मे अपना लंड डाल दिया,और आंटी रंडी के तरह उसको चूसने ल्गी,दूसरे ने उसके चिकनी बूर मे अपना मूह लगा दिया,और तीसरा उनके निपल्स चूस रहा था,करीब 10 मीं ये सब चला उसके बाद एक ने आंटी के पैर कसके पकड़ा और बोला जैसे कर र्हे है,वैसे करने दो, जितना पैसे माँगोगी उतना पैसा दूँगा,आंटी बोली ठीक हैउसके बाद एक ने आंटी को डौगी स्टाइल में होने को कहा आंटी तुरंत कुतिया बन गयी ,अब वो अपना लंड आंटी के गांड के छेद पे रखा,और रगड़ने ल्गा,आंटी बोली ये क्या कर र्हे हो,मैने गांड कभी नहीं मरवाई ,उसको मत छोड़ो,इतने पे दूसरे आदमी ने आंटी को एक चटा मारा,और बोला चुप रंडी,और अपना लंड आंटी के मूह मे डाल दिया,पहला आदमी गांड मे थूक ल्गया और थोड़ा सा पेला,आंटी ज़ोर से चिलाने लगी, ,चुकी उसका बहुत मोटा था ,सो इतने मे ब्लड आने ल्गा,आंटी रोने ल्गी और उनके पैर पकड़ लिए,और बोलने ल्गी ,अगली बार मेरा गांड मार लेना इसबार मेरा बूर चोदो. उनलोगो को दया आ गया,वो बोले साली रंडी कल फिर अवँगा और पहले तेरी गांड का भोसड़ा ब्नौँगा,उसके बाद बूर मारूँगा,और तेरी बेटी का  भी पहले गांड मारूँगा,उसके बाद वो आंटी को बेड पे सीधा लिटा दिया,और उसकी बूर पे अपना लौड़ा सटा कर,हल्का सा पुश किया,आंटी को दर्द हो रहा था,वो आज तक इतना बड़ा लंड से नहीं चुदवाई थी, एक ने आंटी का हाथ पकड़ा ,और एक उनके मुह मे अपना लंड डाल कर दूसरे को बोला, चोद साली को,रंडी मादरचोद नाटक करती है,पूरा लॉडा डाल अंदर,आज इसकी बूर का भोसड़ा बना दे,इतने मे तीसरे ने आंटी के बूर मे एक जोरदार शॉट मारा,लेकिन उसका लॉडा फिसल गया,उसने बोला क्या टाइट बूर है बे रंडी,तेरी बेटी का कितना टाइट होगा,अपनी बेटी का बूर और गांड मे तोरा,किसी छोटे लंड बाले से चुदवा के रखना ,नई तो वो बेहोश हो जाएगी,मेरा लंड से,इतने मे उसने एक भरपूर शॉट ल्गया,और उसका लंड आधा अंदर चला गया,अब वो अंदर बाहर करने लगा ,आंटी के आँखो से आंशु आ गया,जब वो नॉर्मल हुई और,एयाया अयाया हह हह करने ल्गी,उनको भी मजा आने ल्गा,तभी उसने एक जोरदार झटका ल्गया,और पूरा लंड अंदर डाल दिया,आंटी के आँखो से आंशु निकल गये,,अब वो पूरी स्पीड से अंदर बाहर करने लगा ,करीब 15 मीं मे वो झड़ गया,आंटी का पसीने से पूरा बदन भींग गया था, और वो 2 बार झड़ चुकी थी,इसके बाद दूसरा  आया और चोदना सुरू किया,अब आंटी को मजा आने ल्गा था,अब दर्द भी कम हो . था,अब आंटी खूब उछाल उछाल कर चुदवा रही थी,इस ई तरह उन तीनो हे आंटी को,3-3 बार चोदा ,आंटी पूरी तरह से तक गई थी,कुछ देर बाद वो सब चले गये और कल आने के लिए बोला…..कुछ देर बात उनको बेटी घर आई तो उसको आंटी ने बताया की,वो उसको 1 लाख रुपये देंगे बस उसको एक आसान सा कम करना है,फिर उसने बोला उसको गांड और बूर मर्वानी है,बा’स एक बार तो वो रेडी हो गई…अब उसकी मा ने कहा उनलोग का बहुत ब्डा है और आजतक तुम चुदवाई नहीं हो तो तुमको बहुत दर्द होगा,आज किसी से धीरे धीरे गांड और बूर में चुदवा लो अगर कोई तुम्हारा बॉय फ्रेंड है तो ताकि कल तुम उन तीनो का मोटा लैंड अपने बूर और गांड में ले सको ,तभी आंटी ने कहा संजय के घर कोई नई है,सभी बाहर गये है कल तक आएँगे,उसको किसी तरह से फासओ और आज तो मौका भी है क्यों की संजय के घर में कोई नहीं है, तुम्हारा काम बन जायेगा जा बेटी जा तू चुदवा ले जल्दी जल्दी.इतना सुनकर मैं निचे फटा फट आ गया और वेट करने लगा क्यों की मैं सब बात को जान चूका था, तभी कविता ने दरवाजे की कुण्डी को बजाय मैं निकला कविता कड़ी थी, मैंने पूछा हां क्या बात है कविता तो वो बोली संजय क्या तुम मुझे मैथ्स एक समझ नहीं आ रहा है पापा भी नहीं है, अगर तुमने कर लिया है तो मुझे भी बता दो, मैं तो सब समझ रहा था, मैंने अंदर बुला लिया और दरवाजा लॉक कर दिया, वो थोड़ा देर तो इधर उधर की बात कर रही थी फिर वो अपने ऊपर के बटन को खोल दी मुझे उसका बूब दिखने लगा, था मैंने कहा कविता आज तुम बहुत ही सुन्दर लग रही हो, इतना कहते है मैंने उसके होठ को चूमना सुरु कर दिया क्यों की मैं पहले से ही कामुक हो चूका था,फिर क्या था मैंने कविता के सारे कपडे उतार दिए और अंदर कमरे में नगा कर को मैंने अपने लंड को उसके बूर में घुसा दिया वो छिला उठी, उसने कहा धीरे धीरे मैंने कहा साली आज तो मैंने तुम्हे धीरे धीरे कर लूंगा लेकिन कल तुम्हारा क्या होने बाल है, तभी कविता बोल उठी क्या बात है संजय तुम्हे पता चल गया, मैंने कहा हां रंडी तुम माँ बेटी रंडी हो पता चल गया है, तो कविता बोली नहीं संजय मैं कल पहली बार अपने क्लाइंट से चुदवाऊँगी, आज तुम मुझे इतना चोदो की मेरा बूर और गांड सही तरह से खुल जाये ताकि कल ज्यादा दर्द ना हो, फिर मैंने कविता को खूब चोदा गांड भी मारा करीब २ घंटे बाद वो वापस अपने घर गयी फिर मैं छत पे गया ताकि उसकी माँ क्या कहती है उसे, उसकी माँ ने कहा हो गया कविता, तो कविता बोली हां माँ, अब ठीक है, खुल गया बही बूर और गांड, उसकी मम्मी बोली शावश अब तुम रंडी बन के चुदवा सकती हो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी ,अगर तुम मेरी सेक्स की कहानी पसंद करता है तो कृपया साझा करें, और तुम मेरी आंटी के साथ सेक्स करना पसंद करता है,

पड़ोसी आँटी की रसदार चूत की चुदाई कहानी Padosi Aunty Ki Rasdar Choot Ki Chudayi

मेरे पड़ोसी एक आँटी रहती थी जिनका दरवाजा कई बार खुला मिलता था और वो सफाई करती रहती थी। मुझे उसे देख कर बहुत उतेजना होती थी। उसके स्तन बहुत बड़े थे और पिछवाड़ा भी, वो साड़ी पहनकर रखती थी पर ब्लाऊज़ के ऊपर से स्तन कुछ कुछ दीखते थे और कई बार झाड़ू लगाते हुए वो थोड़े और दिख जाते थे।
मैं खुद पर काबू नहीं कर पता था और उत्तेजना से सराबोर हो जाता था और कई बार उस बारे में सोच सोच कर वीर्य निकल जाता था। हँसना मत यारों।


कई बार मैंने आँटी के बारे में सोचकर मुठ मारी। लेकिन एक दिन सोचते सोचते सोच अपने परिवार की औरतों के ऊपर आई तो मैं सिहर उठा। मैंने खुद को कोसा कि मैं क्या सोच रहा हूँ, मैं कितन गन्दा सोचने लगा हूँ।फिर मैंने पढ़ने जाते वक़्त उस तरफ देखना बंद कर दिया और बहुत तेजी से सीढ़ियाँ चढ़ जाता।पर एक दिन जब मैं ऊपर जा रहा था तो आँटी ने मुझे बुलाया, मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था और मेरा अपने दिमाग पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा था, फिर भी मैं बिना उनकी तरफ देखे अन्दर गया और पूछा- जी आँटी? तो उन्होंने कहा- क्या तुम यह सोफा सरकाने में मदद कर सकते हो? थोड़ी सफाई करनी है।मैंने कहा- क्यूँ नहीं !एक तरफ से सोफा उठाया और एक तरफ से आँटी ने। फिर क्या था, वो मेरे इतने सामने झुकी हुई थी और मैं स्तनों के बीच की रेखा को बहुत अच्छी तरह देख पा रहा था। मैं खुद की सोच को काबू करने की कोशिश कर रहा था पर कुछ नहीं हुआ और मेरा लिंग एकदम कड़क हो चुका था जो पैंट के ऊपर से साफ़ दिख रहा था। 
आप तो जानते ही हैं कि दस साल पहले पैंट कितनी तंग हुआ करती थी।मैंने सोफा सरकाया और कुछ देर सोफे के पीछे खुद को छुपाने की कोशिश की और देख रहा था कि कब आँटी नज़र इधर उधर हो और मैं खिसक जाऊँ।मुझे वहाँ खड़ा देख आँटी ने कहा - थैंकयू, अब तुम जा सकते हो।मैंने कहा- कोई बात नहींम मैं वापिस जगह पर रखवा देता हूँ।क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उन्हें यह पता चले।इतने में मेरा एक दोस्त वहाँ से ऊपर जा रहा था, मैंने उसे आवाज लगाई और कहा- थोड़ी मदद कर सोफा सरकाने में।वो आया और हमने सोफा जगह से रह दिया और जाने लगे। मेरा दोस्त आगे निकल गया और आँटी ने मुझे आवाज दी। हिंदी सेक्स कहानियां अब मैं फिर से दुविधा में था, मैं नीचे उतरा और गर्दन झुकाते हुए आँटी के पास पहुंचा और कहा- जी आँटी? उन्होंने कहा- तुमने इतनी मदद की तो मैं तुम्हें ऐसे ही नहीं जाने दे सकती, मैंने शरबत बनाया है, पीकर जाओ, और तुम्हारा दोस्त कहाँ गया? मैंने कहा- आँटी, वो ऊपर गया और मुझे भी जाना है, क्लास चालू होने वाली होगी। तो उन्होंने कहा- ऊपर देखकर बात करो, यह जमीन में क्या देख रहे हो। हिंदी सेक्स कहानियां जैसे ही मैंने ऊपर देखा, मेरा लिंक फिर से हरकत में आने लगा जो आँटी को दिखने लगा। मैं बहुत ही शर्मिंदा महसूस कर रहा था और समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ। तो आँटी ने मुझे बैठने के लिए कहा और कहा- तुम शर्बत पियो। मैं कांपे जा रहा था और शर्बत पीने लगा तो आँटी ने मुझसे ऐसी बात कही कि मैं सकते में आ गया। उन्होंने कहा- कांपो मत, रेलक्स हो जाओ, देखना मर्दों की फिदरत है और तुम मर्द बन रहे हो, जितना रेलक्स रहोगे और इस सबको सामान्य तरीके से सोचोगे तो उत्तेजना को काबू करने में मदद मिलेगी।मेरा चेहरा सफ़ेद हो चुका था। तो उन्होंने कहा- डरो नहीं, मुझसे दोस्ती करोगे? मैं तुम्हारी हेल्प कर सकती हूँ।मैंने कहा- कैसी हेल्प? तो आँटी ने कहा- तुम उत्तेजना को काबू करना चाह रहे हो और तुम से हो नहीं रही। तुम्हारी कोशिश के कारण वो और भी ज्यादा नज़र आ रही है। मैंने कहा- मेरी क्लास शुरू हो गई होगी, मुझे जाना चाहिए। तो आँटी ने कहा- अगर तुम्हें सचमुच मदद चाहिए तो सन्डे को थोड़ा टाइम निकल कर आ जाना। मैं वहाँ से चला गया।हिंदी सेक्स कहानियां मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैं क्या करूँ, जाऊँ या नहीं, जाऊँ तो घर वालों से क्या कहूँ। फिर मैंने हिम्मत जुटाई और फैसला किया कि मैं जाऊँगा। मैंने घरवालों से क्रिकेट मैच का बहाना किया और चल दिया। मैंने उन्हें बताया कि ये मेरे नए दोस्त हैं जिनके साथ मैं खेलने जा रहा हूँ। मैं वहाँ पहुँचा तो आँटी ने मुझसे कहा- मुझे यकीन था कि तुम जरूर आओगे। तो मैंने उनसे कहा- मैं मैच का बहाना बना कर आया हूँ। मेरे पास 3-4 घंटों का वक़्त है।तो उन्होंने मुझसे पूछा- तुम क्या जानते हो, तुमने कभी वीडियो देखे हैं? असली में स्तन और स्त्री के अंग देखे हैं? तो मैंने उन्हें बताया- मैंने कुछ कम सेक्स वाली मूवी देखी है जिसमे कुछ भी ओपन नहीं होता, लड़कियाँ बिकिनी में रहती हैं और किस्सिंग सीन रहते हैं। मैंने असली में कुछ नहीं देखा है और मुझे कुछ ज्ञान है जो मेरे दोस्त ने जो डॉक्टर का बेटा है उसने बताया है।तो आँटी कहा- बिल्कुल नए हो।मैंने कहा - हाँ।आँटी- मुठ मारते हो?मैं- हाँ।आँटी- तुम इसे कण्ट्रोल करना चाहते हो?मैं- हाँ।आँटी- तुम्हे इसे कण्ट्रोल करने के लिए इसे नोर्मल करना होगा।मैं- कैसे?आँटी- मर्दों को देखना पसंद है। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं।फिर आँटी ने अपने ब्लाऊज़ के ऊपर के कुछ बटन खोले और ब्लाऊज़ के साइड के हिस्सों को अन्दर की तरफ दबा दिया। मुझे अब जो दिख रहा था वो जन्नत से कम नहीं था। निप्पल को छोड़ कर मैं उनके पूरे स्तनों को देख पा रहा था ठीक जो इंग्लिश मूवी देखी थी उस तरह।मैंने कहा- आँटी यह सही नहीं। आप शादीशुदा है और आपके पति?आँटी- वो सेलमैन है और कंपनी के काम से बाहर ही ज्यादा रहते हैं। और कुछ गलत नहीं है, जहाँ तक तुम्हारा सवाल है तुम्हारी यह जरूरत है और आज कल कोई बड़ी बात नहीं, रहा मेरा सवाल तो मेरे पति जब बाहर होते हैं तो दूसरी लड़कियों के साथ मजे करते हैं तो मैं तो सिर्फ तुम्हें कुछ दिखा रही हूँ।मेरा दिमाग अब भी यह हिंदी सेक्स कहानियां  मान रहा था कि यह सही नहीं पर अपनी अन्तर्वासना पर काबू नहीं था, मैं किसी भूखे भेड़िये की तरह उन्हें देख रहा था। फिर जो हुआ वो और भी गजब था देने वाला था। आँटी ने अपनी साड़ी हटाई और अपना पेटीकोट खोल दिया। मेरा लिंग पैंट फाड़ने को तैयार था। वो काले रंग की झालर वाली पेंटी और ऊपर लगभग पूरे स्तन दिखाता ब्लाऊज़।मैंने आँटी से कहा- मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा और मैं गीला हो चुका हूँ।आँटी- बस इन्हें देखते रहो और इस तरह से देखो जैसे यह तुम रोज़ देखते हो, उन्हें अपने दिमाग में इस तरह बिठाओ जैसे यह रोज़ का काम हो। मैं- आँटी कैसे करूँ मेरा मेरा लिंग कूद रहा है।आँटी ने मुझसे आगे बढ़ने को कहा और सब खोलने को कहा, और स्तन दबाने और चूसने को कहा।मैंने ब्लाऊज़ खोला और पेंटी भी, वो गीली थी, तो मैंने कहा- आपका भी वीर्य निकलता है क्या?आँटी- हाँ। मैंने स्तनों को दबाया और चूसा। मैं क्या बयान करूँ कि मैं कहाँ था और उसके साथ आँटी की वोह सेक्सी आहें। वाह ! फिर मैंने उसका पिछवाड़ा दबाया और फिर चूत की तरफ बढ़ा। काफी बाल थे जिसमें कुछ स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा हिंदी सेक्स कहानियां  था।मैंने कहा- मुझे वो भी अच्छी तरह देखनी है। तो आँटी कहा- दो मिनट बैठो।  मैं लगभग 15 मिनट बैठा रहा और आँटी आई। वो पहली बार था जब मैंने चूत देखी थी, वो दिन मेरी जिन्दगी को झकझोर देने वाला था। जब मैंने आँटी की चूत को देखा तो मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया। मुझे उलटी सी आने वाली थी, मुझे घृणा होने लगी थी, मैंने आँटी से कहा- प्लीज़ कपड़े पहन लो, मुझे जाना है।आँटी समझ गई और उन्होंने पेंटी पहन ली और मेरे पास आकर बैठ गई, कहने लगी- कभी न कभी तो तुम्हें इससे रूबरू होना था।  मैंने कहा- मुझे कुछ समय चाहिए। उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, तुम पहले यह वीडियो देखो।  और उन्होंने एक वीडियो केसेट निकली और वीसीआर में लगा दी। वो उस दिन दूसरा भयानक सच था जिससे मैं रूबरू हुआ, और वो था ओरल सेक्स। मुझे सब बहुत ही भद्दा लग रहा था और मैंने उलटी कर दी। हिंदी सेक्स कहानियां  हंसो मत दोस्तो। फिर आँटी भी समझ गई, उन्होंने मुझे कहा- जब तुम मुठ मारते हो तो कैसा फील करते हो?मैंने कहा- बहुत मज़ा आता है। तो उन्होंने कहा- तुम मेरे स्तन देखो और कहीं मत देखना और महसूस करो।उन्होंने मेरा लिंग निकाला और मानो पूरे बदन में आग दौड़ गई हो जब उन्होंने उसे छुआ और धीरे धीरे मुठ मारने लगी। मैं आँटी की बड़े बड़े स्तनों को देख रहा था और इस बार मैं जन्नत का सफ़र कर रहा था, फिर उन्होंने मुझे आँखें बंद करने को कहा। मैंने कर ली। आंटी ने कहा- जब तक मैं नहीं कहूँ, आंखें न खोलना।मैंने वैसा ही किया। फिर मुझे अपने लिंग में कुछ अजीब सा महसूस हुआ जो अलग था और हवाएं भी।मैं समझ रहा था कि यह क्या है पर मैंने आँखें नहीं खोली क्योंकि मैं नहीं जानता था कि देखने के पश्चात कैसा महसूस होगा। मुझे बन्द आँखों में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा वीर्य दुबारा निकल चुका था।फिर उन्होंने मुझे कहीं लेटाया और मुझे यह महसूस हुआ कि कोई मेरे ऊपर बैठ रहा है और लिंग पर कुछ गीला-गीला महसूस हुआ।हिंदी सेक्स कहानियां फिर मुझे अपनी छाती पर कुछ नरम सा महसूस हुआ, वह तकिया था। 
मुझे पता है आपने कुछ और ही सोचा होगा। फिर उन्होंने मुझे आँखें खोलने के लिए कहा। मैंने देखा कि आँटी मेरे ऊपर है तकिये से उसने मेरे और अपने लिंग छुपा लिए थे और उनके स्तन दिखाई दे रहे थे। उसने एक कंडोम लिया और धीरे धीरे मेरे लिंग पर चढ़ाने लगी। अब मुझे अच्छा लग रहा था, फिर उन्होंने धीरे धीरे आँटी मेरा लिंग अपने अंग में ले लिया, मुझे कुछ दर्द हो रहा था पर उससे ज्यादा मज़ा आ रहा था। उसने मुझे अपने स्तनों को जोर जोर दबाने के लिए कहा और मैंने वही किया।आँटी ऊपर-नीचे होने लगी, मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर थी और लिंग कूद रहा था, इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊँ? अभी सब कुछ शुरू ही हुआ था एक तेज़ झटके से मेरा वीर्य निकल पड़ा। अब मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था और मैंने आँटी से हट जाने के लिए कहा, पर आँटी ने कहा- मैंने तुम्हारी इतनी मदद की, अब तुम्हारी बारी है। वो कुछ और रूप में दिख रही थी, प्यासी, तड़पती हुई, और जोर जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। मेरा लिंग बहुत बुरी हिंदी सेक्स कहानियां तरह दुखने लगा था, मुझे पसीना आ रहा था। मैंने आँटी से कहा- प्लीज़ आँटी, बर्दाश्त नहीं हो रहा। फिर उसने स्पीड धीरे की और थोड़ी देर बाद हट गई। वो मुझे बाथरूम ले गई मेरा कंडोम उतारा और लिंग साफ किया। 
मैंने जल्दी जल्दी कपड़े पहने और आँटी सिर्फ़ पेंटी में मेरे पास आकर बैठ गई और कहा- तुम्हें यह और करना होगा, तुम्हें खुलना होगा, तभी तुम्हें मज़ा भी आएगा और लड़कियों देखते ही वीर्य नहीं निकलेगा। मैंने हाँ में हाँ मिलाई और कहा- फ़िलहाल इतना ही, इससे ज्यादा के लिए मैं तैयार नहीं हूँ। तो उसने कहा- अगले सन्डे? फिर मैं हर सन्डे मैच के बहाने से आँटी के घर जाने लगा और उसने अपने अनुभव से मुझे भी धीरे धीरे अनुभवी बना दिया और हमने खूब मजे लूटे। अब मैं अनुभवी हूँ और कई लड़कियों के साथ मजे लूटे हैं और उन्हें पूरा आनंद दिया। लेकिन आज भी मुझसे चूत नहीं चूसी जाती। और वो आँटी तो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं और कई बार हम मजे लूटते हैं।

बाप बेटी की चुदाई कहानियां - Baap Beti Ki Chudayi Ki Kahani

फौजियों का लंड तगड़ा होता है पर उन्हें चूत कम ही नसीब होती है. आईये पढते हैं एक कहानी एक पुलिसिया जवान और उसकी बीबी और जवान बेटी सीमा की. सीमा, उमर अठारह साल पर यार अठारह से ज्यादा, चूंचियां छत्तीस की और गांड भी इतनी ही. कमर है बस अठाइस की और अचरज होता है कि कैसे ये पतली कमर इस भारी भरकम चूंचे का बोझ संभालती होगी. तो आईये सुनाते हैं कहानी आपको एक लड़की की जो हमारे छोटे शहर सीतापुर के एक मुहल्ले की रहने वाली है. पूरवैया कल्चर वैसे तो है बहुत मधुर पर जब इसमें वासना घुलती है तो और मीठे जहर के तरह से रंगीन और रसदार हो जाती है, पता ही नहीं चलता आदमी इस दलदल में कैसे और कब फंस गया. सीमा के पिताजी पुलिस में हैं, और माताजी अकेले सीमा के साथ रहती हैं.
एक बात तो जान लीजिए, पुलिस वालों की बीबियां मनमानी होती हैं और उनको लंड का अकाल हमेशा रहता है, अक्सर उनकी ड्यूटी आउट आफ सिटी होती है और चौबीस घंटों की भी होती है. इसलिए वह अक्सर बेवफा और तानाशाही रवैये की होती हैं.


सीमा की मां भी चालीस साल की उमर में भी एक दम से जवान दिखती हैं और उसकी शारीरिक संबंध मुहल्ले के पनवारी, सब्जी वाले दूध वाले, वो सब जिनका कि रोजमर्रा कि जिंदगी में काम है, उन सब वर्ग के दुकानदारों से है. सच तो ये है, सीमा के पापा अक्सर बाहर रहते हैं और घर पर पैसे भी कम देते हैं. कंजूसी में घर कहां चलता है, इसलिए सीमा की मां ने भी अक्सर समझौते कर लिये हैं. सबका मामला सेट है, बड़े चतुराई से मैनेज करती हैं, अपने अपने रिश्ते को. वैसे आईये उसकी फिगर भी बता ही दें. चालीस की उम्र की गदराई हुई आंटी, मस्त चूंचे, पतली कमर फैली प्लेटफार्म जैसी गांड और रसीले होठ. कुल मिला के मलैका जैसी दिखती है और अपनी बेटी से बस जरा सा ही उन्नीस दिखती है. इस वजह से वो भी अपने ब्वायफ्रेंड्स मैनेज करती है.अपने लंड लेगी और बेटी सीमा पर कड़ी निगरानीअच्छी बात है कि वो सीमा पर बड़ा नियंत्रण रखती है, पर सीमा जो कि अक्सर अपनी मां की काली करतूत देख रही होती है, उसे अपनी जवानी संभाले नहीं संभल रही. कालेज गर्ल्स का है और बगल में है, इसलिए बाइक पर घूमने जाने और ब्वायफ्रेंड बनाने का सपना उसका पूरा न हो सका, पर सच ये है कि अक्सर सीमा को अपने पापा को देख कर एक उम्मीद बंधती है. वो जानती है उसके पिताजी कितने वफादार, और मेहनती हैं और मां कितना चीट करती है उनको. इसलिए इस बार पापा आएंगे तो उनको भरपूर प्यार देगी और हो सके तो इस बार मम्मी को नीचा दिखा के मानेगी.तो गर्मी की छुट्टियों में पापा आ गये. मां को मायके जाना पड़ा और इस बार घर में सीमा और पापा रह गये. सीमा ने देखा, इस बार उसका रवैया बदला हुआ था, उसने देखा कि पापा के बदन में चालीस पार होने के बाद भी गजब की मांसल मांसपेशियां हैं और मजबूत बदन, वाले उसके पापा एक दम से जबरदस्त दिख रहे हैं. उसने देखा, पापा का बदन एक दम से एथलिट जैसा है, चौड़ी छाती, सटी गांड और लंबे हाथ, लंबाई तो उनकी वैसे भी अच्छी है. फिर उसका ध्यान गया पापा के लंड के उपर क्या, वो भी उतना ही बड़ा होगा, जितना कि पापा के अन्य अंग हैं. ये तो कमाल की बात होगी, उसने आज पापा को बाथरुम में नहाते हुए देखने के बारे में सोचा. अक्सर पापा बाथरुम का दरवाजा खोलके ही नहाते हैं. आज उन्होंने लंगोट कसी हुई थी. बाथरुम में घुस कर के उन्होने अपने बदन पर पानी डाला और रगड़ रगड़ कर नहाने लगे, इसी बीच सीमा धीरे से पीछे से आकर खुले दरवाजे से उनको देखने लगी. उसे लगा कि आज पापा का लंड देख ही लेना है. पीछे से उसने देखा कि पापा की गांड में लंगोट की रस्सी ऐसे घुसी हुई है कि पिछवाड़ा पूरा नंगा है. उसे बहुत सनसनी हो रही थी. अकेले मर्द और वो, आज उसे अपने बाप में अकेला मर्द दिख रहा था जो कि मौके का फायदा उठाने में कत ई नहीं चूकता. तो सीमा ने अपनी बुर को सलवार के उपर से ही मसलना शुरु कर दिया और सोचने लगी कि कैसे देखूंगी पापा का लंड. अचानक से उसे एक शरारत सूझी.लंगोट के अंदर फौजी बाप का लंडउसने अपने कपड़े उतारकर के सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी और बाथरुम में घुस कर बोली हेलो पापा, मुझे भी नहाना है. उसके पापा ने जब उसे इस रुप में देखा तो अवाक रह गये और उनका लंड एक दम से तन गया. सच तो ये है कि लंड को दिमाग नहीं होता, वह रिश्ते नहीं पहचानता और इसी वजह से अपनी बेटी को अचानक अधनंगी देखते ही सीमा के पापा का लंड तन गया, ढीली और भीग चुकी लंगोट अचानक से खुल कर नीचे गिर गयी.बड़ा लंड फुफकारने लगा और सीमा जोर जोर से हंसने लगी, बोली पापा ये क्या है ये तो अच्छा खिलौना है, मुझे कभी खेलने को नहीं दिया, ही ही, जरा दो ना और वहीं उसने तपाक से लंड को पकड़ लिया. उसका प्लान सफल रहा. उसने अपने बाप का लंड पकड़ कर मसलना शुरु कर दिया. भीगा लंड तन कर गर्म हो गया था और नर्म नर्म हथेलियों से उसका लन्ड को मसलना और कयामत ढा रहा था.उसने अपनी बेटी सीमा को दूर करने की कोशिश की लेकिन वो लंड को छोड़ नहीं रही थी और खुद सिपाही का मन भी आज चूत चोदने का कर रहा था. उसकी छिनाल बीबी मायके में थी और बिचारे क ई महीने से चूत से दूर रहने वाले सिपाही को चूत की जोरदार दरकार थी.उसने सीमा के चूंचे पकड़ लिये और हुक खोल दिया. मारे उत्तेजना के सीमा के स्तन खड़े हो चले थे. जब सिपाही ने अपनी बेटी के चूंचे को पकड़ कर दबाना शुरु किया तो सीमा सिस्कारियां मारते हुए बोली स्स्स, आह्ह, पापा, प्लीज करो ना अच्छा लग रहा है. फिर क्या था. अपनी ही बेटी को चोदने के लिए सिपाही का लंड तो पहले ही तन चुका था, अब वो उसको चोदने के लिए एकदम से बेकरार हो उठा. उसने उसके बदन पर दो लोटे पानी डाल कर भिगा दिया. उसके चूंचों से सरक सरक कर छन के आता हुआ पानी उसके नाभि पर ज्यों ही पहुंचा सिपाही ने उसको अपनी जीभ लगा के लपक लिया.इस प्रकार से जैसे उसने अपनी बेटी सीमा के नाभि पर जीभ लगाई, और उपर चूंचों से छन के आते हुए पानी को पीने लगा, सीमा को ऐसा लगा जैसे कि उसकी नाभि एक दम सुर सुराहट से भर गयी हो. कसम से इस एहसास को पाने के लिए वो सालों से तड़प रही थी और आज उसका सपना सच हो रहा था. इधर सिपाही का लंड भी एक दम दन्नाया हुआ था.उसको हमेशा यह लगता था कि उसकी मां उसके साथ ना इंसाफी करती है और आज उसको पता चल गया था कि इस खेल में कितना मजा आता है. उसने सिपाही के बाल पकड़ कर के अपने नाभि की तरफ उसका सिर और जोर से दबा दिया. उसके बाप की नाक और होठ सब उसके सेक्सी बद्न को टच कर रहे थे. इस बात पर उसके पापा ने उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसाकर फिरानी शुरु कर दी. सीमा ने उत्तेजित होकर आंखें बंद कर लीं और कहने लगी, आह्ह पापा बहुत अच्छा लग रहा है. वो बोल रही थी और उसके बाप का जोश बढता जा रहा था. सच में आज सिपाही ने देखा कि वो उसकी बीबी जैसी ही दिखती है, जवानी में सीमा की मां भी तो ऐसा ही दिखती थी. फिर क्या था, उसने अपनी बेटी को चोदने के बारे में अपना निश्चय दृढ कर लिया. वैसे भी, उसकी जवानी और मस्त चूंचे के आगे अब उसकी मां फीकी पड़ चु्की थी.मस्त चूंचे देख कर रिश्ता भूला.उसने उसकी कोमल त्वचा का रस लेने के लिए जीभ उसके नाभि से उपर बढाई. एक एक इंच सरकते हुए उपर की तरफ, उसने हर इंच को अच्छे से चूमा. पूरी जीभ उसके बदन के हर अक्षांश और देशांतर रे्खा पर फिराने के साथ ही साथ आज उसका इरादा अपनी कुंवारी बेटी के कुंवारे बदन को वो मजा देना था कि बस वो अपने बाप की बन के रह जाए. हालांकि वह जानता था कि यह थाना उसका नहीं है पर उसको तो दूसरे के थाने में ड्यूटी देने की इच्छा थी. अप्ने दामाद के लिए वह काम सुगम बनाने जा रहा था. उसने नाभि से उपर सारा पेट चूम लिया. और फिर पीछे घूम गया. जींस बांधने की जगह से उपर की पीठ पर जीभ की नोक से स्पर्श करते हुए उसने हल्की लार टपकानी भी जारी रखी. भीगा बदन, गर्म जीभ और गर्म बदन के साथ ही उसने सीमा के बदन की गरमी और भी बढानी जारी रखी.चूसते हुए सीमा के बदन को उसने पूरी नंगी पीठ चूस डाली. अब सीमा अपनी पीठ सिकोड कर यह बता रही थी कि उसको और मजा चाहिए. उसने ब्रा का एक हुक खोल दिया. एक चूंची आगे की तरफ लटक गयी.अब सिपाही सामने आकर अपनी सीमा बेटी के उस नंगे चूंचे को पकड़ कर के दबाने लगा. ऐसे जैसे कि दूहने की कोशिश कर रहा हो. 
इस अदा पर सीमा को बहुत आनंद मिल रहा था क्योंकि उसने सर उपर करके आंखें मूंद ली थी और पूरी उत्तेजना को पीने की कोशिश कर रही थी. सिपाही ने उसके चूंचे को मसल के रख दिया और जब वह एक दम लाल और कड़ा हो गया, अपने मुह से लगाकर स्तन पान करने लगा. आह्ह्, आह्ह करती सीमा ने खुद ही दूसरा चूंचा खोल कर अपने बाप के हाथों में थमा दिया.बारी बारी से चूसे चूंचे.सिपाही अपनी जीत पर मुस्कराया और उसके दूसरे चूंचे को दूहते हुए पहले वाले को चूसता रहा. वो एकदम मस्ती में डोलती रही और खड़े खड़े बाथरुम में ही चुसवाती रही. खैर अब सिपाही ने दूसरे चूंचे का भी वही हश्र किया और आखिर में उसको भी अच्छे से चूसा. चूंचे अब देखने में साढे छत्तीस लग रहे थे. अब बारी थी नीचे कुछ करने की, सीमा ने अपनी पैंटी सरका दी और फिर अपने हाथों से अपनी नंगी चूत ढंक ली.उसको ऐसा करते देख सिपाही ने सोचा साली गयी है एक दम अपनी रंडी मां पर पर क्या करें चोदने में इसे बहुत मजा आने वाला है. और उसने उसके गांड की तरफ मुह करके उसके दोनों गांड की गोलाईयों को दबोच लिया अपने हाथों से. दबोचने के बाद उसने जोर से उनको दबाया. और हल्के हल्के चपत तेजी से लगाने शुरु कर दिये. गांड हर थपकी के बाद हिल हिल कर अपनी पोजिशन पर आजाती और फिर उस्का बाप उसी तरह से उसको थपथपाता. उसकी गोरी नाजुक चमड़ी एक दम से लाल हो गयी अपने बाप के थपेड़ों से तो उसके बाप ने अपने मुह से एक बड़ा बाईट उसकी गांड पर लिया, ऐसे जैसे कि तरबूज खा रहा हो. 
सीमा चिल्लाई, पर उसने हल्के दांतों का अहसास कराया था, जो कि उसको अच्छा लगा. वो उत्तेजना में फुसफुसाई, काट लो मेरी गांड को.और सिपाही ने दूसरे नितंब को भी ऐसे ही किया, हल्के दांत गड़ाकर उसकी गांड को चुदवाने के लिए पैंपर कर लिया. सच तो ये है सिपाही भी बड़ा खिलाड़ी था. चुदाई के मामले में वो राउडी था, भले ही उसकी बीबी उसको सीधा समझती हो.दोनों नितम्बों को काटकर के उसने अब दो उंगलियां जोड़ीं, हल्का साबुन अपनी बेटी के गांड पर मला और फिर धीरे धीरे करके, उसमें अपने दो उंगलिओं को ठेलने लगा. सीमा चिल्लाई, उईईई, पर कोई बात नहीं थोड़ी देर में दोनों उंगलियां अंदर थीं. अब सिपाही ने अपनी बेटी की गांड फड़ाई शुरु कर दीथी. एक नया अहसास था यह. पीछे से गांड में उंगली पेलने के बाद सिपाही सामने की तरफ आ गया और उसने सीमा के चूत के फांकों पर अपने दोनों होठ रख दिये. इस तरह से उसने होठ रखे कि दोनों होठ एक दम से उसके चूत के फांकों की लंबाई की दिशा में थे. अब वो अपनी कुंवारी बेटी की बुर को चाट चाट कर एक दम रसीली बना देने पर तुल गया था. तो सिपाही अब अपनी बिटिया को चोदने से पहले बुरचटाई के रस्म से नवाज रहा था, मजे से चूत चुसवाती हुई सीमा अपने दोनों चूंचे मल रही थी और बार बार अपनी टांगें सटा के अपने पापा के मुह को दोनों टांगों के बीच चांप दे रही थी. यह एक अत्यंत रोमांचकारी अनुभव था उसके लिए. उसके मुह से सिर्फ एक ही शब्द निकल रहा था, आई लव यू पापा, आप कितने अच्छे हो. आह्ह चूस लो, आह्ह्ह ये तो और अच्छा है, प्लीज फिर से करो ना.अपने फौजी बाप को अपनी चूत का दीवाना बना लिया सीमा ने.बेटी द्वारा इतना उकसाए जाने पर पुलिस के जवान अधेड़ उम्र के बाप की जवानी भी एक दम शोला बन चुकी थी, उसने अपने लंड को भी अब तक छुआ न था पर वो नीचे लटक कर के एक दम से गदहे के लंड जैसे आकार का हो गया था. समझ में नहीं आता है कि इतने बड़े लंड वाले पति के होते हुए उसकी आखिर उसकी बीबी किसी दूसरे के झांसे में पड़ कैसे सकती है. खैर जो भी हो सच तो ये है कि वो छिनाल हो गयी थी और आखिर में उसके संबंध कितने ही गैर मर्दों से थे. इसलिए उसकी अपनी बेटी भी बिगड़ चुकी थी और आज अपने पापा से ही इश्क फरमा रही थी.ऐसा सुनने के बाद और बार बार प्लीज दुबारा करो ना कहने पर उसके सिपाही बाप का लंड एक दम हथोड़ा हो चुका था. खून का प्रवाह लंड में अतिरेक से था और एक ऐसे रिश्ते जिसके बारे में सोचा न जा सके, उसमें चोदने की कल्पना करना ही अपने आप में अति उत्तेजक होता है, तो खैर अपने लंड को देखते हुए उसके बाप ने अपनी बिटिया के फुद्दी के फांकों को पीना जारी रखा. लंड एक दम कड़ा हो गया तो उसने सीमा को नीचे बिठा दिया.घुटनों के बल सीमा बैठ गयी तो उसने अपने अंडे को उसके मुह में डाल कर हिलाना शुरु कर दिया. सीमा उसे अपने होठों के बीच चूस कर ऐसे कर रही थी जैसे कि उसको आमलेट बना देगी. वह बार बार उसको चूसे जा रही थी और वो अपने लंड को अपने हाथों में पकड़ कर मूठ मार कर और भी धारदार बनाने के कोशिश में था. इस प्रकार से अपने लँड को सहलाते हुए और उसके मुह में अंडकोष को देते हुए उसने देखा, सीमा के मस्त चूंचे एक दम से उपर नीचे हो रहे थे, यह एक अत्यंत रोमांचक पल था और नजारा भी. काश कि जिंदगी ऐसे ही चोदते हुए बीत जाती पर ऐसा नहीं होता रियल लाईफ में. ऐसे मजेदार लम्हें कभी कभी ही मिलते हैं. 
उसने सीमा को अंडों को खूब जम के चूसने दिया.अब बारी थी देसी मुखमैथुन की. इसलिए उसने सीमा के मुह में अपना बड़ा सुपाड़ा डाल कर के धकियाया. छोटे से मुह और बड़े से लंड के सुपाड़े को देख कर के ऐसा लग रहा था कि कैसे घुसेगा उसके मुह में पर सीमा ने अपनी औकात से ज्यादा मेहनत करके लंड को मुह में ले लिया. किसी छोटी सी चूत के छेद की तरह उसका मुह और होठ उस मोटे लंड पर पकड़ बनाए हुए थे. उसके पापा ने अंदर की तरफ लंड ठेलते हुए देखा कि कैसे उसके आंखें खुली जा रही थीं लंड को अंदर लेते हुए. फिर भी मुखमैथुन का जोर ऐसा चढता है कि फिर रोके से नहीं रुकता है. ऐसा ही हाल था उस समय उन दोनों का. चूंकि सिपाही अपने बेटी की बुर पहले ही चूस चुका था इसलिए उसको अब लंड चूसवाना ही था किसी तरह से.अब लंड को अंदर ठेल कर हल्के हल्के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया. लंड ने जब गति पकड़ी तो कभी सीमा के हलक में उतरा, कभी उसके गालों पर अंदर से मालिश की और कभी तालू का तबला बजाया. पूरे मुह को अखाड़ा बना के रख दिया था सीमा के पापा ने. खैर बेटी को इतना अच्छा गिफ्ट देते हुए आज वो बहुत खुश था. सीमा भी अपनी मां को चैलेंज दे रही थी.रंडियों सी हालत हो गयी चुदते समय उसकी अपने बाप के सामने.अब जब कि लंड मुह की गर्माहट पाकर और भी तन चुका था, बारी थी सीमा के चूत की गहराई की थाह लेने की. उसके पापा ने उसको कंधे पर उठाया और बाथरुम से उठा कर सीधा बेडरुम मे बेड पर पटक दिया. 
उसके टांगों को खोल कर बिना बाल वाली कुंवारी चूत को नजदीक से देखा, एक दम गुलाबी चूत के अंदर छोटा सा छेद और उसमें झलकती हायमन का नजारा. उसको याद आया, इसकी मां तो बिना हायमन मतलब कि फटी हुई चूत लेके आई थी, चलो कमसे कम अब उस कमी को उसकी बेटी पूरा कर रही है.उसने उसके पैरों को कमर तक बेड के बाहर खींच लिया और अपने हथौड़े जैसे मोटे और गदहे जैसे लंबे लंड को उसके चूत के उपर रगड़ना शुरु किया. 
अब सीमा को डर लग रहा था, उसने कहा – पापा मुझे कुछ होगा तो नहीं न, मुझे डर लग रहा है. इस बात पर सीमा के पापा ने कहा, नहीं बेटा ये सब तो बस खेल जैसा है, थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा. और सिपाही ने सीमा के चूंचे पकड़ लिये और फिर अपने लंड को उसके छेद के उपर टिका दिया.अपने हाथों से उसके मुह को बंद करने के बजाय बेडरुम के ड्रावर में रखा चाकलेट निकाला और उसको थमा के बोले, ले इसको एक ही बार में खा जा, इसके बाद जब तक तू इसे निगलेगी. सब कुछ हो जाएगा, डरने की कोई जरुरत नहीं है.सीमा ने एक बड़ी बाईट कैडबरी की ली और उसके पापा ने उसके चूत में अपने लंड का कीला ठोक दिया. दन्न से चूत की झिल्ली की बखिया उधेड़ते हुए लौड़ा उसके बच्चेदानी के दरवाजे पर टकराया, चरम सुख देने वाले जी स्पाट का लंड के सुपाड़े से स्पर्श और कोमल और नाजुक झिल्ली का फटना दोनोंएक साथ हुआ. अब सब कुछ आसान था, हालांकि सीमा के हाथ से चाकलेट छूट चुकी थी पर फिर भी एक टुकड़ा मुह में था, दर्द के साथ चाकलेट का स्वाद भी कसैला हो चला था पर लंड के अंदर जाने के बाद उसकी मिठास और भी बढ़ गयी. अब सीमा अपने पापा की रखैल बन चुकी थी और वो भी उसे अपनी प्रेमिका की तरह ही ट्रीट कर रहा था. उसके चूंचों को मलते हुए और अंदर की तरफ पुरजोर धक्के लगाते हुए सि्पाही जी ने सीमा को अपने लंड का स्वाद चखाना जारी रखा. आधे घंटे तक इस स्टाइल में चोदने के बाद उसने अपना वीर्य अपनी बेटी को पिला दिया. और फिर यह लड़ाई लंड और चूत की, पहले दिन तो आठ घंटे कामुकता के रसीले और रंगीन खेल में चलती रही.