हैलो दोस्तो, मैं आपकी संजना, मेरे पति की लुधियाना में साइकल पार्ट्स
की फैक्ट्री है, अच्छा बिजनेस है, किसी बात की कमी नहीं है. पति से मैं
पूरी तरह से संतुष्ट हूँ, कभी-किसी गैर मर्द की तरफ देखने की ज़रूरत नहीं
पड़ी, पर दिल में कभी-कभी एक ख़याल आता था कि अगर कोई गैर मर्द मेरे साथ
करे तो क्या मैं कर पाऊँगी..!मैं यह कैसे एड्जस्ट कर पाऊँगी कि मेरा बदन जो
सिर्फ़ मेरे पति की अमानत है, उसे कोई और छुए, कोई और उसका मज़ा ले.खैर..
ना कभी ऐसी ज़रूरत आन पड़ी, ना ही मैंने किसी और को लाइन दी, हालांकि हमारे
कई जानने वाले मुझ पर फिदा थे, जो उनके हाव-भाव से पता लग जाता था.
बात करीब दो साल पहले की है, मेरे पति के साथ कोई स्पेन की पार्टी से बिजनेस डीलिंग चल रही थी और इसी सिलसिले में वहाँ की कंपनी की मालकिन मार्टिनेज़ लोपेज़ और उसका बेटा मार्क एडवर्ड लोपेज़, हमारे पास आए.मार्टी करीब 50-55 साल की लंबी-चौड़ी लेडी थी जबकि मार्क दुबला-पतला करीब 28-30 साल का नौजवान था और उसका तलाक़ हो चुका था.हमने उनके ठहरने का प्रबंध एक बढ़िया होटल में कर दिया था. वो करीब 15-20 दिन के लिए आए थे.एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा- संजू, तुम मेरा एक काम कर दोगी?
‘क्या काम है?’
‘अरे यार, वो मार्क हमारी बिजनेस डीलिंग्स से बोर हो गया है, क्या तुम उसे कहीं घुमा कर ला सकती हो?’
‘तो यह मेरा काम थोड़े ही है, मुझे स्पैनिश नहीं आती और उसे टूटी-फूटी इंग्लिश आती है, मुझसे नहीं होगा, अपने किसी और आदमी से कह दो!’
‘अरे जानेमन, मैं उन्हें फैमिली मेंबर्स की तरह ट्रीट कर रहा हूँ, एक दिन की तो बात है… प्लीज़ समझा करो, हमें एक बड़ा ऑर्डर मिल सकता है, अगर हम उन्हें इंप्रेस कर सके तो..!’
यह कह कर खैर.. उन्होंने मुझे मना ही लिया.
अगले दिन हम सब उनकी फैक्ट्री में सुबह 9 बजे मिले. मैंने एक काली और सफ़ेद साड़ी पहनी थी, जिसका एक लो-कट और स्लीव्लैस ब्लाउज था.
जब तैयार हो कर मैंने शीशे में देखा तो शीशे ने भी मेरी तारीफ की.
मेरे पति, मार्टी और दो और लोग ड्राइवर के साथ इनोवा में बैठ गए और मार्क मेरे साथ आ कर आई-20 में आगे वाली सीट पर बैठ गया.मार्क की पसंद को ध्यान में रखते हुए मैं कुछ खाने-पीने का सामान साथ में ही ले आई थी, मैंने गाड़ी स्टार्ट की और हम चल पड़े.करीब दो घंटे का सफ़र था, पर गाड़ी में बातें करते-करते, मुझे मार्क बहुत अच्छा लगा.थोड़ी देर बाद तो मैं और मार्क अच्छे दोस्त बन गए और खूब हँसते- बोलते हमारे फार्म हाउस पर पहुँच गए. गाड़ी अन्दर लगा कर चौकीदार को कुछ ठंडा लाने को कहा.एक-एक ड्रिंक पीकर हमने अपनी खाने-पीने की बास्केट और बिछावन उठाई और पैदल ही चल पड़े. हमारे फार्म हाउस की बिल्डिंग से काफ़ी दूर हम एक ट्यूबबेल पर पहुँचे. ट्यूबबेल के आस-पास काफ़ी घने छायादार पेड़ लगे थे. मैंने वहाँ ज़मीन पर मैट बिछाई, एक साइड में बास्केट रखी और बैठ गई, मार्क भी बैठ गया.
फिर उसने पूछा- क्या यह ट्यूबबेल चलता है?
‘हाँ.. बिल्कुल, चला दूँ क्या?’
‘ओह यस, ट्यूबबेल में नहाने का तो मज़ा ही कुछ और है!’
‘पर तुम तो घर से नहा कर ही आए हो!’
‘तो क्या हुआ, फिर से सही..!’
मैंने ट्यूबबेल ऑन कर दिया, पानी की एक मोटी धार हौद में गिरने लगी, मार्क ने झट से कपड़े उतारे और हौद में कूद गया.मुझे यह देख कर बड़ी हैरानी हुई कि उसने मेरे वहाँ होने की कोई शर्म नहीं की, एकदम से बिल्कुल नंगा हो कर हौद में कूद गया.मैंने सोचा कि स्पेन में जहाँ न्यूडिस्ट बीच हैं, वहां नंगे होने की क्या कोई शर्म करता होगा, शायद इसीलिए इसने ये सोचा ही नहीं कि उसके साथ एक औरत भी है.पर मेरी बड़ी हैरानी यह थी कि सोई हुई हालत में भी उसका लिंग इतना बड़ा था, जितना मेरे इनका पूरा तन कर होता था.मैं यह सोच रही थी कि खड़ा हो कर इसका कितना बड़ा होता होगा. पर इन सब बातों से बेखबर वो पानी के हौद में डुबकियाँ लगा-लगा कर नहा रहा था.तभी उसने आवाज़ लगाई- हे संजू… क्या तुम पीने के लिए बियर भी लाई हो?
‘हाँ, चाहिए तुम्हें?’
‘ओह यस, एक देना प्लीज़!’
मैंने बास्केट में से एक बियर का कैन निकाला और लेकर मार्क के पास गई, वो गले तक पानी में था, पर साफ़ पानी में से वो पूरा नंगा दिख रहा था. मैंने बियर देते वक़्त एक बार फिर उसके लिंग को देखा, जो पानी की वजह से ऊपर को उठा हुआ था. सच कहूँ तो मेरा मन बेईमान हो चला था. मैं बियर देकर वहीं रुक गई और हौद की मुंडेर पर कोहनियाँ टिका कर खड़ी हो गई.इस तरह खड़े होने से मेरा बड़ा सारा क्लीवेज बन गया, जो बिल्कुल मार्क के सामने था और मेरे क्लीवेज को मार्क ने 2-3 बार बड़े गौर से भी देखा, पर उसने घूरा नहीं.
बियर पीते-पीते मार्क ने कहा- संजू, तुम भी आ जाओ, बड़े मज़े का ठंडा पानी है और ठंडी बियर!
‘अरे नहीं, मैं बिकिनी ले कर नहीं आई!’‘तो क्या हुआ, बिकिनी पहनने की ज़रूरत ही क्या है, ऐसे ही चली आओ!’मैंने मुस्कुरा के टाल दिया और वापिस आ कर मैट (बिछावन) पर बैठ गई. बैठते वक़्त मैंने अपने कंधे पर लगा ब्रोच निकाल दिया जिससे मेरी साड़ी का पल्लू जो बँधा हुआ था, अब खुल गया. शायद मैं मार्क को अपने पूरे क्लीवेज के दर्शन करवाना चाहती थी.मैंने मोबाइल पर गाने लगा लिए, पर मेरे मन को मेरे पसन्दीदा गाने भी अच्छे नहीं लग रहे थे, मेरे दिमाग़ में तो बस मार्क का लिंग ही घूम रहा था.
4-5 मिनट बाद मार्क बाहर निकल कर आ गया और ऐसे ही बिल्कुल नंगा ही मेरे पास आकर लेट गया.
‘अ..हा..या, मज़ा आ गया, इंडिया इस ग्रेट.. अब थोड़ी देर धूप सेंकी जाए..!’
यह कह कर उसने आँखों पर कपड़ा रखा और टाँगें फैला कर लेट गया. उसका लिंग अब मेरे सामने था और मेरी पहुँच में था, मैं जब चाहे उसे पकड़ सकती थी, चूम सकती थी पर मैंने ऐसा नहीं किया. जब वो लेट गया तो मैं भी लेट गई.मेरी साड़ी का पल्लू मेरी गोद में था और मेरे मम्मे मेरे लो-कट ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे.
‘संजू, क्या तुम यहाँ कभी नहाई हो?’ उसने पूछा.
‘हाँ..बहुत बार..!’
‘अकेली या अपने पति के साथ?’
‘पति के साथ!’
‘फिर तो बिकिनी भी नहीं पहनती होगी?’
‘नहीं, हम तो खुल्लम-खुल्ला नहाते हैं!’
‘उसके बाद?’
‘उसके बाद खेतों में घुस जाते हैं!’
‘खेतों में क्या करते हो?’
‘शट-अप मार्क, ये हमारा प्राइवेट मामला है..!’
‘अरे मैंने तो वैसे ही पूछ लिया..!’
‘खेतों में क्या करेंगे, जो किया जा सकता है वो ही करते हैं..!’
‘मतलब सेक्स..!’
‘हाँ, पर तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो..?’
‘वैसे ही, इतनी खूबसूरत और सेक्सी लेडी के अकेले में ऐसी सुनसान जगह पर एक साथ नंगे नहाने के बाद किस मर्द का सेक्स करने को दिल नहीं करेगा..!’
‘मार्क स्टॉप इट, तुम ये क्या बोल रहे हो..?’
‘प्लीज़ माइंड मत करना, हमारे यहाँ तो ये बातें नॉर्मल हैं.. सेक्स के बारे में हम अपने माँ-बाप, भाई-बहन सबसे बात कर सकते हैं, क्या तुम लोग नहीं करते..?’
‘बिल्कुल नहीं, हमारे यहाँ सेक्स कोई बात करने का विषय नहीं है..!’
‘ओह माय गॉड, इतने बैकवर्ड हो आप लोग..!’
मैं हँस दी, पर मेरा ध्यान मार्क के लिंग पर ही टिका था. मौसम सुहावना था. वैसे ही लेटे-लेटे मार्क सो गया. जब मैंने उसके खर्राटते सुने तो पता चला. फिर मैं भी उठी और थोड़ी दूर जाकर पेशाब करके आई, मगर इतनी दूर नहीं गई थी कि मार्क मुझे ना दिखता. जब मैंने बैठने से पहले अपनी साड़ी ऊपर उठाई तो बैठते वक़्त मेरे मन में ख़याल आया कि अगर इस वक़्त मार्क का तना हुआ लिंग नीचे हो तो क्या हो, वो सर्रर से मेरे अन्दर घुस जाएगा और मुझे कितना आनन्द आएगा.पेशाब करने के बाद भी मैं वहीं उसी हालत मैं यूँ ही बैठी रही और मार्क को सोते हुए देखती रही. मैंने देखा कि सोते-सोते मार्क का लिंग खड़ा होने लगा था, मैं वहीं बैठी देखती रही और देखते-देखते उसका लिंग पूरा तन गया. करीब 9 इंच लंबा और ढाई-तीन इंच मोटा लिंग उसकी नाभि को छू रहा था.मुझे लगा जैसे मेरी योनि में कुछ गीला-गीला सा होने लगा था. मैं उठी और मार्क के पास जा कर देखा, वो खर्राटते छोड़ रहा था.मैंने उसे आवाज़ लगाई पर वो नहीं जगा, फिर मैंने उसे हिलाया पर वो फिर भी नहीं जगा, मतलब गहरी नींद में था.मैं कुछ देर बैठी उसे देखती रही पर मेरा हाल बेहाल हो रहा था. काम मेरे सिर पर सवार हो चुका था, मैंअपनी सुध-बुध भूल रही थी. ना जाने कब मेरा हाथ अपने आप उठा और मैंने उसका लिंग पकड़ लिया.मुझ पर मदहोशी छाने लगी, मेरी आँखें बंद होने लगीं, मैं बता नहीं सकती कि कब मैंने उसका लिंग अपने मुँह में ले लिया. उसके लिंग के सुपारे से मेरा मुँह भर गया. मैंने उसके लिंग की चमड़ी पीछे हटाई, एकदम लाल सुर्ख सेब जैसा उसका सुपारा..! मैं उसे जीभ से चाट रही थी और ज़्यादा से ज़्यादा अपने मुँह में समाने की कोशिश कर रही थी, पर इतना लंबा और मोटा लिंग मेरे मुँह में नहीं समा रहा था.
मेरी आँखें बंद थीं और मैं सिर्फ़ उस नायाब लिंग को चूसने के मज़े ले रही थी. जब मुझे अहसास हुआ कि कोई हाथ मेरे ब्लाउज के अन्दर घुस चुका है और मेरे मम्मों को मसल रहा है.
मैंने आँखें खोल कर देखा, मार्क उठ बैठा था और मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था.
‘कैसा लगा, संजू?’
‘बहुत बढ़िया, ये मेरी ज़िंदगी का अब तक का सबसे बड़ा लौड़ा है. मार्क तुम्हारे जितना लंबा और मोटा, मैंने आज तक ना देखा और ना ही लिया है..!’
‘क्या सिर्फ़ चूसोगी या!?’
मैं हँसी, ‘जब यहाँ तक आ गए हैं तो आगे जाने में क्या बाकी रह गया.. आज मैं सारी की सारी तुम्हारी हूँ..!’
मार्क ने मुझे कस कर बाँहों में पकड़ लिया, मुझे नीचे लिटा कर खुद मेरे ऊपर चढ़ गया. मैं उसका लिंग अपने पेट पर महसूस कर रही थी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखे और हमने शुरुआत ही एक-दूसरे की जीभ चूसने से की. मैंने अपनी बाँहें उसके गिर्द कस कर जकड़ लीं. उसने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.
‘संजू, मैं तुम्हें बिल्कुल नंगी देखना चाहता हूँ, अपने कपड़े उतारो, प्लीज़..!’
मैं उठ कर खड़ी हुई और बोली- यह काम तुम्हारा है, अगर तुम मेरे कपड़े उतारोगे तो मुझे अच्छा लगेगा..!’
उसने बिना कोई देरी किए मेरी साड़ी खींच दी, फिर पेटिकोट का नाड़ा खोला, मैंने चड्डी नहीं पहनी थी, सो नीचे से मैं बिल्कुल नंगी हो गई. मार्क ने मेरे कूल्हों को दोनों साइड से पकड़ा और मेरी क्लीन शेव्ड योनि को चूम लिया.मैंने मार्क का सिर पकड़ कर अपनी योनि से सटा लिया. वो मेरा इशारा समझ गया, थोड़ा नीचे झुका और मेरी योनि को अपने मुँह में भर लिया, मेरी आँखें बंद हो गईं और उसने अपनी जीभ से मेरी भगनासा को चाटना शुरू किया.आनन्द से मैं सराबोर हो गई, मैं नहीं जानती कि मेरे मुँह से क्या-क्या शब्द निकल रहे थे.मैंने अपना ब्लाउज और ब्रा भी निकाल दिए, अपने सारे गहने भी उतार कर फेंक दिए. अपने दोनों हाथों से मार्क का सिर पकड़ कर अपनी योनि ज़ोर-ज़ोर से उस पर रगड़ रही थी. मार्क अपनी जीभ से मेरी भग्नासा चाट रहा था. अपने दायें हाथ की दो ऊँगलियाँ उसने मेरी योनि में घुसा दीं और मेरी योनि के पानी से भिगो कर बायें हाथ की बीच वाली ऊँगली उसने मेरी गुदा में घुसा दी थी.वो अपनी जीभ और दोनों हाथों को चला रहा था, मैं तड़प रही थी. अब मेरे लिए और सहना मुश्किल हो रहा था, मेरी टाँगें काँप रही थीं. मार्क की स्पीड बढ़ती जा रही थी.अचानक मैं बेसुध हो कर गिर पड़ी, मेरी योनि से पानी के फुआरे छूट पड़े. मेरे गिरते ही मार्क मेरे ऊपर आ गया, इससे पहले कि मैं संभलती, मार्क ने मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं, खुद बीच में आया और अपना लिंग मेरी योनि पर रख कर अन्दर धकेल दिया.एक पर पुरुष का लिंग पहली बार मेरी योनि में दाखिल हुआ था. योनि गीली होने की वजह से सुपारा पूरा अन्दर आ गया था और जितनी मेरी योनि की चौड़ाई थी उतनी मार्क के लिंग की मोटाई थी. उसका लिंग पूरा कस कर फिट हुआ था. मैंने अपनी टाँगें मार्क की कमर के गिर्द लपेट लीं और बाँहों से उसे अपने ऊपर भींच लिया.यह मार्क के लिए इशारा था कि मैं उसे अपने अन्दर चाहती हूँ.
उसने अपनी कमर चलानी चालू की और अपना आधे से ज़्यादा लिंग मेरी योनि में उतार दिया, पर इससे ज़्यादा आगे उसका लिंग नहीं जा रहा था. उसने मेरे होंठो पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की, जिसे मैंने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.मार्क अब पूरे अधिकार के साथ मुझसे संभोग कर रहा था. मैंने भी उसका भरपूर साथ दिया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे आज मैं पहली बार सेक्स कर रही हूँ. इतना मोटा के पूरा फंस कर जा रहा था और इतना लंबा के अन्दर जैसे मेरे कलेजे से जा कर टकरा रहा था. बेशक़ मुझे काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी, पर दर्द का जो मज़ा होता है वो अपना होता है. आज मुझे फिर से पहली बार जैसा अनुभव हो रहा था. देखने में मार्क पतला-दुबला सा था पर उसमें दम बहुत था.ना जाने कितनी देर वो मुझे भोगता रहा, मैं उसके नीचे पड़ी तड़पती रही, मचलती रही और कसमसाती रही. उसे मेरे दर्द का कोई अहसास ना था, उसे सिर्फ़ अपने मज़े से मतलब था और मर्दों की यही अदा मुझे पसंद थी.मार्क पसीने से भीग चुका था, उसने अपनी पूरी जान लगा रखी थी, तभी उसका भी छूट गया और उसने अपने गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी मेरे अन्दर ही छुड़वा दी.
मेरी योनि उसके वीर्य से भर गई, वो निढाल होकर मेरे ऊपर ही गिर गया. कितनी देर वो मेरे ऊपर पड़ा रहा, मैं उसके दिल की धड़कन महसूस कर रही थी.करीब 5-7 मिनट बाद वो उठा और साइड में लेट गया. मैं उठ कर बैठी और देखा कि उसका वीर्य चू कर मेरी योनि से बाहर आ रहा था. मैंने अपनी उंगली से उसका थोड़ा सी वीर्य चाटा.‘अगर तुम्हें ये पसंद है, तो पहले बतातीं… मैं तुम्हारे मुँह में झड़ता और तुम मेरा सारा वीर्य पी जातीं..!’
‘कोई बात नहीं.. अभी तो दोपहर ढल रही है, एक बार फिर सही..!’
‘ये बात.. तो पहले नहा लें, फिर..!’
‘यस, बड़ी गर्मी लग रही है..!’
मार्क ने मुझे गोद में उठाया और पानी की हौद में डाल दिया और खुद भी अन्दर आ गया. हम दोनों, बिल्कुल नंगे खूब नहाए और पानी से खूब खेले. जब बाहर निकले तो नंगे ही जाकर मैट पर लेट गए.
‘मार्क, तुम एक शानदार मर्द हो, तुमसे सेक्स करके मुझे बहुत खुशी हुई..!’
‘थैंक्स, अगर तुम्हें मैं अच्छा लगा..!’
‘पर ये बताओ, तुम्हारी बीवी से तुम्हारा डाइवोर्स क्यों हुआ?’
‘तुम यकीन नहीं करोगी..!’
‘क्या?’
वो कहती थी कि तुम्हें चोदना नहीं आता, उसकी सेक्स की भूख इतनी थी कि हर रोज़ उसे 2-3 बार सम्भोग चाहिए था और मेरे काम की वजह से ये संभव नहीं था. उसकी चूत में हर वक़्त आग लगी रहती थी. शादी के बाहर उसके 3 बॉय-फ्रेंड्स और भी थे, जिनसे वो रेग्युलर चुदाई करती थी…!’
‘तो, फिर क्या हुआ?’
‘मैंने ही उसे छोड़ दिया कि जाओ तुम आज़ाद हो, अब जिस से चाहो उस से उतना सेक्स करो..!’
‘पर मेरे लिए तो तुम ही बड़े धाँसू निकले, मुझे तो लगता है कि जो संतोष मुझे आज मिला है, पहले कभी नहीं मिला..!’
‘तो आ जाओ, फिर एक बार और सही..!’
यह कह कर मार्क मेरे ऊपर आ गया. उसका सिर मेरी योनि की तरफ था. मैंने अपनी टाँगें चौड़ी कर दीं और उसने मेरी योनि को अपने मुँह में भर लिया और अपनी जीभ से मेरी योनि, यहाँ तक की मेरी गुदा भी चाटने लगा.मैंने भी उसका ढीला लिंग अपने हाथ में पकड़ा, उसकी चमड़ी पीछे की और उसका सुपारा बाहर निकाल कर लिंग मुँह में ले लिया.अब हम दोनों फिर एक शानदार चुदाई के दौर के लिए तैयार थे.
बात करीब दो साल पहले की है, मेरे पति के साथ कोई स्पेन की पार्टी से बिजनेस डीलिंग चल रही थी और इसी सिलसिले में वहाँ की कंपनी की मालकिन मार्टिनेज़ लोपेज़ और उसका बेटा मार्क एडवर्ड लोपेज़, हमारे पास आए.मार्टी करीब 50-55 साल की लंबी-चौड़ी लेडी थी जबकि मार्क दुबला-पतला करीब 28-30 साल का नौजवान था और उसका तलाक़ हो चुका था.हमने उनके ठहरने का प्रबंध एक बढ़िया होटल में कर दिया था. वो करीब 15-20 दिन के लिए आए थे.एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा- संजू, तुम मेरा एक काम कर दोगी?
‘क्या काम है?’
‘अरे यार, वो मार्क हमारी बिजनेस डीलिंग्स से बोर हो गया है, क्या तुम उसे कहीं घुमा कर ला सकती हो?’
‘तो यह मेरा काम थोड़े ही है, मुझे स्पैनिश नहीं आती और उसे टूटी-फूटी इंग्लिश आती है, मुझसे नहीं होगा, अपने किसी और आदमी से कह दो!’
‘अरे जानेमन, मैं उन्हें फैमिली मेंबर्स की तरह ट्रीट कर रहा हूँ, एक दिन की तो बात है… प्लीज़ समझा करो, हमें एक बड़ा ऑर्डर मिल सकता है, अगर हम उन्हें इंप्रेस कर सके तो..!’
यह कह कर खैर.. उन्होंने मुझे मना ही लिया.
अगले दिन हम सब उनकी फैक्ट्री में सुबह 9 बजे मिले. मैंने एक काली और सफ़ेद साड़ी पहनी थी, जिसका एक लो-कट और स्लीव्लैस ब्लाउज था.
जब तैयार हो कर मैंने शीशे में देखा तो शीशे ने भी मेरी तारीफ की.
मेरे पति, मार्टी और दो और लोग ड्राइवर के साथ इनोवा में बैठ गए और मार्क मेरे साथ आ कर आई-20 में आगे वाली सीट पर बैठ गया.मार्क की पसंद को ध्यान में रखते हुए मैं कुछ खाने-पीने का सामान साथ में ही ले आई थी, मैंने गाड़ी स्टार्ट की और हम चल पड़े.करीब दो घंटे का सफ़र था, पर गाड़ी में बातें करते-करते, मुझे मार्क बहुत अच्छा लगा.थोड़ी देर बाद तो मैं और मार्क अच्छे दोस्त बन गए और खूब हँसते- बोलते हमारे फार्म हाउस पर पहुँच गए. गाड़ी अन्दर लगा कर चौकीदार को कुछ ठंडा लाने को कहा.एक-एक ड्रिंक पीकर हमने अपनी खाने-पीने की बास्केट और बिछावन उठाई और पैदल ही चल पड़े. हमारे फार्म हाउस की बिल्डिंग से काफ़ी दूर हम एक ट्यूबबेल पर पहुँचे. ट्यूबबेल के आस-पास काफ़ी घने छायादार पेड़ लगे थे. मैंने वहाँ ज़मीन पर मैट बिछाई, एक साइड में बास्केट रखी और बैठ गई, मार्क भी बैठ गया.
फिर उसने पूछा- क्या यह ट्यूबबेल चलता है?
‘हाँ.. बिल्कुल, चला दूँ क्या?’
‘ओह यस, ट्यूबबेल में नहाने का तो मज़ा ही कुछ और है!’
‘पर तुम तो घर से नहा कर ही आए हो!’
‘तो क्या हुआ, फिर से सही..!’
मैंने ट्यूबबेल ऑन कर दिया, पानी की एक मोटी धार हौद में गिरने लगी, मार्क ने झट से कपड़े उतारे और हौद में कूद गया.मुझे यह देख कर बड़ी हैरानी हुई कि उसने मेरे वहाँ होने की कोई शर्म नहीं की, एकदम से बिल्कुल नंगा हो कर हौद में कूद गया.मैंने सोचा कि स्पेन में जहाँ न्यूडिस्ट बीच हैं, वहां नंगे होने की क्या कोई शर्म करता होगा, शायद इसीलिए इसने ये सोचा ही नहीं कि उसके साथ एक औरत भी है.पर मेरी बड़ी हैरानी यह थी कि सोई हुई हालत में भी उसका लिंग इतना बड़ा था, जितना मेरे इनका पूरा तन कर होता था.मैं यह सोच रही थी कि खड़ा हो कर इसका कितना बड़ा होता होगा. पर इन सब बातों से बेखबर वो पानी के हौद में डुबकियाँ लगा-लगा कर नहा रहा था.तभी उसने आवाज़ लगाई- हे संजू… क्या तुम पीने के लिए बियर भी लाई हो?
‘हाँ, चाहिए तुम्हें?’
‘ओह यस, एक देना प्लीज़!’
मैंने बास्केट में से एक बियर का कैन निकाला और लेकर मार्क के पास गई, वो गले तक पानी में था, पर साफ़ पानी में से वो पूरा नंगा दिख रहा था. मैंने बियर देते वक़्त एक बार फिर उसके लिंग को देखा, जो पानी की वजह से ऊपर को उठा हुआ था. सच कहूँ तो मेरा मन बेईमान हो चला था. मैं बियर देकर वहीं रुक गई और हौद की मुंडेर पर कोहनियाँ टिका कर खड़ी हो गई.इस तरह खड़े होने से मेरा बड़ा सारा क्लीवेज बन गया, जो बिल्कुल मार्क के सामने था और मेरे क्लीवेज को मार्क ने 2-3 बार बड़े गौर से भी देखा, पर उसने घूरा नहीं.
बियर पीते-पीते मार्क ने कहा- संजू, तुम भी आ जाओ, बड़े मज़े का ठंडा पानी है और ठंडी बियर!
‘अरे नहीं, मैं बिकिनी ले कर नहीं आई!’‘तो क्या हुआ, बिकिनी पहनने की ज़रूरत ही क्या है, ऐसे ही चली आओ!’मैंने मुस्कुरा के टाल दिया और वापिस आ कर मैट (बिछावन) पर बैठ गई. बैठते वक़्त मैंने अपने कंधे पर लगा ब्रोच निकाल दिया जिससे मेरी साड़ी का पल्लू जो बँधा हुआ था, अब खुल गया. शायद मैं मार्क को अपने पूरे क्लीवेज के दर्शन करवाना चाहती थी.मैंने मोबाइल पर गाने लगा लिए, पर मेरे मन को मेरे पसन्दीदा गाने भी अच्छे नहीं लग रहे थे, मेरे दिमाग़ में तो बस मार्क का लिंग ही घूम रहा था.
4-5 मिनट बाद मार्क बाहर निकल कर आ गया और ऐसे ही बिल्कुल नंगा ही मेरे पास आकर लेट गया.
‘अ..हा..या, मज़ा आ गया, इंडिया इस ग्रेट.. अब थोड़ी देर धूप सेंकी जाए..!’
यह कह कर उसने आँखों पर कपड़ा रखा और टाँगें फैला कर लेट गया. उसका लिंग अब मेरे सामने था और मेरी पहुँच में था, मैं जब चाहे उसे पकड़ सकती थी, चूम सकती थी पर मैंने ऐसा नहीं किया. जब वो लेट गया तो मैं भी लेट गई.मेरी साड़ी का पल्लू मेरी गोद में था और मेरे मम्मे मेरे लो-कट ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे.
‘संजू, क्या तुम यहाँ कभी नहाई हो?’ उसने पूछा.
‘हाँ..बहुत बार..!’
‘अकेली या अपने पति के साथ?’
‘पति के साथ!’
‘फिर तो बिकिनी भी नहीं पहनती होगी?’
‘नहीं, हम तो खुल्लम-खुल्ला नहाते हैं!’
‘उसके बाद?’
‘उसके बाद खेतों में घुस जाते हैं!’
‘खेतों में क्या करते हो?’
‘शट-अप मार्क, ये हमारा प्राइवेट मामला है..!’
‘अरे मैंने तो वैसे ही पूछ लिया..!’
‘खेतों में क्या करेंगे, जो किया जा सकता है वो ही करते हैं..!’
‘मतलब सेक्स..!’
‘हाँ, पर तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो..?’
‘वैसे ही, इतनी खूबसूरत और सेक्सी लेडी के अकेले में ऐसी सुनसान जगह पर एक साथ नंगे नहाने के बाद किस मर्द का सेक्स करने को दिल नहीं करेगा..!’
‘मार्क स्टॉप इट, तुम ये क्या बोल रहे हो..?’
‘प्लीज़ माइंड मत करना, हमारे यहाँ तो ये बातें नॉर्मल हैं.. सेक्स के बारे में हम अपने माँ-बाप, भाई-बहन सबसे बात कर सकते हैं, क्या तुम लोग नहीं करते..?’
‘बिल्कुल नहीं, हमारे यहाँ सेक्स कोई बात करने का विषय नहीं है..!’
‘ओह माय गॉड, इतने बैकवर्ड हो आप लोग..!’
मैं हँस दी, पर मेरा ध्यान मार्क के लिंग पर ही टिका था. मौसम सुहावना था. वैसे ही लेटे-लेटे मार्क सो गया. जब मैंने उसके खर्राटते सुने तो पता चला. फिर मैं भी उठी और थोड़ी दूर जाकर पेशाब करके आई, मगर इतनी दूर नहीं गई थी कि मार्क मुझे ना दिखता. जब मैंने बैठने से पहले अपनी साड़ी ऊपर उठाई तो बैठते वक़्त मेरे मन में ख़याल आया कि अगर इस वक़्त मार्क का तना हुआ लिंग नीचे हो तो क्या हो, वो सर्रर से मेरे अन्दर घुस जाएगा और मुझे कितना आनन्द आएगा.पेशाब करने के बाद भी मैं वहीं उसी हालत मैं यूँ ही बैठी रही और मार्क को सोते हुए देखती रही. मैंने देखा कि सोते-सोते मार्क का लिंग खड़ा होने लगा था, मैं वहीं बैठी देखती रही और देखते-देखते उसका लिंग पूरा तन गया. करीब 9 इंच लंबा और ढाई-तीन इंच मोटा लिंग उसकी नाभि को छू रहा था.मुझे लगा जैसे मेरी योनि में कुछ गीला-गीला सा होने लगा था. मैं उठी और मार्क के पास जा कर देखा, वो खर्राटते छोड़ रहा था.मैंने उसे आवाज़ लगाई पर वो नहीं जगा, फिर मैंने उसे हिलाया पर वो फिर भी नहीं जगा, मतलब गहरी नींद में था.मैं कुछ देर बैठी उसे देखती रही पर मेरा हाल बेहाल हो रहा था. काम मेरे सिर पर सवार हो चुका था, मैंअपनी सुध-बुध भूल रही थी. ना जाने कब मेरा हाथ अपने आप उठा और मैंने उसका लिंग पकड़ लिया.मुझ पर मदहोशी छाने लगी, मेरी आँखें बंद होने लगीं, मैं बता नहीं सकती कि कब मैंने उसका लिंग अपने मुँह में ले लिया. उसके लिंग के सुपारे से मेरा मुँह भर गया. मैंने उसके लिंग की चमड़ी पीछे हटाई, एकदम लाल सुर्ख सेब जैसा उसका सुपारा..! मैं उसे जीभ से चाट रही थी और ज़्यादा से ज़्यादा अपने मुँह में समाने की कोशिश कर रही थी, पर इतना लंबा और मोटा लिंग मेरे मुँह में नहीं समा रहा था.
मेरी आँखें बंद थीं और मैं सिर्फ़ उस नायाब लिंग को चूसने के मज़े ले रही थी. जब मुझे अहसास हुआ कि कोई हाथ मेरे ब्लाउज के अन्दर घुस चुका है और मेरे मम्मों को मसल रहा है.
मैंने आँखें खोल कर देखा, मार्क उठ बैठा था और मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था.
‘कैसा लगा, संजू?’
‘बहुत बढ़िया, ये मेरी ज़िंदगी का अब तक का सबसे बड़ा लौड़ा है. मार्क तुम्हारे जितना लंबा और मोटा, मैंने आज तक ना देखा और ना ही लिया है..!’
‘क्या सिर्फ़ चूसोगी या!?’
मैं हँसी, ‘जब यहाँ तक आ गए हैं तो आगे जाने में क्या बाकी रह गया.. आज मैं सारी की सारी तुम्हारी हूँ..!’
मार्क ने मुझे कस कर बाँहों में पकड़ लिया, मुझे नीचे लिटा कर खुद मेरे ऊपर चढ़ गया. मैं उसका लिंग अपने पेट पर महसूस कर रही थी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखे और हमने शुरुआत ही एक-दूसरे की जीभ चूसने से की. मैंने अपनी बाँहें उसके गिर्द कस कर जकड़ लीं. उसने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.
‘संजू, मैं तुम्हें बिल्कुल नंगी देखना चाहता हूँ, अपने कपड़े उतारो, प्लीज़..!’
मैं उठ कर खड़ी हुई और बोली- यह काम तुम्हारा है, अगर तुम मेरे कपड़े उतारोगे तो मुझे अच्छा लगेगा..!’
उसने बिना कोई देरी किए मेरी साड़ी खींच दी, फिर पेटिकोट का नाड़ा खोला, मैंने चड्डी नहीं पहनी थी, सो नीचे से मैं बिल्कुल नंगी हो गई. मार्क ने मेरे कूल्हों को दोनों साइड से पकड़ा और मेरी क्लीन शेव्ड योनि को चूम लिया.मैंने मार्क का सिर पकड़ कर अपनी योनि से सटा लिया. वो मेरा इशारा समझ गया, थोड़ा नीचे झुका और मेरी योनि को अपने मुँह में भर लिया, मेरी आँखें बंद हो गईं और उसने अपनी जीभ से मेरी भगनासा को चाटना शुरू किया.आनन्द से मैं सराबोर हो गई, मैं नहीं जानती कि मेरे मुँह से क्या-क्या शब्द निकल रहे थे.मैंने अपना ब्लाउज और ब्रा भी निकाल दिए, अपने सारे गहने भी उतार कर फेंक दिए. अपने दोनों हाथों से मार्क का सिर पकड़ कर अपनी योनि ज़ोर-ज़ोर से उस पर रगड़ रही थी. मार्क अपनी जीभ से मेरी भग्नासा चाट रहा था. अपने दायें हाथ की दो ऊँगलियाँ उसने मेरी योनि में घुसा दीं और मेरी योनि के पानी से भिगो कर बायें हाथ की बीच वाली ऊँगली उसने मेरी गुदा में घुसा दी थी.वो अपनी जीभ और दोनों हाथों को चला रहा था, मैं तड़प रही थी. अब मेरे लिए और सहना मुश्किल हो रहा था, मेरी टाँगें काँप रही थीं. मार्क की स्पीड बढ़ती जा रही थी.अचानक मैं बेसुध हो कर गिर पड़ी, मेरी योनि से पानी के फुआरे छूट पड़े. मेरे गिरते ही मार्क मेरे ऊपर आ गया, इससे पहले कि मैं संभलती, मार्क ने मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं, खुद बीच में आया और अपना लिंग मेरी योनि पर रख कर अन्दर धकेल दिया.एक पर पुरुष का लिंग पहली बार मेरी योनि में दाखिल हुआ था. योनि गीली होने की वजह से सुपारा पूरा अन्दर आ गया था और जितनी मेरी योनि की चौड़ाई थी उतनी मार्क के लिंग की मोटाई थी. उसका लिंग पूरा कस कर फिट हुआ था. मैंने अपनी टाँगें मार्क की कमर के गिर्द लपेट लीं और बाँहों से उसे अपने ऊपर भींच लिया.यह मार्क के लिए इशारा था कि मैं उसे अपने अन्दर चाहती हूँ.
उसने अपनी कमर चलानी चालू की और अपना आधे से ज़्यादा लिंग मेरी योनि में उतार दिया, पर इससे ज़्यादा आगे उसका लिंग नहीं जा रहा था. उसने मेरे होंठो पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की, जिसे मैंने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.मार्क अब पूरे अधिकार के साथ मुझसे संभोग कर रहा था. मैंने भी उसका भरपूर साथ दिया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे आज मैं पहली बार सेक्स कर रही हूँ. इतना मोटा के पूरा फंस कर जा रहा था और इतना लंबा के अन्दर जैसे मेरे कलेजे से जा कर टकरा रहा था. बेशक़ मुझे काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी, पर दर्द का जो मज़ा होता है वो अपना होता है. आज मुझे फिर से पहली बार जैसा अनुभव हो रहा था. देखने में मार्क पतला-दुबला सा था पर उसमें दम बहुत था.ना जाने कितनी देर वो मुझे भोगता रहा, मैं उसके नीचे पड़ी तड़पती रही, मचलती रही और कसमसाती रही. उसे मेरे दर्द का कोई अहसास ना था, उसे सिर्फ़ अपने मज़े से मतलब था और मर्दों की यही अदा मुझे पसंद थी.मार्क पसीने से भीग चुका था, उसने अपनी पूरी जान लगा रखी थी, तभी उसका भी छूट गया और उसने अपने गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी मेरे अन्दर ही छुड़वा दी.
मेरी योनि उसके वीर्य से भर गई, वो निढाल होकर मेरे ऊपर ही गिर गया. कितनी देर वो मेरे ऊपर पड़ा रहा, मैं उसके दिल की धड़कन महसूस कर रही थी.करीब 5-7 मिनट बाद वो उठा और साइड में लेट गया. मैं उठ कर बैठी और देखा कि उसका वीर्य चू कर मेरी योनि से बाहर आ रहा था. मैंने अपनी उंगली से उसका थोड़ा सी वीर्य चाटा.‘अगर तुम्हें ये पसंद है, तो पहले बतातीं… मैं तुम्हारे मुँह में झड़ता और तुम मेरा सारा वीर्य पी जातीं..!’
‘कोई बात नहीं.. अभी तो दोपहर ढल रही है, एक बार फिर सही..!’
‘ये बात.. तो पहले नहा लें, फिर..!’
‘यस, बड़ी गर्मी लग रही है..!’
मार्क ने मुझे गोद में उठाया और पानी की हौद में डाल दिया और खुद भी अन्दर आ गया. हम दोनों, बिल्कुल नंगे खूब नहाए और पानी से खूब खेले. जब बाहर निकले तो नंगे ही जाकर मैट पर लेट गए.
‘मार्क, तुम एक शानदार मर्द हो, तुमसे सेक्स करके मुझे बहुत खुशी हुई..!’
‘थैंक्स, अगर तुम्हें मैं अच्छा लगा..!’
‘पर ये बताओ, तुम्हारी बीवी से तुम्हारा डाइवोर्स क्यों हुआ?’
‘तुम यकीन नहीं करोगी..!’
‘क्या?’
वो कहती थी कि तुम्हें चोदना नहीं आता, उसकी सेक्स की भूख इतनी थी कि हर रोज़ उसे 2-3 बार सम्भोग चाहिए था और मेरे काम की वजह से ये संभव नहीं था. उसकी चूत में हर वक़्त आग लगी रहती थी. शादी के बाहर उसके 3 बॉय-फ्रेंड्स और भी थे, जिनसे वो रेग्युलर चुदाई करती थी…!’
‘तो, फिर क्या हुआ?’
‘मैंने ही उसे छोड़ दिया कि जाओ तुम आज़ाद हो, अब जिस से चाहो उस से उतना सेक्स करो..!’
‘पर मेरे लिए तो तुम ही बड़े धाँसू निकले, मुझे तो लगता है कि जो संतोष मुझे आज मिला है, पहले कभी नहीं मिला..!’
‘तो आ जाओ, फिर एक बार और सही..!’
यह कह कर मार्क मेरे ऊपर आ गया. उसका सिर मेरी योनि की तरफ था. मैंने अपनी टाँगें चौड़ी कर दीं और उसने मेरी योनि को अपने मुँह में भर लिया और अपनी जीभ से मेरी योनि, यहाँ तक की मेरी गुदा भी चाटने लगा.मैंने भी उसका ढीला लिंग अपने हाथ में पकड़ा, उसकी चमड़ी पीछे की और उसका सुपारा बाहर निकाल कर लिंग मुँह में ले लिया.अब हम दोनों फिर एक शानदार चुदाई के दौर के लिए तैयार थे.
ReplyDeleteप्यून ने चोदा मेडम को - हिन्दी सेक्सी कहानीयां
दीदी की चूत कुंवारी थी - चुदाई कहानियां
पायल बहन की सिल तोड़ी- हिन्दी गरम कहानियां
शर्दी की रात में चुद गई भाभी - मस्त कहानियाँ
दोनों बहनों की चूत मालिश कर के चोदी - हिन्दी सेक्स कहानीयां
Hi all chudasi girls & bada lund wala indian boyz... I like Lesbian sex and kale mote indian lund hai koi jiska lund 9 inch ka hai ? jo meri Pyasi choot ki pyas bujha saake add me > Bada lund ki pyasi bhabi
DeleteMere sath real me chudai aur Indian sexy nude girls ke sath hot sexkarna chahte ho to ajao yeha .... 4 bhai milkar behan ki rape sex kahani
mom son xxx fucking story
Indian sister and brother real fucking stories
baap beti ki incest sex stories hindi
indian xxx fucking stories
bhai aur behan ki xxx sex stories
maa aur bete ki najayez sex sambandh
bhabhi ki fucking stories hindi
mom fucking stories hindi
devar bhabhi ki xxx sex story
maa ki chut me lund dalne ki kahani
bhabhi chut me 8 inch ka lund dala
bhabhi ko pregnant karne ki kahani
devar aur bhabhi xxx sex kahani
maa aur bete ki xxx sex kahani
bhai aur behan ki xxx sex story
12 saal ki virgin ladki ki rape sex story
maa aur behan ko chodne ki kahani
didi ki gand aur chut me 12 inch ka lund dalne ki story
vidhwa aurat ki chudai kahani
baap aur beti ki najayez sex kahani
ghode ke sath desi ladki ki sex kahani
kutte ka lund se chut ki khuli mitane ki kahani
gadhe se chudai ki sacchi kahani
baigan se chut marne ki kahani
real indian bhai aur behan ki sex kahani
Jis kisi bhabhi ko apni mast, bejor aur wild chudai kafi der tak, 24 hrs. men 4-5 karwani ho mujhe email kijiye jhh32jdh@gmail.com par aur aage ka program banakar mast chudai karwa sakti hain. Thanks.
ReplyDelete
ReplyDeleteCOLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE GIGOLO इस में बड़े घरानों की महिलाएं अपने साथ सेक्स करने के लिए युवा लड़कों को पैसे देती है उसे जिगोलो कहते हैं इन लड़कों से सेवाएं लेने वाली महिलाएं अमीर अय्याश महिलाएं भी बड़े घरानों की होती है जो एक बार के 16000 से 26000 हजार रुपए देती है अगर आप भी जिगोलो बन कर पैसे कमाना चाहते हैं तो जल्द ही हम से संपर्क करें COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE महिलाओं की उम्र 20 से 45 वर्ष SEX SERVICE समय एक सप्ताह में दो से तीन लड़कियों या महिलाओं को SEX SERVICE देना होता है माश्र दो से तीन घंटे स्थान आप के शहर से 50 से 100 किलोमीटर के आस पास बड़े शहरों में फाइफ स्टार होटल या उनके बंगले पर अब डरने और शरमाने का समय नहीं है अब MALE और FEMALE हर एक मीटिंग में 16000 से 26000 कमाओं और अपनी जिंदगी के हर एक पल का मजा लो HIGH SOCIETY के लड़के और लड़कियों के साथ आप के आप ने ही CITY में आज ही ज्वाइन होने के लिए काल करें COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE दोस्तों फेसबुक पर आप को कोई हाउसवाइफ सीधा संपर्क नहीं करेंगी वो सुरक्षा चाहतीं हैं प्राइवेसी चाहतीं हैं इसलिए वो कंपनियों के जरिए मिलेगी SEX SERVICE में आप को अमीर घरों की लड़कियों महिलाओं के साथ दोस्ती SEX सम्बंध बना कर उन्हें खुश करना होता है यह वह महिलाएं होती हैं जिनके HUSBAND अक्सर उनसे दूर रहते हैं इसीलिए उन्हें अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने के लिए GIGOLO COLL BOY PLAY BOY की आवश्यकता होती है वह GIGOLO COLL BOY PLAY BOY को इसीलिए बुलाती है क्यों की वह वदनामी के डर से आस पड़ोस में सम्बंध नहीं बनाती है इसीलिए वह GIGOLO COLL BOY PLAY BOY को बुलाती है क्यों कि GIGOLO COLL BOY PLAY BOY उन को नहीं जानते है और ना ही उन का घर क्यों कि मीटिंग होटल में होती है GIGOLO COLL BOY PLAY BOY SERVICE में मिलने वाला वेतन आप को एक मीटिंग का 16000 से 26000 रुपये हर मीटिंग का मिलेगा आपको पहली मीटिंग का 25% कमीशन देना होगा और आप को बाकी सभी मीटिंगों का 50% कमीशन मीटिंग के बाद कंपनी को देना होगा आप अपनी इच्छानुसार किसी भी टाइम की मीटिंग लें सकते हैं यह GIGOLO COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE भारत के सभी छोटे बड़े शहरों में उपलब्ध है आप अपनी इच्छानुसार किसी भी शहर में GIGOLO COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE लें सकते हैं जिस दिन आप की रजिस्ट्रेशन SERVICE फीस जमा होगी पहली मीटिंग उसी दिन होगी JOIN होने के लिए नीचे मांगी गई DETAILS WHATSAPP 09818592392call पर भेजे आप को अपना कोई भी एक आई डी देना होगा और एक पासपोर्ट फोटो देना होगा और जिस शहर में SERVICE करना है उस का नाम WHATSAPP करो और आज हमारे साथ हजारों MALE FEMALE काम कर रहे हैं 100% गोपनीय COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE