हर स्त्री के जीवन में अनेक घटनाएँ घटित होती हैं, उन में से कुछ घटनाएँ तो दुखी कर देती हैं, लेकिन कुछ बहुत सुखद और यादगार होती हैं !
मेरे जीवन में भी ऐसी ही एक सुखद और यादगार घटना हुई थी, जिसकी यादें आज भी ताज़ा हैं और उनकी याद आते ही मैं रोमांचित हो जाती हूँ। लेकिन उससे पहले मैं आपको अपना परिचय देना चाहूँगी!
मेरा नाम उर्मिला है, सब लोग मुझे “उर्मी” कहते है, मैं तेईस वर्ष की हूँ और भोपाल में रहती हूँ। लगभग तीन वर्ष पहले मेरी शादी हुई थी। शादी से पहले भी मैं बहुत ही सुन्दर दिखती थी, लेकिन शादी के बाद मेरा रंग रूप और भी ज्यादा निखर आया है, अब तो मैं एक अप्सरा से कम नहीं लगती हूँ !
मेरे पैमाने हैं 36-24-36, कद पांच फुट छह इंच, रंग बहुत गोरा, छाती उठी हुई और उस पर दो कसी हुई चूचियाँ, जिनके ऊपर मोटे काले अंगूरों जैसी घुन्डियाँ, बल खाती हुई कमर पतली, चौड़े नितम्ब, सुडौल जांघें और लंबी तथा पतली टाँगें ! नाभि के नीचे और टांगों के बीच में काले रंग के बालों के बीच में विराजमान मेरी संकरी सी गोरी चूत !
तीन वर्ष की शादी के बाद भी कोई बच्चा ना होने की वजह से अभी तक इस चूत में कोई बदलाव नहीं आया, अभी भी वह तीन वर्ष पहले जैसी कुंवारी और संकरी दीखती है ! आज भी जब मैं चुदती हूँ तो वही पहली रात जैसा ही आनन्द आता है !
यह घटना लगभग एक वर्ष पहले की है जब मेरी इक्कीस वर्षीया छोटी बहन अर्ची (अर्चना) की शादी, मथुरा में रहने वाले परिवार के तेईस वर्षीय कमल से हुई थी। कमल आगरा में एक कंपनी में इंजिनियर है और अर्ची के साथ आगरा में ही रहतें हैं। मेरी छोटी बहन भी मेरे तरह बहुत सुंदर है और उसका शरीर भी बहुत मादक है, हम दोनों बिल्कुल जुड़वाँ लगती हैं। कमल का कद छह फुट है, चौड़ी छाती है और वह स्वस्थ तथा बलिष्ठ पुरुष है ! नियमित योग और व्यायाम के कारण उसका सिक्स-पैक शरीर अत्यंत ही आकर्षक है !
शादी के तुरंत बाद कमल और अर्ची जब मेरे घर भोपाल में दो दिन के लिए रहने आये थे, तब मैंने उन्हें अपने साथ वाले बेडरूम में ही ठहराया था। दोनों बेडरूम के बीच में एक दरवाज़ा था, जिस में से एक दूसरे कमरे में हो रही आवाजें सुनाई देती थी और उस दरवाज़े के की-होल में से उस कमरे के अंदर का नज़ारा भी दिखाई देता था !
रात को जब मेरे पति सो गए, तब मैं उठ कर उस दरवाज़े के पास खड़े होकर दूसरे कमरे की आवाजें सुनने लगी। अंदर कमल अर्ची को चुदाई के लिए मना रहा था और वह कुछ नखरे दिखा रही थी !
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने की-होल में से देखा तो पाया कि कमरे की लाईट जल रही थी तथा कमल अर्धनग्न खड़ा था और अर्ची के कपड़े उतार रहा था। जब उसने अर्ची को पूरा नग्न कर दिया तब वह सीधा खड़ा हो कर अर्ची से उसका जांघिया उतारने को कहा।
अर्ची उठ कर बेड पर बैठ गई और उसका जांघिया नीचे करके उसमें से कैद लौड़े को आज़ाद कर दिया।
मैं तो उस लौड़े को देख कर दंग रह गई, कमल का लौड़ा आठ इंच लंबा और दो इंच मोटा था तथा उसका सुपारा तो ढाई इंच मोटा था ! लौड़ा एकदम तना हुआ था, उसके ऊपर की नसें फूली हुई थीं और उसका सुपारा बाहर निकला हुआ था।
अर्ची पहले उस लौड़े को बड़े प्यार से अपने हाथों से मसलती रही, फिर उसने उसको अपने मुँह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया। उधर कमल अर्ची की चूचियाँ दबा रहा था और उसकी घुंडियों को मसल रहा था।
कुछ देर के बाद कमल ने अर्ची को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच में मुँह डाल कर उसकी चूत को चूसने तथा चाटने लगा। लगभग पांच मिनट के बाद अर्ची चिल्लाने लगी और कमल को चुदाई के लिए कहने लगी। कमल अर्ची की दोनों टांगों के बीच में बैठ गया और उसने अपना लौड़ा उसकी चूत के मुँह पर रख कर एक धक्का दिया तथा आधा लौड़ा अर्ची की चूत के अंदर कर दिया। फिर उसने दूसरा धक्का लगाया और पूरा लौड़ा चूत में धकेल दिया !
अर्ची ने हल्की सी चीख मारी और कमल से लिपट गई ! इसके बाद अगले दस मिनट तक कमल उछल उछल अपना लौड़ा अर्ची की चूत के अंदर बाहर करता रहा और अर्ची भी उछल उछल कर कमल का साथ देती रही। दस मिनट के बाद अचानक कमल ने तेज़ी से चुदाई करने लगा और फिर दोनों ही चीखने चिल्लाने लगे तथा एकदम से अकड़ कर एक दूसरे पर ढेर हो गए। फिर दोनों अलग हुए, लाईट बंद कर दी और सो गए।
मैं भी अपने बिस्तर पर आकर लेट गई और अभी अभी देखे नज़ारे के बारे में सोचने लगी !
मेरी चूत में खुजली शुरू गई थी, मैं भी चुदना चाहती थी, इसलिए मैं अपने पति से चिपट गई और उनके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। मेरे पति का लौड़ा कमल के लौड़े के सामने कुछ भी नहीं था, मेरे पति का लौड़ा सिर्फ छह इंच लंबा और सवा इंच मोटा था और सुपारा तो डेढ़ इंच मोटा ही था तथा टोपी के अंदर ही रहता था !
मुझे अर्ची से ईर्ष्या हो रही थी, मैं भी कमल का लौड़ा अपनी चूत में डलवाना चाहती थी लेकिन उस समय के हालात और चूत की खुजली से मजबूर मैं अपने पति के लौड़े को ही जगाने लगी थी। मेरे मसलने पर लौड़ा तन गया और मेरे पति भी जाग गए !
मेरी चुदाई की इच्छा को समझते हुए उन्होंने अपने और मेरे कपड़े उतार दिए तथा अपने लौड़े को मेरे मुँह में देकर मेरी चूत को चूसने लगे। मैं तो पहले से ही गर्म थी इसलिए दो मिनट में ही मैंने पानी छोड़ दिया !
मेरी यह हालत देख मेरे पति ने मुझे सीधा लिटाया और अपने लौड़े को एक ही झटके में मेरी चूत में धकेल दिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी। अगले दस मिनट में मैंने दो बार पानी छोड़ा और फिर जाकर मेरे पति ने अपने पिचकारी छोड़ी और मेरी आग शांत की।
इसके बाद हम सो गये, लेकिन क्योंकि मेरी संतुष्टि नहीं हुई थी इसलिए सपने में भी मुझे कमल का लौड़ा ही दिखाई देता रहा !
अगले दिन सुबह हम सब भोपाल घूमने गए, शॉपिंग भी की और खाना भी बाहर ही खाया। रात की गाड़ी से कमल और अर्ची वापिस आगरा चले गए और हम लोग वापिस अपने घर आ गए।
लेकिन उस रात को मैंने अपने जिंदगी में एक बदलाव देखा, मुझे दिन रात कमल के आठ इंच लंबे और दो इंच मोटे तथा ढाई इंच मोटे सुपारे के सपने आने लगे। कमल के लौड़े की चाहत में मुझे पति के छोटे और पतले लौड़े से संतोष मिलना भी बंद हो गया था। इसलिए कमल के लौड़े को पाने के लिए मेरी इतनी तड़प बढ़ गई थी और मैं कई बार उंगली, बैंगन या खीरे का प्रयोग करके अपने आप को संतुष्ट कर लेती थी !
तीन माह के बाद एक दिन अर्ची का फोन आया और उसने बताया कि कमल अगले सोमवार को एक सप्ताह के लिए भोपाल में ट्रेनिंग के लिए आ रहा था और हमारे पास ही रहेगा।
मैंने उसे कहा कि यह तो अच्छी बात है और आग्रह किया कि वह भी साथ में आ जाये, तो वह कहने लगी कि शादी के बाद वह माँ और पिताजी के पास नहीं गई थी, इसलिए वह इन दिनों उनके पास मथुरा जा रही थी।
कमल अकेला ही आ रहा था यह सुन कर मुझे बहुत खुशी हुई, मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे मन की मुराद पूरी हो गई हो और मुझे कमल का लौड़ा मिल गया हो !
कमल को चोदने के लिए कैसे राज़ी किया जाए इसकी तरकीब सोचने लगी, लेकिन दो बातें समझ नहीं आ रहीं थी। पहली यह कि कमल चोदने को राज़ी भी होगा या नहीं और दूसरी कि मेरे पति के घर में होते हुए मैं और कमल चुदाई कैसे कर पायेंगे !
इसी उलझन में समय बीत गया और सोमवार सुबह कमल आ गया। मैंने इस बार भी कमल को अपने बेडरूम के बगल वाले बेडरूम में ही ठहराया और उसकी सुख सुविधा कि सभी वस्तुओं को खुद ही उस कमरे में रख दीं। कमल सुबह आने के बाद नहा धोकर तैयार हुआ और नाश्ता कर के ट्रेनिंग पर चला गया। दोपहर को मेरे पति जब घर आये तो उन्होंने बताया कि उन्हें उसी रात को व्यापार के सिलसिले में चार दिनों के लिए चेन्नई, बंगलोर और हेदराबाद जाना है और वह शुक्रवार सुबह तक ही वापिस आयेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं उनका सामान तैयार कर के रख दूं ताकि वह शाम को घर से सामान लेते हुए हवाई अड्डे चलें जायेंगे।
पति के मुख से यह समाचार सुन कर मुझे लगा कि मेरी लाटरी निकल आई है, अपनी किस्मत पर बहुत खुशी हुई और मुझे लगा कि शायद भगवान भी यही चाहते हैं कि मैं कमल के दमदार लौड़े का खूब मज़ा लूँ !
पांच बजे मेरे घर पति आये और अपना सामन लेकर हवाई अड्डे चले गए। शाम छह बजे कमल आ गया और चाय पीकर अपने कमरे में आराम करने चला गया। मैंने भी उसे परेशान नहीं किया और आराम करने दिया क्योंकि मैं जानती थी कि मैं उसे रात को बहुत परेशान करने वाली थी।
आठ बजे मैं कमल के कमरे में गई तो देखा के वह गहरी नींद में सो रहा था। तब मैंने उसके और अपने कमरे के बीच वाले दरवाज़े की चिटकनी खोल दी। इसके बाद मैंने अपने कमरे में आकर उस दरवाज़े को खोल कर तस्सली भी कर ली और अपने कपड़े बदल कर नाइटी पहन ली।
रात नौ बजे मैंने कमल को जगाया और हम दोनों ने खाना खाया और कुछ देर बाहर गार्डन में टहलते रहे।
लगभग दस बजे हम अंदर आये तो मैंने कमल से पूछा कि क्या वह कॉफी पीयेगा तो उसने हाँ कह दी।
मैंने उसे कमरे में जाने को कहा और कॉफी बनाने चली गई। रसोई में मैंने गैस पर पानी उबलने के लिए रखा और जल्दी से अपनी नाइटी के नीचे पहनी हुई ब्रा और पैंटी उतार कर वहीं रसोई में रख दी। अब मैं चुदने के लिए मानसोक और शारीरिक तौर पर बिल्कुल तैयार थी, मेरी आँखों के आगे कमल का लंबा, मोटा और तगड़ा लौड़ा दिखाई देने लगा था और मेरी चूत में थोड़ी खलबली भी शुरू हो गई थी।
जैसे ही कॉफी बन गई, मैं उसे कमल के कमरे में ले गई तो देखा कि बेड पर उसका सामान बिखरा हुआ था और कमल सिर पकड़े बैठा हुआ था।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने बताया- अर्ची ने रात के सोने वाले कपड़े तो बैग में रखे ही नहीं !
शायद पहली बार सामान बाँधा था इसलिए उसने बैग में पेंट और कमीज तो रख दी थी, लेकिन बनियान और जांघियाँ भी नहीं रखे थे ! मैंने उसे कहा- इसमें परेशान होने की बात नहीं !
और मैंने उसे रात के लिए अपने पति की लुंगी दे दी।
काफी पीने के बाद मैंने कमल से कहा कि वह अपना बनियान और जांघियाँ उतार दे ताकि मैं उन्हें अभी धो दूँ ताकि सुबह तक सूख जाएँ ! वह कल वही पहन जाए और कल ही मैं उसके लिए नए बनियान और जांघियाँ ला दूँगी !
मेरी बात मान कर कमल कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में घुस गया ! उसे अंदर गए अभी कुछ सेकण्ड ही हुए थे कि मैं भी बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर उसमे घुस गई।
मैंने देखा कि कमल बिल्कुल नंगा खड़ा मूत रहा था !
मुझे बाथरूम के अंदर देख कर वह हकबका गया और एकदम घूम गया !
मैंने उसे सँभालने का मौका ही नहीं दिया और मैं उसके पास जाकर उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा कि उसे घबराने और हैरान होने कि जरूरत नहीं है। मैंने उसे कंधों से पकड़ कर घुमाया और उसे अपने सामने कर उसके लौड़े को पकड़ लिया और बताया कि मैं उसके लौड़े को अच्छी तरह देखा हुआ है !
कमल अपने लौड़े को छुड़ाने की कोशिश करता रहा पर मैंने उसको नहीं छोड़ा। उस समय उसका लौड़ा छोटा सा हो रखा था इसलिए मैं उसको मसलने लगी और आगे पीछे हिला कर बड़ा करने लगी।देखते ही देखते उसका लौड़ा तन कर लोहे की छड़ जैसा हो गया, तब मैंने नीचे बैठ कर उसे अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी।
कमल तो बहुत मना करता रहा लेकिन मैं ही नहीं मानी और चुसाई चालू रखी। क्योंकि कमल को कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए वह वहीँ खड़ा खड़ा आह्ह… आह्ह्ह्ह… आह्ह… करता रहा !
फिर मैंने तेज़ी से चूसना शुरू किया और उसके ढाई इंच के टट्टों को भी हल्के हल्के मसलना शुरू कर दिया। मेरे ऐसा करने से चुसाई का असर दुगना हो गया और दो मिनट में ही कमल ने आह्ह्ह्ह्ह्… की ज़ोरदार आवाज़ निकलते हुए अपनी पिचकारी मेरे मुँह में छोड़ दी।
इसके लिए मैं तैयार थी और उसका बहुत ही स्वादिष्ट, कुछ नमकीन और कुछ खट्टा जैसा वीर्य रस मैंने गटागट पी लिया तथा लौड़े के छेद में से भी बचा हुआ रस चूस कर खींच लिया। फिर मैंने कमल के लौड़े और टट्टों को चाट कर साफ़ किया और उसे बेडरूम में जाने दिया।
इसके बाद मैंने कमल के बनियान और जांघिये को धोया और बेडरूम में पंखे के नीचे सूखने को फैला दिए। कमल ने बेड पर फैले सामान को समेट कर, लुंगी पहने बेड पर बैठा हैरान सा मुझे यह सब करते हुए देखता रहा था !
इसके बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गई और उसका एक हाथ अपने हाथों में ले कर पूछा कि वह हैरान परेशान क्यों है?
तो उसने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा कि कुछ देर पहले यह सब क्या और कैसे हुआ था!
उसने मुझसे पूछा कि मैंने उसका लौड़ा पहले कब देखा था तो मैंने उसे बताया कि जब वे लोग मेरे यहाँ आये थे तब उन्हें चुदाई करते हुए देखा था और मैंने उठ कर अपने कमरे वाला दरवाज़ा खोल कर उसे की-होल के बारे में सब बताया !
कमल मेरी बात सुन कर थोड़ा शरमाया और फिर मुस्करा कर कहा- दीदी, आप बहुत ही शातिर हैं !
फिर उसने मुझसे कहा- आपने मुझे और अर्ची को नग्न रूप में चुदाई करते हुए देख लिया, और अब मेरा लौड़ा चूस कर उसका रस भी पी लिया लेकिन मुझे अभी तक अपने किसी भी अंग के दर्शन नहीं कराये?
तब मैंने उसे इशारा किया कि इसके लिए उसे ही मेहनत करनी पड़ेगी और मैं कमरे के बीच में आँखें बंद करके खड़ी हो गई ! कमल उठ कर मेरे पास आया और मेरी नाइटी को ऊपर उठा कर उतार दिया। नाइटी के नीचे मुझे बिलकुल नग्न पा कर वह मेरी मंशा समझ गया कि मैं इस अवसर के लिए पहले से ही तैयार हो कर आई हूँ !
उसने मेरी नाइटी को वहीं फेंक कर मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया तथा मेरे करीब ही बैठ गया। वह अपने हाथ मेरी चूचियों पर फेरने लगा और अंगूठे तथा उंगली के बीच में घुंडियों को पकड़ कर मसलने लगा। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के बालों पर रखा और अपने एक उंगली से मेरे छोले को रगड़ने और बड़ी उंगली को मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाने लगा।
मैं तो लौड़ा चूसने के समय से गर्म थी, कमल की उँगलबाजी से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई, मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी लुंगी खोल दी और उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। एक मिनट में ही उसका लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया, तब मैं ऊँची हो कर कमल के लौड़े को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी, यह देख कमल उल्टा हो कर लेट गया और मेरी चूत में मुँह रख कर छोले को चाटने लगा और जीभ को चूत की गली में घुसाने और निकालने लगा।
मैं भी उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी। पांच मिनट के बाद जब मैं बहुत गर्म हो गई और मेरे मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह… उहंह्ह… उहंह्ह्ह… आवाजें निकली और मेरी चूत ने सिकुड़ कर पानी छोड़ दिया। कमल ने सारा पानी पी लिया, चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।
क्योंकि मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने उसे मेरी चुदाई करने का आग्रह किया। तब वह उठ कर मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और मेरी चूत को देखने लगा।
मैंने पूछा- तुम मेरी चूत को क्यों घूर रहे हो?
तो उसने बताया कि उसे मेरी चूत बिल्कुल अर्ची की चूत जैसी ही लग रही थी बल्कि उससे भी कुछ संकरी लग रही थी और उसके लौड़े के चुदाई से कहीं फट गई और खून निकलने लगा तो क्या करेंगे।
यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- अगर मेरी चूत अर्ची की चूत की जैसी है तो जैसे उसकी नहीं फटी वैसे मेरी भी नहीं फटेगी, और अगर अर्ची की चूत में उसका लौड़ा समां गया था तो उसी तरह मेरी चूत में भी समां जाएगा !
मैं उसके आठ इंच के लौड़े को अन्दर लेने के लिए बेताब थी इसलिए मैंने उसे चुदाई के लिए उकसाया तब उसने धीरे से मेरी चूत के मुँह पर लौड़े को रखा और एक ही झटके में सुपारा अन्दर घुसेड़ दिया !
उसके ढाई इंच मोटे सुपारे के लिए मेरी चूत काफी तंग थी, जैसे नई चूत हो और पहली बार चुद रही हो ! मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चीख उठी ऊईई ममाँआआ… म्म्म्मररर्र… गईई… हाएए… मेरीईइ… फटगईई… आहंहह्ह… उहंहह्ह… मार डाला !
मेरी चीखें सुन कर कमल रुक गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मुझे चुम्बन करता रहा !
जब मैं शांत हो गई तब उसने दूसरा झटका मारा और आधा लौड़ा मेरे अंदर घुसेड़ दिया, मुझे एक बार फिर बहुत ही तीखा दर्द हुआ और एक बार फिर मेरी चीखें निकलने लगी ऊई ईई ममाँआआ… म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीई ईइ… फटगईई… आहंह्ह… उहंह्ह्ह…! कमल थोड़ी देर फिर रुका और जैसे ही मेरी सांस में सांस आई उसने एक और झटका लगा कर लौड़े को पूरा मेरी चूत के अंदर पहुंचा दिया। इस बार तो मेरी चूत में अत्यंत ही तीखा दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे तड़प उठी, मेरे पसीने छूटने लगे, मेरी आँखों में से पानी निकल आया, मेरा पूरा बदन कांपने लगा और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूंजने लगी ! कमल झट से मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरी चीखों को चुप करा दिया !
पांच मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपने होश में आई और कमल से आगे बढ़ने को कहा, तब उसने धीरे धीरे हिलना शुरू किया और बहुत ही प्यार से लौड़े को चूत के अंदर बाहर करने लगा ! उसका लौड़ा मेरी कसी चूत में बुरी तरह से फंसा हुआ था इसलिए बहुत ही अच्छी रगड़ मार रहा था जिससे मुझे बहुत मज़े आने लगे थे !
जब मेरी चूत सिकुड़ने लगी तो मैं बोल उठी- कमल, मजा आ रहा है ज़रा तेजी से करो, ज़रा जल्दी जल्दी करो !
यह सुन कर कमल चालू हो गया और झटके पे झटके लगाने लगा, उसने मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठा अपने कंधों पर रख दिए और झटके लगाता रहा। मेरी चूत में आनंद के लहरें उठने लगी, बार बार गीली होने लगी जिससे लौड़े का अंदर बाहर जाने की रगड़ का आनंद चार गुना हो गया था।
पन्द्रह मिनट की तेज रगड़ाई के बाद कमल का लौड़ा चूत के अंदर ही फड़फड़ाया और मेरी चूत भी जोर से सिकुड़ी, मैं और कमल दोनों एकदम से अकड़ गए और दोनों के मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह्ह… उहंहह्ह… उहंहह्ह… की आवाजें निकली ! इसके साथ ही मेरी चूत में बाढ़ आ गई और वह मेरी चूत के पानी और कमल के लौड़े से छूटे रस से लबालब भर गई !
कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही।
बारह बजने वाले थे इसलिए हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए !
बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए !
कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही।
बारह बजने वाले थे इसलिए हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए !
बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर, मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए !
रात दो बजे मेरी नींद खुली, कमल के लौड़े को अपने हाथ में देख कर एक बार फिर चूत मरवाने के लिए ललचा उठी। मैंने कमल को होंठों पर चूम लिया और उसके लौड़े को मुँह में ले कर तेज़ी से चूसने लगी !
एक मिनट में कमल भी जाग गया और उसका लौड़ा भी तन गया। मैंने कमल को सीधा किया और अपनी टाँगें चौड़ी कर के उसके मुँह के ऊपर बैठ गई तथा उसे चूत चूसने को कहा। पांच मिनट चूत चुसवाने के बाद मैं उसके तने हुए लौड़े को चूत में फंसा कर मैं चीखती चिल्लाती हुई उछल उछल कर चुदने लगी !
दस मिनट में ही हम दोनों अकड़ गए और दोनों की चीखों के साथ हमारा रस छूट गया। एक बार फिर मेरी चूत में बाढ़ आ गई थी, जैसे ही मैंने लौड़े को चूत से बाहर निकाला तो चूत के अंदर से सारा रस बाहर निकल कर कमल के ऊपर फ़ैलने लगा। मैंने उस रस को अपने हाथ से कमल के पेट और छाती पर फैला दिया और फिर उसके ऊपर लेट कर अपने आप पर भी उस रस का लेप होने दिया और उसी तरह लेटे लेटे हमें नींद आ गई।
सुबह पांच बजे कमल की नींद खुली तो उसने मुझे अपने ऊपर चिपका हुआ पाया और जब उसने मुझे हटाने की कोशिश की तब मेरी भी नींद खुल गई। मेरे पूछने पर कि वह इतनी जल्दी क्यों उठ गया, उसने अपनी छोटी उंगली उठा कर बताया कि उसे मूत आया है।
मूत तो मुझे भी आया था इसलिए मैं भी उठ कर उसके साथ बाथरूम में चली गई, वहाँ जाकर मैंने कमल का लौड़ा पकड़ कर उसे मूत कराया और इसके बाद मैं पॉट पर बैठ कर मूतने लगी। कमल को मैंने पकड़ कर अपने सामने खड़ा कर लिया था और उसका लौड़ा मुँह में डाल कर चूसने लगी।
कमल ने ऐसा करने से मना किया और कहा कि अगर अब चुदाई करेंगे तो मुझे पछताना पड़ेगा, लेकिन मैं नहीं मानी और उसे मजबूर कर दिया। मूतने के बाद हम कमल के बेड पर जाकर चूसा चुसाई करने लगे और फिर कमल मेरे ऊपर चढ़ गया तथा एक ही झटके में पूरा लौड़ा मेरी चूत के अंदर तक उतार दिया !
उसके बाद कमल ने आक्रमण शुरू कर दिया और राजधानी गाडी की स्पीड से मेरी चुदाई करने लगा। क्योंकि रात में वह तीन बार झड़ चुका था इसलिए उसे इस बार छूटने में देर लग रही थी। मेरी चूत का पांच बार पानी निकलने के बाबजूद भी वह नहीं झड़ा और छटी बार जब मैं झड़ने को थी तब उसका लौड़ा भी फड़फड़ाया और हम दोनों चीखते तथा चिल्लाते हुए एक साथ ही छूटे !
फिर हमने बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया और दोनों कमल के बेड पर ही जा कर सो गए!
सुबह आठ बजे जब हमारी नींद खुली तो मैं उठ कर अपने कमरे में जाने लगी, लेकिन मुझसे चला ही नहीं गया ! मेरी चूत और उसके आस पास के क्षेत्र में बहुत जलन हो रही थी। मैंने झुक कर देखा तो पाया कि मेरी चूत सूज कर लाल हो चुकी थी। मैं समझ गई कि कमल ने अपने लौड़े से इसे रगड़ रगड़ कर इसका यह हाल कर दिया है। मैं चूत पर हाथ रख कर, टाँगें चौड़ी करके किसी तरह अपने कमरे में गई और क्रीम लेकर चूत और उसके आस पास के क्षेत्र में लगाई और फिर उसी तरह अपनी टाँगें चौड़ी कर के रसोई में जा कर कमल के लिए नाश्ता बनाया !
कमल तैयार होकर रसोई में आया तो मैंने उसे नाश्ता दिया। तब उसने मेरी हालत देख कर हंस कर बोला कि उसने तो मुझे सावधान किया था कि अगर मैंने चुदाई की जिद नहीं छोड़ी तो मुझे पछताना पड़ सकता है।
जब मैंने पूछा कि उसे कैसे मालूम था कि यह होने वाला है, तो उसने बताया कि शादी के बाद दूसरी रात को अर्ची ने भी बार बार चुदने की जिद की थी और अगले दिन भी उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था।
नाश्ता करके कमल मुझे गोद में उठा कर अपने कमरे में ले गया, बेड पर लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके गीले कपड़े से मेरी चूत और उसके आस पास के क्षेत्र को साफ़ किया। फिर उसने अपने बैग में से एक मलहम की टयूब निकाली और उसमें से मलहम निकाल कर चूत और उसके आसपास के क्षेत्र पर दवाई लगाई। फिर उसने मलहम की टयूब मेरे हाथ में देकर कहा कि मैं दिन में कम से कम तीन बार ज़रूर लगा लूं !
जब मैंने पूछा कि तीन बार क्यों, तो वह तुरंत बोला कि यह जल्द ठीक हो जाएगी और आज रात की चुदाई के लिए भी तैयार हो जाएगी।
दिन भर मैं अपनी चूत को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था लेकिन क्योंकि मुझे रात को चुदने की लालसा थी इसलिए मैं दिल लगा कर दिन भर चूत की देखभाल करती रही !
दो बजे काम वाली के जाने के बाद मैंने एक बार फिर चूत कि सेवा की और रात की नींद पूरी करने के लिए सो गई !
लगभग पांच बजे मैं जागी और चूत पर हाथ लगाया तो उसे बिल्कुल ठीक पाया, सूजन और लाली नहीं थी, उंगली डाल कर देखा तो कोई दर्द और जलन भी नहीं थी !
यह देख कर मुझे बहुत ही खुशी हुई और मेरी रात को होने वाली चुदाई के नज़ारे मेरी आँखों के सामने घूमने लगे। छह बजे जब कमल आया तो सबसे पहले उसने मेरी तकलीफ के बारे में पूछा और फिर मेरा गाउन उठा कर चूत को देखा और हाथ भी फेरा !
इसके बाद उसने झुक कर जोर से मेरी चूत को चूम लिया, जीभ को उसकी गहराइयों में डाला तथा छोले को भी रगड़ दिया। फिर मुझे कस कर अपनी बाजुओं में जकड़ लिया और मेरे होटों को चूमते हुए मुझे बताया कि मेरी चूत बिल्कुल ठीक हो गई थी और रात को दो या तीन बार तो चुद सकती थी !
मैंने कॉफी बनाई और हम दोनों ने साथ बैठ कर पी। कमल कॉफी पीकर अपने कमरे में चला गया और मैं रसोई में रात का खाना बनाने लगी। आठ बजे मैं कमल के कमरे में गई तो देखा कि वह अपनी झांटें शेव करने की तैयारी कर रहा था और यह देख कर मुझे भी अपनी झांटें साफ़ करने का ख्याल आया !
मैंने कमल से कहा कि मैं उसकी झांटे साफ़ कर देती हूँ लेकिन उसे भी मेरी झांटें शेव करनी होंगी !
यह कह कर मैंने उसके हाथ से शेविंग ब्रुश लेकर उसकी झांटों पर शेविंग क्रीम लगा दी, फिर रेजर लेकर उसके लौड़े तथा टट्टों की सारी झांटें साफ़ कर दी और उसे चिकना बना दिया। इसके बाद मैं अपनी टाँगें फैला कर कमल के सामने बैठ गई और शेविंग ब्रुश उसके हाथ में दे दिया। कमल ने बड़े प्यार से मेरी चूत की झांटें साफ़ कर दी और उसे बिल्कुल गंजी कर दिया !
कमल ने एक बार मेरी गंजी चूत को कस कर चूमा और अपना चिकना लौड़ा मुझे चूमने दिया ! इसके बाद हमने खाना खाया और थोड़ी देर गार्डन में घूमने गए तथा साढ़े नौ बजे तक हम अंदर कमल के कमरे में आ गये !
कमरे में आते ही मैंने कमल के और कमल ने मेरे सारे कपड़े उतारे, दोनों नंगे हो कर एक दूसरे से लिपट गए और एक दूसरे को चूसने लगे !
कमल ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूचियों को चूसने लगा, मैं उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने तथा मरोड़ने लगी।इसके बाद कमल पलट गया और मेरी चूत को चाटने-चूसने लगा तथा मैं उसके लौड़े को ! कुछ ही देर में मेरा पानी छूट गया, तब कमल ने मुझे नीचे खड़ा कर के, मेरा ऊपर का हिस्सा बेड पर झुका कर घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे खड़ा होकर मेरी चूत का मुँह खोला और उसमे अपने लौड़े को सेट करके धक्का दिया। पहले धक्के में कमल का आधा लौड़ा मेरी चूत के अंदर चला गया और दूसरे धक्के में पूरा लौड़ा अंदर चला गया !
मेरी चूत अब कमल के लौड़े के आकार की आदि होने लगी थी इसलिए मेरे मुँह से सिर्फ हल्की हल्की सी चीख निकली और मेरी चूत बड़े आराम से कमल के लौड़े को गप कर गई।
फिर कमल ने आहिस्ते आहिस्ते धक्के देने शुरू कर दिए, मैंने भी उसके साथ हिलना शुरू कर दिया ! पांच मिनट के बाद वह तेज धक्के देने लगा, तब मैं भी उसकी स्पीड के साथ मेल करते हुए तेजी से हिलने लगी और हमारे मुँह से आह्ह… आह्ह… और उंहह्ह्ह्… उंहह्ह्ह… की आवाजें निकलनी शुरू हो गईं। कमल को तेज चुदाई करते हुए जब दस मिनट बीत गए तब मैंने कमल को पुरजोर तेज धक्के लगाने को कहा !
मेरे कहने पर कमल बहुत तेज़ी से धक्के लगाने लगा और कमरे में हम दोनों की आह्ह्ह… आह्ह्ह… उंहह… उंहह्ह… आह्ह्ह… उंहह्ह्… आह्ह्ह… उंहह… की आवाजें गूंजने लगी। अचानक मेरी चूत सिकुड़ने लगी और कमल का लौड़ा भी फूलने लगा !
देखते ही देखते हम दोनों एक दूसरे की रगड़ से उत्तेजित होने लगे, कमल मुझे पूरे जोर शोर और तेज़ी से चोदने लगा। दो मिनट में ही मैं एकदम से अकड़ गई और जोर से चिल्लाई- उंहह्ह्ह… उंहह्ह्ह.. ओह्ह… मैं तो गई.. मैं तो गईई.. गईईई.. गईई..!
इसके बाद मेरी चूत ने कमल के लौड़े को बहुत कस कर जकड़ लिया और अंदर खींच लिया तथा अपना पानी छोड़ दिया।उसी समय कमल का लौड़ा भी फड़का और उसकी पिचकारी की छह-सात धारा छूटीं !
देखते ही देखते मेरी चूत हम दोनों के रस से लबालब भर गई और रस बाहर भी बहने लगा !
बदन के अकड़ने और चूत में खिंचाव की वजह से मेरी टाँगें कांपने लगी थी, जिससे कमल का लौड़ा बाहर आ गया और मैं वहीं नीचे जमीन पर ही बैठ गई। कमल भी मेरे पास बैठ गया और मेरी टाँगें पकड़ कर दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं संभली और फिर हमने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया तथा बेड पर आकर लेट गए !
कमल ने मेरे बदन को अपने साथ चिपका कर पूछा कि मुझे क्या हो गया था, तब मैंने बताया कि मुझे अब तक की सबसे बढ़िया खिंचावट हुई है, कल रात से भी ज्यादा, बहुत ज्यादा !
इसके बाद कमल मुझसे लिपट गया और हम नींद के आगोश में खो गए।
इसके बाद रात बारह बजे और सुबह पांच बजे हमारी नींद खुली तो हमने दोनों बार भी चुदाई की ! यही सिलसिला शुक्रवार सुबह तक भी चलता रहा ! उन चार रातों में मैंने और कमल ने तेरह बार चुदाई की थी।
उसके बाद जब जब कमल भोपाल आया तब तब हमने मौका देख कर चुदाई की !
आज सुबह कमल तीन दिनों के लिए भोपाल में ट्रेनिंग पर आया हुआ है और अभी ऑफिस गया हुआ है, सौभाग्य से मेरे पति भी इन दिनों बाहर गए हुए हैं, इसलिए हमें अगले तीन रातों को बिना डर के खुल के चुदाई कर सकते हैं।
अब तो मैं आने वाली तीन रातों में कम से कम नौ बार तो ज़रूर चुदवाऊँगी और इसी की तैयारी भी कर रही हूँ ।
मेरे जीवन में भी ऐसी ही एक सुखद और यादगार घटना हुई थी, जिसकी यादें आज भी ताज़ा हैं और उनकी याद आते ही मैं रोमांचित हो जाती हूँ। लेकिन उससे पहले मैं आपको अपना परिचय देना चाहूँगी!
मेरा नाम उर्मिला है, सब लोग मुझे “उर्मी” कहते है, मैं तेईस वर्ष की हूँ और भोपाल में रहती हूँ। लगभग तीन वर्ष पहले मेरी शादी हुई थी। शादी से पहले भी मैं बहुत ही सुन्दर दिखती थी, लेकिन शादी के बाद मेरा रंग रूप और भी ज्यादा निखर आया है, अब तो मैं एक अप्सरा से कम नहीं लगती हूँ !
मेरे पैमाने हैं 36-24-36, कद पांच फुट छह इंच, रंग बहुत गोरा, छाती उठी हुई और उस पर दो कसी हुई चूचियाँ, जिनके ऊपर मोटे काले अंगूरों जैसी घुन्डियाँ, बल खाती हुई कमर पतली, चौड़े नितम्ब, सुडौल जांघें और लंबी तथा पतली टाँगें ! नाभि के नीचे और टांगों के बीच में काले रंग के बालों के बीच में विराजमान मेरी संकरी सी गोरी चूत !
तीन वर्ष की शादी के बाद भी कोई बच्चा ना होने की वजह से अभी तक इस चूत में कोई बदलाव नहीं आया, अभी भी वह तीन वर्ष पहले जैसी कुंवारी और संकरी दीखती है ! आज भी जब मैं चुदती हूँ तो वही पहली रात जैसा ही आनन्द आता है !
यह घटना लगभग एक वर्ष पहले की है जब मेरी इक्कीस वर्षीया छोटी बहन अर्ची (अर्चना) की शादी, मथुरा में रहने वाले परिवार के तेईस वर्षीय कमल से हुई थी। कमल आगरा में एक कंपनी में इंजिनियर है और अर्ची के साथ आगरा में ही रहतें हैं। मेरी छोटी बहन भी मेरे तरह बहुत सुंदर है और उसका शरीर भी बहुत मादक है, हम दोनों बिल्कुल जुड़वाँ लगती हैं। कमल का कद छह फुट है, चौड़ी छाती है और वह स्वस्थ तथा बलिष्ठ पुरुष है ! नियमित योग और व्यायाम के कारण उसका सिक्स-पैक शरीर अत्यंत ही आकर्षक है !
शादी के तुरंत बाद कमल और अर्ची जब मेरे घर भोपाल में दो दिन के लिए रहने आये थे, तब मैंने उन्हें अपने साथ वाले बेडरूम में ही ठहराया था। दोनों बेडरूम के बीच में एक दरवाज़ा था, जिस में से एक दूसरे कमरे में हो रही आवाजें सुनाई देती थी और उस दरवाज़े के की-होल में से उस कमरे के अंदर का नज़ारा भी दिखाई देता था !
रात को जब मेरे पति सो गए, तब मैं उठ कर उस दरवाज़े के पास खड़े होकर दूसरे कमरे की आवाजें सुनने लगी। अंदर कमल अर्ची को चुदाई के लिए मना रहा था और वह कुछ नखरे दिखा रही थी !
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने की-होल में से देखा तो पाया कि कमरे की लाईट जल रही थी तथा कमल अर्धनग्न खड़ा था और अर्ची के कपड़े उतार रहा था। जब उसने अर्ची को पूरा नग्न कर दिया तब वह सीधा खड़ा हो कर अर्ची से उसका जांघिया उतारने को कहा।
अर्ची उठ कर बेड पर बैठ गई और उसका जांघिया नीचे करके उसमें से कैद लौड़े को आज़ाद कर दिया।
मैं तो उस लौड़े को देख कर दंग रह गई, कमल का लौड़ा आठ इंच लंबा और दो इंच मोटा था तथा उसका सुपारा तो ढाई इंच मोटा था ! लौड़ा एकदम तना हुआ था, उसके ऊपर की नसें फूली हुई थीं और उसका सुपारा बाहर निकला हुआ था।
अर्ची पहले उस लौड़े को बड़े प्यार से अपने हाथों से मसलती रही, फिर उसने उसको अपने मुँह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया। उधर कमल अर्ची की चूचियाँ दबा रहा था और उसकी घुंडियों को मसल रहा था।
कुछ देर के बाद कमल ने अर्ची को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच में मुँह डाल कर उसकी चूत को चूसने तथा चाटने लगा। लगभग पांच मिनट के बाद अर्ची चिल्लाने लगी और कमल को चुदाई के लिए कहने लगी। कमल अर्ची की दोनों टांगों के बीच में बैठ गया और उसने अपना लौड़ा उसकी चूत के मुँह पर रख कर एक धक्का दिया तथा आधा लौड़ा अर्ची की चूत के अंदर कर दिया। फिर उसने दूसरा धक्का लगाया और पूरा लौड़ा चूत में धकेल दिया !
अर्ची ने हल्की सी चीख मारी और कमल से लिपट गई ! इसके बाद अगले दस मिनट तक कमल उछल उछल अपना लौड़ा अर्ची की चूत के अंदर बाहर करता रहा और अर्ची भी उछल उछल कर कमल का साथ देती रही। दस मिनट के बाद अचानक कमल ने तेज़ी से चुदाई करने लगा और फिर दोनों ही चीखने चिल्लाने लगे तथा एकदम से अकड़ कर एक दूसरे पर ढेर हो गए। फिर दोनों अलग हुए, लाईट बंद कर दी और सो गए।
मैं भी अपने बिस्तर पर आकर लेट गई और अभी अभी देखे नज़ारे के बारे में सोचने लगी !
मेरी चूत में खुजली शुरू गई थी, मैं भी चुदना चाहती थी, इसलिए मैं अपने पति से चिपट गई और उनके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। मेरे पति का लौड़ा कमल के लौड़े के सामने कुछ भी नहीं था, मेरे पति का लौड़ा सिर्फ छह इंच लंबा और सवा इंच मोटा था और सुपारा तो डेढ़ इंच मोटा ही था तथा टोपी के अंदर ही रहता था !
मुझे अर्ची से ईर्ष्या हो रही थी, मैं भी कमल का लौड़ा अपनी चूत में डलवाना चाहती थी लेकिन उस समय के हालात और चूत की खुजली से मजबूर मैं अपने पति के लौड़े को ही जगाने लगी थी। मेरे मसलने पर लौड़ा तन गया और मेरे पति भी जाग गए !
मेरी चुदाई की इच्छा को समझते हुए उन्होंने अपने और मेरे कपड़े उतार दिए तथा अपने लौड़े को मेरे मुँह में देकर मेरी चूत को चूसने लगे। मैं तो पहले से ही गर्म थी इसलिए दो मिनट में ही मैंने पानी छोड़ दिया !
मेरी यह हालत देख मेरे पति ने मुझे सीधा लिटाया और अपने लौड़े को एक ही झटके में मेरी चूत में धकेल दिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी। अगले दस मिनट में मैंने दो बार पानी छोड़ा और फिर जाकर मेरे पति ने अपने पिचकारी छोड़ी और मेरी आग शांत की।
इसके बाद हम सो गये, लेकिन क्योंकि मेरी संतुष्टि नहीं हुई थी इसलिए सपने में भी मुझे कमल का लौड़ा ही दिखाई देता रहा !
अगले दिन सुबह हम सब भोपाल घूमने गए, शॉपिंग भी की और खाना भी बाहर ही खाया। रात की गाड़ी से कमल और अर्ची वापिस आगरा चले गए और हम लोग वापिस अपने घर आ गए।
लेकिन उस रात को मैंने अपने जिंदगी में एक बदलाव देखा, मुझे दिन रात कमल के आठ इंच लंबे और दो इंच मोटे तथा ढाई इंच मोटे सुपारे के सपने आने लगे। कमल के लौड़े की चाहत में मुझे पति के छोटे और पतले लौड़े से संतोष मिलना भी बंद हो गया था। इसलिए कमल के लौड़े को पाने के लिए मेरी इतनी तड़प बढ़ गई थी और मैं कई बार उंगली, बैंगन या खीरे का प्रयोग करके अपने आप को संतुष्ट कर लेती थी !
तीन माह के बाद एक दिन अर्ची का फोन आया और उसने बताया कि कमल अगले सोमवार को एक सप्ताह के लिए भोपाल में ट्रेनिंग के लिए आ रहा था और हमारे पास ही रहेगा।
मैंने उसे कहा कि यह तो अच्छी बात है और आग्रह किया कि वह भी साथ में आ जाये, तो वह कहने लगी कि शादी के बाद वह माँ और पिताजी के पास नहीं गई थी, इसलिए वह इन दिनों उनके पास मथुरा जा रही थी।
कमल अकेला ही आ रहा था यह सुन कर मुझे बहुत खुशी हुई, मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे मन की मुराद पूरी हो गई हो और मुझे कमल का लौड़ा मिल गया हो !
कमल को चोदने के लिए कैसे राज़ी किया जाए इसकी तरकीब सोचने लगी, लेकिन दो बातें समझ नहीं आ रहीं थी। पहली यह कि कमल चोदने को राज़ी भी होगा या नहीं और दूसरी कि मेरे पति के घर में होते हुए मैं और कमल चुदाई कैसे कर पायेंगे !
इसी उलझन में समय बीत गया और सोमवार सुबह कमल आ गया। मैंने इस बार भी कमल को अपने बेडरूम के बगल वाले बेडरूम में ही ठहराया और उसकी सुख सुविधा कि सभी वस्तुओं को खुद ही उस कमरे में रख दीं। कमल सुबह आने के बाद नहा धोकर तैयार हुआ और नाश्ता कर के ट्रेनिंग पर चला गया। दोपहर को मेरे पति जब घर आये तो उन्होंने बताया कि उन्हें उसी रात को व्यापार के सिलसिले में चार दिनों के लिए चेन्नई, बंगलोर और हेदराबाद जाना है और वह शुक्रवार सुबह तक ही वापिस आयेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं उनका सामान तैयार कर के रख दूं ताकि वह शाम को घर से सामान लेते हुए हवाई अड्डे चलें जायेंगे।
पति के मुख से यह समाचार सुन कर मुझे लगा कि मेरी लाटरी निकल आई है, अपनी किस्मत पर बहुत खुशी हुई और मुझे लगा कि शायद भगवान भी यही चाहते हैं कि मैं कमल के दमदार लौड़े का खूब मज़ा लूँ !
पांच बजे मेरे घर पति आये और अपना सामन लेकर हवाई अड्डे चले गए। शाम छह बजे कमल आ गया और चाय पीकर अपने कमरे में आराम करने चला गया। मैंने भी उसे परेशान नहीं किया और आराम करने दिया क्योंकि मैं जानती थी कि मैं उसे रात को बहुत परेशान करने वाली थी।
आठ बजे मैं कमल के कमरे में गई तो देखा के वह गहरी नींद में सो रहा था। तब मैंने उसके और अपने कमरे के बीच वाले दरवाज़े की चिटकनी खोल दी। इसके बाद मैंने अपने कमरे में आकर उस दरवाज़े को खोल कर तस्सली भी कर ली और अपने कपड़े बदल कर नाइटी पहन ली।
रात नौ बजे मैंने कमल को जगाया और हम दोनों ने खाना खाया और कुछ देर बाहर गार्डन में टहलते रहे।
लगभग दस बजे हम अंदर आये तो मैंने कमल से पूछा कि क्या वह कॉफी पीयेगा तो उसने हाँ कह दी।
मैंने उसे कमरे में जाने को कहा और कॉफी बनाने चली गई। रसोई में मैंने गैस पर पानी उबलने के लिए रखा और जल्दी से अपनी नाइटी के नीचे पहनी हुई ब्रा और पैंटी उतार कर वहीं रसोई में रख दी। अब मैं चुदने के लिए मानसोक और शारीरिक तौर पर बिल्कुल तैयार थी, मेरी आँखों के आगे कमल का लंबा, मोटा और तगड़ा लौड़ा दिखाई देने लगा था और मेरी चूत में थोड़ी खलबली भी शुरू हो गई थी।
जैसे ही कॉफी बन गई, मैं उसे कमल के कमरे में ले गई तो देखा कि बेड पर उसका सामान बिखरा हुआ था और कमल सिर पकड़े बैठा हुआ था।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने बताया- अर्ची ने रात के सोने वाले कपड़े तो बैग में रखे ही नहीं !
शायद पहली बार सामान बाँधा था इसलिए उसने बैग में पेंट और कमीज तो रख दी थी, लेकिन बनियान और जांघियाँ भी नहीं रखे थे ! मैंने उसे कहा- इसमें परेशान होने की बात नहीं !
और मैंने उसे रात के लिए अपने पति की लुंगी दे दी।
काफी पीने के बाद मैंने कमल से कहा कि वह अपना बनियान और जांघियाँ उतार दे ताकि मैं उन्हें अभी धो दूँ ताकि सुबह तक सूख जाएँ ! वह कल वही पहन जाए और कल ही मैं उसके लिए नए बनियान और जांघियाँ ला दूँगी !
मेरी बात मान कर कमल कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में घुस गया ! उसे अंदर गए अभी कुछ सेकण्ड ही हुए थे कि मैं भी बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर उसमे घुस गई।
मैंने देखा कि कमल बिल्कुल नंगा खड़ा मूत रहा था !
मुझे बाथरूम के अंदर देख कर वह हकबका गया और एकदम घूम गया !
मैंने उसे सँभालने का मौका ही नहीं दिया और मैं उसके पास जाकर उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा कि उसे घबराने और हैरान होने कि जरूरत नहीं है। मैंने उसे कंधों से पकड़ कर घुमाया और उसे अपने सामने कर उसके लौड़े को पकड़ लिया और बताया कि मैं उसके लौड़े को अच्छी तरह देखा हुआ है !
कमल अपने लौड़े को छुड़ाने की कोशिश करता रहा पर मैंने उसको नहीं छोड़ा। उस समय उसका लौड़ा छोटा सा हो रखा था इसलिए मैं उसको मसलने लगी और आगे पीछे हिला कर बड़ा करने लगी।देखते ही देखते उसका लौड़ा तन कर लोहे की छड़ जैसा हो गया, तब मैंने नीचे बैठ कर उसे अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी।
कमल तो बहुत मना करता रहा लेकिन मैं ही नहीं मानी और चुसाई चालू रखी। क्योंकि कमल को कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए वह वहीँ खड़ा खड़ा आह्ह… आह्ह्ह्ह… आह्ह… करता रहा !
फिर मैंने तेज़ी से चूसना शुरू किया और उसके ढाई इंच के टट्टों को भी हल्के हल्के मसलना शुरू कर दिया। मेरे ऐसा करने से चुसाई का असर दुगना हो गया और दो मिनट में ही कमल ने आह्ह्ह्ह्ह्… की ज़ोरदार आवाज़ निकलते हुए अपनी पिचकारी मेरे मुँह में छोड़ दी।
इसके लिए मैं तैयार थी और उसका बहुत ही स्वादिष्ट, कुछ नमकीन और कुछ खट्टा जैसा वीर्य रस मैंने गटागट पी लिया तथा लौड़े के छेद में से भी बचा हुआ रस चूस कर खींच लिया। फिर मैंने कमल के लौड़े और टट्टों को चाट कर साफ़ किया और उसे बेडरूम में जाने दिया।
इसके बाद मैंने कमल के बनियान और जांघिये को धोया और बेडरूम में पंखे के नीचे सूखने को फैला दिए। कमल ने बेड पर फैले सामान को समेट कर, लुंगी पहने बेड पर बैठा हैरान सा मुझे यह सब करते हुए देखता रहा था !
इसके बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गई और उसका एक हाथ अपने हाथों में ले कर पूछा कि वह हैरान परेशान क्यों है?
तो उसने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा कि कुछ देर पहले यह सब क्या और कैसे हुआ था!
उसने मुझसे पूछा कि मैंने उसका लौड़ा पहले कब देखा था तो मैंने उसे बताया कि जब वे लोग मेरे यहाँ आये थे तब उन्हें चुदाई करते हुए देखा था और मैंने उठ कर अपने कमरे वाला दरवाज़ा खोल कर उसे की-होल के बारे में सब बताया !
कमल मेरी बात सुन कर थोड़ा शरमाया और फिर मुस्करा कर कहा- दीदी, आप बहुत ही शातिर हैं !
फिर उसने मुझसे कहा- आपने मुझे और अर्ची को नग्न रूप में चुदाई करते हुए देख लिया, और अब मेरा लौड़ा चूस कर उसका रस भी पी लिया लेकिन मुझे अभी तक अपने किसी भी अंग के दर्शन नहीं कराये?
तब मैंने उसे इशारा किया कि इसके लिए उसे ही मेहनत करनी पड़ेगी और मैं कमरे के बीच में आँखें बंद करके खड़ी हो गई ! कमल उठ कर मेरे पास आया और मेरी नाइटी को ऊपर उठा कर उतार दिया। नाइटी के नीचे मुझे बिलकुल नग्न पा कर वह मेरी मंशा समझ गया कि मैं इस अवसर के लिए पहले से ही तैयार हो कर आई हूँ !
उसने मेरी नाइटी को वहीं फेंक कर मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया तथा मेरे करीब ही बैठ गया। वह अपने हाथ मेरी चूचियों पर फेरने लगा और अंगूठे तथा उंगली के बीच में घुंडियों को पकड़ कर मसलने लगा। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के बालों पर रखा और अपने एक उंगली से मेरे छोले को रगड़ने और बड़ी उंगली को मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाने लगा।
मैं तो लौड़ा चूसने के समय से गर्म थी, कमल की उँगलबाजी से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई, मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी लुंगी खोल दी और उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी। एक मिनट में ही उसका लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया, तब मैं ऊँची हो कर कमल के लौड़े को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी, यह देख कमल उल्टा हो कर लेट गया और मेरी चूत में मुँह रख कर छोले को चाटने लगा और जीभ को चूत की गली में घुसाने और निकालने लगा।
मैं भी उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी। पांच मिनट के बाद जब मैं बहुत गर्म हो गई और मेरे मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह… उहंह्ह… उहंह्ह्ह… आवाजें निकली और मेरी चूत ने सिकुड़ कर पानी छोड़ दिया। कमल ने सारा पानी पी लिया, चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।
क्योंकि मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने उसे मेरी चुदाई करने का आग्रह किया। तब वह उठ कर मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और मेरी चूत को देखने लगा।
मैंने पूछा- तुम मेरी चूत को क्यों घूर रहे हो?
तो उसने बताया कि उसे मेरी चूत बिल्कुल अर्ची की चूत जैसी ही लग रही थी बल्कि उससे भी कुछ संकरी लग रही थी और उसके लौड़े के चुदाई से कहीं फट गई और खून निकलने लगा तो क्या करेंगे।
यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- अगर मेरी चूत अर्ची की चूत की जैसी है तो जैसे उसकी नहीं फटी वैसे मेरी भी नहीं फटेगी, और अगर अर्ची की चूत में उसका लौड़ा समां गया था तो उसी तरह मेरी चूत में भी समां जाएगा !
मैं उसके आठ इंच के लौड़े को अन्दर लेने के लिए बेताब थी इसलिए मैंने उसे चुदाई के लिए उकसाया तब उसने धीरे से मेरी चूत के मुँह पर लौड़े को रखा और एक ही झटके में सुपारा अन्दर घुसेड़ दिया !
उसके ढाई इंच मोटे सुपारे के लिए मेरी चूत काफी तंग थी, जैसे नई चूत हो और पहली बार चुद रही हो ! मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चीख उठी ऊईई ममाँआआ… म्म्म्मररर्र… गईई… हाएए… मेरीईइ… फटगईई… आहंहह्ह… उहंहह्ह… मार डाला !
मेरी चीखें सुन कर कमल रुक गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मुझे चुम्बन करता रहा !
जब मैं शांत हो गई तब उसने दूसरा झटका मारा और आधा लौड़ा मेरे अंदर घुसेड़ दिया, मुझे एक बार फिर बहुत ही तीखा दर्द हुआ और एक बार फिर मेरी चीखें निकलने लगी ऊई ईई ममाँआआ… म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीई ईइ… फटगईई… आहंह्ह… उहंह्ह्ह…! कमल थोड़ी देर फिर रुका और जैसे ही मेरी सांस में सांस आई उसने एक और झटका लगा कर लौड़े को पूरा मेरी चूत के अंदर पहुंचा दिया। इस बार तो मेरी चूत में अत्यंत ही तीखा दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे तड़प उठी, मेरे पसीने छूटने लगे, मेरी आँखों में से पानी निकल आया, मेरा पूरा बदन कांपने लगा और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूंजने लगी ! कमल झट से मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरी चीखों को चुप करा दिया !
पांच मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपने होश में आई और कमल से आगे बढ़ने को कहा, तब उसने धीरे धीरे हिलना शुरू किया और बहुत ही प्यार से लौड़े को चूत के अंदर बाहर करने लगा ! उसका लौड़ा मेरी कसी चूत में बुरी तरह से फंसा हुआ था इसलिए बहुत ही अच्छी रगड़ मार रहा था जिससे मुझे बहुत मज़े आने लगे थे !
जब मेरी चूत सिकुड़ने लगी तो मैं बोल उठी- कमल, मजा आ रहा है ज़रा तेजी से करो, ज़रा जल्दी जल्दी करो !
यह सुन कर कमल चालू हो गया और झटके पे झटके लगाने लगा, उसने मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठा अपने कंधों पर रख दिए और झटके लगाता रहा। मेरी चूत में आनंद के लहरें उठने लगी, बार बार गीली होने लगी जिससे लौड़े का अंदर बाहर जाने की रगड़ का आनंद चार गुना हो गया था।
पन्द्रह मिनट की तेज रगड़ाई के बाद कमल का लौड़ा चूत के अंदर ही फड़फड़ाया और मेरी चूत भी जोर से सिकुड़ी, मैं और कमल दोनों एकदम से अकड़ गए और दोनों के मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह्ह… उहंहह्ह… उहंहह्ह… की आवाजें निकली ! इसके साथ ही मेरी चूत में बाढ़ आ गई और वह मेरी चूत के पानी और कमल के लौड़े से छूटे रस से लबालब भर गई !
कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही।
बारह बजने वाले थे इसलिए हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए !
बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए !
कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही।
बारह बजने वाले थे इसलिए हम दोनों ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए !
बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर, मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए !
रात दो बजे मेरी नींद खुली, कमल के लौड़े को अपने हाथ में देख कर एक बार फिर चूत मरवाने के लिए ललचा उठी। मैंने कमल को होंठों पर चूम लिया और उसके लौड़े को मुँह में ले कर तेज़ी से चूसने लगी !
एक मिनट में कमल भी जाग गया और उसका लौड़ा भी तन गया। मैंने कमल को सीधा किया और अपनी टाँगें चौड़ी कर के उसके मुँह के ऊपर बैठ गई तथा उसे चूत चूसने को कहा। पांच मिनट चूत चुसवाने के बाद मैं उसके तने हुए लौड़े को चूत में फंसा कर मैं चीखती चिल्लाती हुई उछल उछल कर चुदने लगी !
दस मिनट में ही हम दोनों अकड़ गए और दोनों की चीखों के साथ हमारा रस छूट गया। एक बार फिर मेरी चूत में बाढ़ आ गई थी, जैसे ही मैंने लौड़े को चूत से बाहर निकाला तो चूत के अंदर से सारा रस बाहर निकल कर कमल के ऊपर फ़ैलने लगा। मैंने उस रस को अपने हाथ से कमल के पेट और छाती पर फैला दिया और फिर उसके ऊपर लेट कर अपने आप पर भी उस रस का लेप होने दिया और उसी तरह लेटे लेटे हमें नींद आ गई।
सुबह पांच बजे कमल की नींद खुली तो उसने मुझे अपने ऊपर चिपका हुआ पाया और जब उसने मुझे हटाने की कोशिश की तब मेरी भी नींद खुल गई। मेरे पूछने पर कि वह इतनी जल्दी क्यों उठ गया, उसने अपनी छोटी उंगली उठा कर बताया कि उसे मूत आया है।
मूत तो मुझे भी आया था इसलिए मैं भी उठ कर उसके साथ बाथरूम में चली गई, वहाँ जाकर मैंने कमल का लौड़ा पकड़ कर उसे मूत कराया और इसके बाद मैं पॉट पर बैठ कर मूतने लगी। कमल को मैंने पकड़ कर अपने सामने खड़ा कर लिया था और उसका लौड़ा मुँह में डाल कर चूसने लगी।
कमल ने ऐसा करने से मना किया और कहा कि अगर अब चुदाई करेंगे तो मुझे पछताना पड़ेगा, लेकिन मैं नहीं मानी और उसे मजबूर कर दिया। मूतने के बाद हम कमल के बेड पर जाकर चूसा चुसाई करने लगे और फिर कमल मेरे ऊपर चढ़ गया तथा एक ही झटके में पूरा लौड़ा मेरी चूत के अंदर तक उतार दिया !
उसके बाद कमल ने आक्रमण शुरू कर दिया और राजधानी गाडी की स्पीड से मेरी चुदाई करने लगा। क्योंकि रात में वह तीन बार झड़ चुका था इसलिए उसे इस बार छूटने में देर लग रही थी। मेरी चूत का पांच बार पानी निकलने के बाबजूद भी वह नहीं झड़ा और छटी बार जब मैं झड़ने को थी तब उसका लौड़ा भी फड़फड़ाया और हम दोनों चीखते तथा चिल्लाते हुए एक साथ ही छूटे !
फिर हमने बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया और दोनों कमल के बेड पर ही जा कर सो गए!
सुबह आठ बजे जब हमारी नींद खुली तो मैं उठ कर अपने कमरे में जाने लगी, लेकिन मुझसे चला ही नहीं गया ! मेरी चूत और उसके आस पास के क्षेत्र में बहुत जलन हो रही थी। मैंने झुक कर देखा तो पाया कि मेरी चूत सूज कर लाल हो चुकी थी। मैं समझ गई कि कमल ने अपने लौड़े से इसे रगड़ रगड़ कर इसका यह हाल कर दिया है। मैं चूत पर हाथ रख कर, टाँगें चौड़ी करके किसी तरह अपने कमरे में गई और क्रीम लेकर चूत और उसके आस पास के क्षेत्र में लगाई और फिर उसी तरह अपनी टाँगें चौड़ी कर के रसोई में जा कर कमल के लिए नाश्ता बनाया !
कमल तैयार होकर रसोई में आया तो मैंने उसे नाश्ता दिया। तब उसने मेरी हालत देख कर हंस कर बोला कि उसने तो मुझे सावधान किया था कि अगर मैंने चुदाई की जिद नहीं छोड़ी तो मुझे पछताना पड़ सकता है।
जब मैंने पूछा कि उसे कैसे मालूम था कि यह होने वाला है, तो उसने बताया कि शादी के बाद दूसरी रात को अर्ची ने भी बार बार चुदने की जिद की थी और अगले दिन भी उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था।
नाश्ता करके कमल मुझे गोद में उठा कर अपने कमरे में ले गया, बेड पर लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके गीले कपड़े से मेरी चूत और उसके आस पास के क्षेत्र को साफ़ किया। फिर उसने अपने बैग में से एक मलहम की टयूब निकाली और उसमें से मलहम निकाल कर चूत और उसके आसपास के क्षेत्र पर दवाई लगाई। फिर उसने मलहम की टयूब मेरे हाथ में देकर कहा कि मैं दिन में कम से कम तीन बार ज़रूर लगा लूं !
जब मैंने पूछा कि तीन बार क्यों, तो वह तुरंत बोला कि यह जल्द ठीक हो जाएगी और आज रात की चुदाई के लिए भी तैयार हो जाएगी।
दिन भर मैं अपनी चूत को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था लेकिन क्योंकि मुझे रात को चुदने की लालसा थी इसलिए मैं दिल लगा कर दिन भर चूत की देखभाल करती रही !
दो बजे काम वाली के जाने के बाद मैंने एक बार फिर चूत कि सेवा की और रात की नींद पूरी करने के लिए सो गई !
लगभग पांच बजे मैं जागी और चूत पर हाथ लगाया तो उसे बिल्कुल ठीक पाया, सूजन और लाली नहीं थी, उंगली डाल कर देखा तो कोई दर्द और जलन भी नहीं थी !
यह देख कर मुझे बहुत ही खुशी हुई और मेरी रात को होने वाली चुदाई के नज़ारे मेरी आँखों के सामने घूमने लगे। छह बजे जब कमल आया तो सबसे पहले उसने मेरी तकलीफ के बारे में पूछा और फिर मेरा गाउन उठा कर चूत को देखा और हाथ भी फेरा !
इसके बाद उसने झुक कर जोर से मेरी चूत को चूम लिया, जीभ को उसकी गहराइयों में डाला तथा छोले को भी रगड़ दिया। फिर मुझे कस कर अपनी बाजुओं में जकड़ लिया और मेरे होटों को चूमते हुए मुझे बताया कि मेरी चूत बिल्कुल ठीक हो गई थी और रात को दो या तीन बार तो चुद सकती थी !
मैंने कॉफी बनाई और हम दोनों ने साथ बैठ कर पी। कमल कॉफी पीकर अपने कमरे में चला गया और मैं रसोई में रात का खाना बनाने लगी। आठ बजे मैं कमल के कमरे में गई तो देखा कि वह अपनी झांटें शेव करने की तैयारी कर रहा था और यह देख कर मुझे भी अपनी झांटें साफ़ करने का ख्याल आया !
मैंने कमल से कहा कि मैं उसकी झांटे साफ़ कर देती हूँ लेकिन उसे भी मेरी झांटें शेव करनी होंगी !
यह कह कर मैंने उसके हाथ से शेविंग ब्रुश लेकर उसकी झांटों पर शेविंग क्रीम लगा दी, फिर रेजर लेकर उसके लौड़े तथा टट्टों की सारी झांटें साफ़ कर दी और उसे चिकना बना दिया। इसके बाद मैं अपनी टाँगें फैला कर कमल के सामने बैठ गई और शेविंग ब्रुश उसके हाथ में दे दिया। कमल ने बड़े प्यार से मेरी चूत की झांटें साफ़ कर दी और उसे बिल्कुल गंजी कर दिया !
कमल ने एक बार मेरी गंजी चूत को कस कर चूमा और अपना चिकना लौड़ा मुझे चूमने दिया ! इसके बाद हमने खाना खाया और थोड़ी देर गार्डन में घूमने गए तथा साढ़े नौ बजे तक हम अंदर कमल के कमरे में आ गये !
कमरे में आते ही मैंने कमल के और कमल ने मेरे सारे कपड़े उतारे, दोनों नंगे हो कर एक दूसरे से लिपट गए और एक दूसरे को चूसने लगे !
कमल ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूचियों को चूसने लगा, मैं उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने तथा मरोड़ने लगी।इसके बाद कमल पलट गया और मेरी चूत को चाटने-चूसने लगा तथा मैं उसके लौड़े को ! कुछ ही देर में मेरा पानी छूट गया, तब कमल ने मुझे नीचे खड़ा कर के, मेरा ऊपर का हिस्सा बेड पर झुका कर घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे खड़ा होकर मेरी चूत का मुँह खोला और उसमे अपने लौड़े को सेट करके धक्का दिया। पहले धक्के में कमल का आधा लौड़ा मेरी चूत के अंदर चला गया और दूसरे धक्के में पूरा लौड़ा अंदर चला गया !
मेरी चूत अब कमल के लौड़े के आकार की आदि होने लगी थी इसलिए मेरे मुँह से सिर्फ हल्की हल्की सी चीख निकली और मेरी चूत बड़े आराम से कमल के लौड़े को गप कर गई।
फिर कमल ने आहिस्ते आहिस्ते धक्के देने शुरू कर दिए, मैंने भी उसके साथ हिलना शुरू कर दिया ! पांच मिनट के बाद वह तेज धक्के देने लगा, तब मैं भी उसकी स्पीड के साथ मेल करते हुए तेजी से हिलने लगी और हमारे मुँह से आह्ह… आह्ह… और उंहह्ह्ह्… उंहह्ह्ह… की आवाजें निकलनी शुरू हो गईं। कमल को तेज चुदाई करते हुए जब दस मिनट बीत गए तब मैंने कमल को पुरजोर तेज धक्के लगाने को कहा !
मेरे कहने पर कमल बहुत तेज़ी से धक्के लगाने लगा और कमरे में हम दोनों की आह्ह्ह… आह्ह्ह… उंहह… उंहह्ह… आह्ह्ह… उंहह्ह्… आह्ह्ह… उंहह… की आवाजें गूंजने लगी। अचानक मेरी चूत सिकुड़ने लगी और कमल का लौड़ा भी फूलने लगा !
देखते ही देखते हम दोनों एक दूसरे की रगड़ से उत्तेजित होने लगे, कमल मुझे पूरे जोर शोर और तेज़ी से चोदने लगा। दो मिनट में ही मैं एकदम से अकड़ गई और जोर से चिल्लाई- उंहह्ह्ह… उंहह्ह्ह.. ओह्ह… मैं तो गई.. मैं तो गईई.. गईईई.. गईई..!
इसके बाद मेरी चूत ने कमल के लौड़े को बहुत कस कर जकड़ लिया और अंदर खींच लिया तथा अपना पानी छोड़ दिया।उसी समय कमल का लौड़ा भी फड़का और उसकी पिचकारी की छह-सात धारा छूटीं !
देखते ही देखते मेरी चूत हम दोनों के रस से लबालब भर गई और रस बाहर भी बहने लगा !
बदन के अकड़ने और चूत में खिंचाव की वजह से मेरी टाँगें कांपने लगी थी, जिससे कमल का लौड़ा बाहर आ गया और मैं वहीं नीचे जमीन पर ही बैठ गई। कमल भी मेरे पास बैठ गया और मेरी टाँगें पकड़ कर दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं संभली और फिर हमने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया तथा बेड पर आकर लेट गए !
कमल ने मेरे बदन को अपने साथ चिपका कर पूछा कि मुझे क्या हो गया था, तब मैंने बताया कि मुझे अब तक की सबसे बढ़िया खिंचावट हुई है, कल रात से भी ज्यादा, बहुत ज्यादा !
इसके बाद कमल मुझसे लिपट गया और हम नींद के आगोश में खो गए।
इसके बाद रात बारह बजे और सुबह पांच बजे हमारी नींद खुली तो हमने दोनों बार भी चुदाई की ! यही सिलसिला शुक्रवार सुबह तक भी चलता रहा ! उन चार रातों में मैंने और कमल ने तेरह बार चुदाई की थी।
उसके बाद जब जब कमल भोपाल आया तब तब हमने मौका देख कर चुदाई की !
आज सुबह कमल तीन दिनों के लिए भोपाल में ट्रेनिंग पर आया हुआ है और अभी ऑफिस गया हुआ है, सौभाग्य से मेरे पति भी इन दिनों बाहर गए हुए हैं, इसलिए हमें अगले तीन रातों को बिना डर के खुल के चुदाई कर सकते हैं।
अब तो मैं आने वाली तीन रातों में कम से कम नौ बार तो ज़रूर चुदवाऊँगी और इसी की तैयारी भी कर रही हूँ ।
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Hi all chudasi girls & bada lund wala indian boyz... I like Lesbian sex and kale mote indian lund hai koi jiska lund 9 inch ka hai ? jo meri Pyasi choot ki pyas bujha saake add me > Bada lund ki pyasi bhabi
ReplyDeleteMere sath real me chudai aur Indian sexy nude girls ke sath hot sexkarna chahte ho to ajao yeha .... 4 bhai milkar behan ki rape sex kahani
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Hi, main Meera Agrawal, Ameerpet ki rehne wali hun, mujhe chudai ki kahani bahat pasand he. Main hamesa hindi sex story padhta hun, meri chut pe jab jab khujli hota he usse thandi rakhne ke liye ungli karta hun...
ReplyDeletehy
ReplyDeletemy name is Ali
i m from Pattoki
meri koe girl friend ni hy q k main bht drta ho lrki ko line marty huey or kbhi kisi ka pecha ni kiya
main kasm kha k khta ho k main such bol rha ho
main beautiful and handsome boy ho
ager koe lerki mj sy dosti krna chahti hy to mera cell no nechy hy
mery pas imo or whats up bhi hy
wo num main apko bad main don ga
main bs pyar krna chahta ho
koe bhi young aunti ho ya lerki
mjsy dosti krna chahti ho to rabta kry
jo mjy apni hr qism ki tasveer send kr skti ho main waada krta ho koe pic leakout nhen ho gi
pllllllllllzzzzzzzzzz aik br zror atbr kr k daikhain main bura lerka ni ho ns pyar ka pyasa ho
mer age 20 hy
or main aik studnt ho
or dosti k liye hr bat man ny ko tyar ho
main bs date pr jana jana chahta apni girl friend ko pyar krna chahta ho
mjy us sy lov ho gya to shDi bhi kro ga
plzzzzz ager koe lrki dosti krna chahti jy to zror rabta kry
+923047701909
फ़ुद्दी की चुदास बड़ी है मस्त मस्त (Fuddi Ki Chudas Badi Hai Mast Mast)
ReplyDeleteगाँव की छोरी की चूत कोरी (Gaanv Ki Chhori Ki Chut Kori)
भाभी की चूत चोद कर शिकवा दूर किया ( Bhabi ki Chut Chod Kar Sikawa Dur Kia)
भाभी की खट्टी मीठी चूत ( Bhabhi Ki Mithi Chut)
पत्नी बन कर चुदी भाभी और मैं बना पापा (Patni Ban Kar Chudi Bhabhi Aur Men Bana Papa)
दैया यह मैं कहाँ आ फंसी
भाभी का नंगा गोरा बदन
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दीदी की चूत भी चुदाई की प्यासी है
मैडम के साथ में पहली बार सहवास
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सलमान की खास दोस्त यूलिया ने किया एक और गाना रिकॉर्ड
"वैलेंटाइन डे पर बेडरूम में बस रखें ये खास चीज और फिर देखें कमाल
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http://www.missaarti.in dekhe iss website pr hindi me mms or kitni lrkiya jo khud ko chudwana chati hai
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भाभी के साथ होली (Bhabhi Ke Saath Holi)
मिला मौका मारा चौका (Mila Mouka Mara Chauka)
शादी से पहले साली के साथ सुहागरात
लण्ड और चूत दोनों को फायदा
चुदी प्रियंका सारी रात
प्रियंका के साथ एक रात की चुदाई
पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली
कुंवारी चूत चुदाई का आनन्दमयी खेल-1 (Bhanji Ki Kunvari Choot Chudai ka Khel-1)
कुंवारी चूत चुदाई का आनन्दमयी खेल-2 (Bhanji Ki Kunvari Choot Chudai ka Khel-2)
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अपनी चूत की जलन का उपचार करवाया (Chut Ki Jalan Ka Upchar Karwaya)
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गर्दन के बाद चूत अकड़ गई (Gardan Ke Bad Chut akad gayi)
रसीली चूत में मेरा लवड़ा (Rasili Choot me Mera Lavda)
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ReplyDeleteMy boss always treats me like his daughter so I didn’t have any feelings about him. On Saturday he told me to come office on Sunday due to some important work and some people comes for meeting.
Sunday is off day but he called me for some official work. I told my husband that I going office Sunday for some official work.In the morning I wake up and prepare myself for Sunday meeting.Xvideo.life