Saturday 21 November 2015

बैलगाड़ी की हसीन यात्रा Hindi English Sex Story

यह कहानी मेरी एक दोस्त प्रेरणा की व्यक्तिगत ज़िंदगी से से भी बहुत कुछ मिलती जुलती हुई है, इसलिए ख्याल आया कि अपने सभी दोस्तों की ज़िंदगी में भी उनकी यादों के सहारे, दस्तक देकर देखूँ कि उन्हें भी अपनी ज़िंदगी की कोई मज़ेदार घटना याद है या नहीं?
आज की कोल्हू के बैल जैसी व्यस्त शादीशुदा ज़िंदगी में सोचने का समय, खास तौर से अपने बारे में शायद ही कभी किसी को मिलता हो।
ऐसे में उसको उसकी पुरानी ज़िंदगी से उसको रूबरू करने की चेष्टा की दिशा में यह एक अनूठा प्रयास है और उम्मीद है कि आप इस कहानी के माध्यम से, हो सके तो अपने बचपन या उसके बाद और शादी से पहले की ज़िंदगी में झाँकने और हसीन लम्हों को याद करके फिर से मौकों को तलाश कर नए तरीकों से जिंदगी को नमकीन करते हुए जीने का प्रयास करेंगे।
मैं उस वक़्त शायद किशोरावस्था में रहा होऊँगा जब एक बार किसी की शादी के सिलसिले में मामा के साथ, गुलाबी जाड़े के मौसम में ननिहाल के गाँव जाने का मौका मिला क्योंकि बाकी लोग पहले ही पहुँच चुके थे।

बस से 20 मील जाने के बाद, ज़िंदगी में पहली बार बैलगाड़ी का सफर करने का मौका मिला जिससे करीब 5 मील यानि करीब 5-6 घंटे, अंधेरी रात में जंगल जैसे माहौल में कुछ और सवारियों के साथ बैलगाड़ी शेयर करनी पड़ी। टॉर्च की लाइट में बैलगाड़ी में सबसे पीछे कोने में सिमट के बैठना पड़ा क्योंकि बैलगाड़ी में पहले से ही 3 सवारियाँ थी, दो लंबाई में पैर फैलाए सो रही थी, तीसरी पैर फैला कर बाकी जगह में बैठी हुई थी।
चारों तरफ घनघोर अंधेरा, हल्की सर्दी का मौसम और उस पर खुला आकाश और बैलगाड़ी के आगे-पीछे कुछ लोग डंडे लिए हुए एवं एक आदमी लालटेन लेकर रास्ता दिखाता हुआ आगे आगे चल रहा था ताकि कोई भी अकेलापन या डर महसूस न कर सके।
करीब आधे घंटे तक, ठंड में एक ही पोजीशन में बैठने से पैर, कमर आदि में दर्द होने लगा था इसलिए धीरे से पास बैठी सवारी से कुछ दाएँ-बाएँ खिसकने के लिए रिक्वेस्ट भी की पर न ही किसी ने कोई जवाब दिया न ही उसका कोई असर होता हुआ दिखा।
थोड़ी देर बाद मै कुछ जगह बनाने की कोशिश करने वाला ही था कि अचानक एक नाजुक से हाथ ने मेरे पैर के घुटने को दबाना शुरू कर दिया।
मैं कुछ कहने कि सोच ही रहा था कि वह नाजुक सा हाथ मेरे नेकर के ऊपर महसूस हुआ। यह मुझे अच्छा भी लगा और डर भी लगने लगा कि कहीं किसी ने देख लिया तो मेरी शामत आ जाएगी।
लेकिन मेरे पीछे दूर-दूर तक भयंकर अंधेरा था, हाथ को हाथ नहीं दिखाई दे रहा था।

मैंने भी हिम्मत दिखते हुए नींद में होने के बहाने उस हाथ पर अपना हाथ ऐसे रखा कि बिना मेरा हाथ हिलाए वह हाथ कुछ कर ही न सके!
कुछ ही क्षणों में उस हाथ ने मेरे हाथ को हिलाया।
जब मेरा कुछ रिएक्शन नहीं मिला तो लगा जैसे उस नाजुक हाथ को आजादी मिल गई। मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे बैलगाड़ी में हम-दोनों के अलावा सब सो रहे थे।

उस नाजुक हाथ वाली ने किसी आदमी को आवाज़ लगाई और मेरी गान्ड फट गई, लगा जैसे अब वह मुझे पिटवाने वाली है, मैंने फौरन ही अपना हाथ हटा लिया पर उसने मेरा हाथ उठा कर चूम लिया, तब तक, शायद जिस आदमी को आवाज दी गई थी वो लालटेन लिए हुए वहाँ आ गया और पूछा- क्या हुआ?
इस बीच मैं आने वाले आदमी की तरफ पीठ करके सोने का नाटक करने लगा, थोड़ी सी आँख खोल कर मैंने लालटेन के प्रकाश में देखा की छोटी सी गाड़ी में मेरे बगल वाली महिला, गोद में छोटा सा बच्चा, गोरी सी करीब 25-27 साल की होगी। बाकी सब महिलाएँ चादर ओढ़े सो रही थीं।
उस औरत ने आने वाले आदमी से एक बीड़ी और माचिस मांगी, और फिर 2 बीड़ी सुलगा कर एक उस आदमी को दी और एक से खुद कश लगाए।
उस आदमी ने लालटेन उठाकर गाड़ी में देखा और फिर उस औरत से कहा कि वह भी मुझे खिसका कर जगह बना कर मेरे और उसके बीच में बच्चे को लिटा कर खुद भी चादर ओढ़ कर लेटने की कोशिश करे क्योंकि सर्दी में बैल भी धीरे-धीरे चल रहे हैं, ऊपर से उल्टी हवा चल रही है।

वह औरत बोली- तू भी आकर साथ लेट जा और मुझे चूस ले!
इस पर उसने कहा कि घर पहुँचने तक तो सबर कर ले चोदी!
कुछ देर, बीड़ी खत्म होने तक, दोनों बात करते रहे और फिर हँसता हुआ आगे अपने साथियों के पास चला गया।

उन दोनों की ऐसी बातें सुन कर मेरा लंड गर्म हो गया और जैसे ही वह आदमी अपने साथियों के पास पहुँचा, उस औरत ने जो कि लालटेन के प्रकाश में मुझे अच्छी तरह से देख चुकी थी, अपना हाथ मेरे नेकर के अंदर डाल कर लंड पकड़ लिया।
अब तो मैंने भी झिझक छोड़ दी और उसको अपने ऊपर खींच कर चिपका लिया और उसके कान में फुसफुसाया कि वह भी मेरे साथ लेट जाए।

फिर उसने गाड़ी में पड़ी हुई फूस के ऊपर, एक साइड में बच्चे को लिटाया और खुद मेरे व बच्चे के बीच में लेट गई, तथा मुझे बताया कि गाड़ू में सब सो रहे हैं क्योंकि गाँव में सब जल्दी सो जाते हैं, तो मैं बिल्कुल निश्चिंत रहूँ।
और उसने मेरे होठों को चूम लिया, दुबारा चूमा और फिर चूसने लगी।

मुझे बहुत मजा आने लगा था।
उसने अपना शाल खोल कर हम तीनों पर डाला और अपनी धोती को कमर के ऊपर उठा कर नंगी हो गई तथा दूसरा हाथ मेरे सिर के नीचे डाल कर मुझे अपने से चिपका लिया और अपना ब्लाउज खोल कर एक चूची मेरे मुँह में घुसेड़ दी।
‘म्मम्म… म्मम्मह…’ मुझे पता नहीं क्या हो रहा था, यह मेरी ज़िंदगी का पहला सेक्स का अनुभव था और मैं चूची चूस रहा था, दूध भी मेरे मुँह में जा रहा था।
वह मेरे होठों को चूस रही थी एवम् दूसरे हाथ से लंड सहला रही थी। मैं उसकी नंगी टांगों के बीच में दबा हुआ अजीब सी सिहरन महसूस कर रहा था, बैलगाड़ी में हूँ या घर में – सब भूल गया।
मुझे यह भी नहीं मालूम कि मुझे क्या करना चाहिए या मैं क्या कर डालूँ!
पर अंदर से कुछ कुछ हो रहा था जिसको मैं व्यक्त नहीं कर पा रहा था।

उसने अपनी एक चूची मेरे मुँह से निकाल कर दूसरी चूची मेरे मुँह में डाल दी और मेरे हाथ को खींच कर अपनी झांटों वाली बुर पर रख दिया।
मैंने उससे पूछा कि मैं उसको क्या कह कर बुलाऊँ?
तो उसने पूछा कि मैं कहाँ और किसके घर ज रहा हूँ।
फिर उसने कहा कि मैं उसे मामी कह कर बुलाऊँ और दोपहर में वह मुझे घर से आकर दुबारा खुल कर मजा लेने के लिए ले जाएगी,
अभी इतनी सी जगह में ही मजे लेने की कोशिश करूँ।

अब तक़ हम और मामी गहरे दोस्त बन गए थे।
मैंने मामी को बताया कि मेरी पेशाब की जगह पर कुछ गर्म गर्म लग रहा है।
मामी ने पूछा कि क्या मैंने पहले कभी ऐसे मजे लिए थे, और मेरे न कहने पर उसने कहा कि कोई बात नहीं, अब मामी से मिले हो तो सब सीख़ लोगे, लेकिन पहले पेशाब की जगह पर हो रही गर्मी ठीक करनी होगी।

इसके बाद मामी ने मुझे, 69 की पोजीशन में, अपने ऊपर लिटा लिया और मुझसे कहा कि मैं अपना मुँह मामी की बुर पर रख कर उसे चाटूँ, और उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर उसको चूसना शुरू किया।
‘आह आः आ आह मम्म, ओःह, इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता।
मामी होशियार थी इसीलिए जब मैं झड़ने वाला होता था तो मामी चूसना बंद कर देती थी।
लेकिन मामी ने मुझको चूसने से नहीं रोका बल्कि जब वो झड़ने लगती थी तो उसकी कमर बहुत उछलती थी, उसके मुँह से बहुत हल्की हल्की अजीब आवाजें निकलती थीं और वो रुक रुक कर ज़ोर ज़ोर से कमर उछालती रहती थी।

कुछ देर बाद मामी की उछल कूद ठंडी पड़ने लगी और उसने भी मुझे बहुत देर तक कस के चूसा और मुझे लगा कि मेरे शरीर से कुछ निकालने वाला है… निकल रहा है… आ आ आ ह आ ह आ ह नि…क…ल गया…
इसके बाद हम दोनों ही थक कर चूर हो गए थे, शरीर में अजीब सा दर्द महसूस हो रहा था और थकान के असर से नींद भी आ गई।
कुछ देर के बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई मुझे पकड़े हुए है, आँख खोल कर देखा तो मामी किसी कपड़े से मुझको और अपने आप को साफ कर रही थी।
बैलगाड़ी में सवारियाँ सो रही थी, आगे लोग बातें करते हुए चल रहे थे यानि हम दोनों ने क्या किया इससे सब लोग बेखबर थे।
फिर मैं और वो मामी आपस में बात करने लगे और मामी ने मेरे बारे में सब पूछ कर कहा कि वो मुझे, जहाँ मैं जा रहा था, वहाँ से लेने दिन में आएगी और फिर दिन में हम लोग बहुत आराम से ये प्यार का खेल खेलेंगे।
बातों बातों में उसने बताया कि उसके घर में सभी एक दूसरे को चोद सकते हैं, आपस में कोई भेदभाव नहीं है, जिसको जिसे भी चोदने की इच्छा हो, चुदने की इच्छा अपना दिल हल्का कर सकता है।

दोस्तो, अगले दिन का हाल अगली बार सुनाऊँगा, फिलहाल यह कहानी कैसी लगी इसके बारे में मुझे जरूर ईमेल से बताइएगा।

4 comments:

  1. hy
    my name is Ali
    i m from Pattoki
    meri koe girl friend ni hy q k main bht drta ho lrki ko line marty huey or kbhi kisi ka pecha ni kiya
    main kasm kha k khta ho k main such bol rha ho
    main beautiful and handsome boy ho
    ager koe lerki mj sy dosti krna chahti hy to mera cell no nechy hy
    mery pas imo or whats up bhi hy
    wo num main apko bad main don ga
    main bs pyar krna chahta ho
    koe bhi young aunti ho ya lerki
    mjsy dosti krna chahti ho to rabta kry
    jo mjy apni hr qism ki tasveer send kr skti ho main waada krta ho koe pic leakout nhen ho gi
    pllllllllllzzzzzzzzzz aik br zror atbr kr k daikhain main bura lerka ni ho ns pyar ka pyasa ho
    mer age 20 hy
    or main aik studnt ho
    or dosti k liye hr bat man ny ko tyar ho
    main bs date pr jana jana chahta apni girl friend ko pyar krna chahta ho
    mjy us sy lov ho gya to shDi bhi kro ga
    plzzzzz ager koe lrki dosti krna chahti jy to zror rabta kry
    +923047701909

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