Pahli Chudai Ki Chahatमेरा नाम श्वेता है, मैं 20 साल की पटियाला, पंजाब की रहने वाली लड़की
हूँ। मैं इस वक़्त एलएलबी के सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हूँ। मेरे बॉय-फ्रेंड
का नाम रोहित गुप्ता है। हमारा पिछले एक साल से लव अफेयर चल रहा है।
आज मैं आपको अपने पहले सम्भोग के अनुभव की बात बताने जा रही हूँ। हालांकि अब तक तो हमने काफ़ी बार सेक्स किया है, पर पहला तजुर्बा तो मैं कभी नहीं भूल सकती।
जब मैंने एलएलबी फर्स्ट इयर में दाखिला लिया तो हमारी क्लास में 32 स्टूडेंट्स थे। उनमें एक साधारण से शक्ल-सूरत वाली, थोड़ी सी भारी पर मोटी नहीं, मैं भी थी। क्लास के ज़्यादातर लड़के हमेशा क्लास की खूबसूरत लड़कियों पर ही लाइन मारते थे, पर मुझ पर कोई लाइन नहीं मारता था।
मेरी 2-3 सहेलियों के बॉय-फ्रेंड थे और मेरे दिल में भी चाहत थी कि मेरा भी कोई यार हो। मैं इतनी बुरी भी नहीं थी। एक बात जो मुझे अच्छी लगती थी कि सब लड़के चाहे मेरे चेहरे पर ध्यान नहीं देते थे पर मेरे मम्मों को और मेरे कूल्हों को ज़रूर ध्यान से देखते थे। जीन्स और टी-शर्ट में ये चीज़ें ज़्यादा उभर कर दिखती हैं।
खैर.. मैं इस में भी खुश थी।
ऐसे ही एक दिन कैंटीन में बैठे-बैठे रोहित ने मुझसे दोस्ती के लिए प्रपोज़ कर दिया। मैं जानती थी कि यह एक लव-प्रपोज़ल है, पर मैंने जानबूझ कर नाटक करते हुए उसे कह दिया- सोच कर बताऊँगी!
‘अरे, इसमें सोचना कैसा… दोस्ती करनी है तो करनी है, नहीं करनी है तो नहीं करनी!’ वो बोला।
‘वो तो ठीक है, पर मुझे सोचने के लिए समय चाहिए!’
‘ओके.. कब तक बताओगी?’
‘उम्म्म, पार्टी वाले दिन बता दूँगी!’
‘पर उसमें तो अभी 4 दिन पड़े हैं, एनी-वे ठीक है.. पर ‘ना’ मत कहना!’
‘सोचूँगी!’ मैंने हँस कर कहा। वैसे दिल ने तो अभी से ‘हाँ’ कह दी थी।
फिर जब हमारे कॉलेज में फाइनल इयर स्टूडेंट्स की फेयरवेल पार्टी आई तो सब अपने-अपने हिसाब से तैयारी कर रहे थे। हर कोई पार्टी में सब से अलग और बढ़िया दिखना चाहता था। पार्टी भी देर रात तक चलने वाली थी और पार्टी के बाद कॉलेज बस से सब को घर जाना था।
मैंने अपने लिए एक खूबसूरत टॉप और लेगिंग ली, नई ब्रा और पैन्टी भी ली। चाहे किसी ने देखनी नहीं थी, पर दिल को सुकून होता है कि आज मैं बिल्कुल फ्रेश हूँ।
शाम को करीब 6 बजे पार्टी शुरू हुई। हर कोई बहुत ही शानदार लग रहा था। रोहित भी बहुत बढ़िया ड्रेस पहन कर आया था। आते ही बोला- हैलो शेवी, कैसी हो, आज तो बहुत फॅब्युलस लग रही हो!
मैंने कहा- थैंक्स, तुम भी बहुत ‘कूल’ लग रहे हो.. क्या बात है!
‘दरअसल, आज मेरा रिज़ल्ट आना है.. देखो क्या बनता है!’
‘कैसा रिज़ल्ट?’
‘आज एक लड़की मेरी गर्ल-फ्रेंड बनेगी, बस उसके ही जवाब का इंतज़ार है!’
‘अगर उसने इन्कार कर दिया तो?’
‘नहीं, उसकी आँखें कहती हैं कि जवाब ‘यस’ है!’
‘अच्छा, तुमने उसकी आँखें पढ़ लीं?’
‘हाँ, बस अब उसके रसीले होंठों से सुनना चाहता हूँ!’
मैं शरमा गई।
‘बोलो शेवी.. क्या जवाब है तुम्हारा?’
मैं चुप रही।
‘अरे यार अब तरसाओ मत, बता दो ना, क्या मैं तुम्हारी चुप को ‘यस’ समझूँ!’
मैंने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया, तो उसने खुश होकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
‘उफ़फ्फ़, क्या आनन्द आया.. प्यार का पहला अहसास और अपने बॉय-फ्रेंड की बाँहों में.. पुरुष का स्पर्श वाकयी जादू भरा होता है।
उसके बाद हम सारे फंक्शन में साथ-साथ ही रहे, एक-दूसरे का हाथ थामे।
सारी क्लास को पता चल गया था कि हमारा अफेयर शुरू हो गया है। हम दोनों ने खूब खाया-पिया, डान्स किया।
करीब नौ-साढ़े नौ बजे, रोहित ने मुझसे कहा- चलो एक वॉक लेके आते हैं।
हम दोनों हाथ थामे कैम्पस में दूर तक चले गए। वहाँ कॉलेज का स्टेडियम था और कोई भी नहीं था। वहाँ बातें करते-करते रोहित ने मुझे बाँहों में भर लिया, तो मैंने भी अपनी बाँहें उसके गले में डाल दीं। मैं उसके दिल की धड़कन को महसूस कर रही थी। रोहित बोला- शेवी, अब जब हमारा प्यार पक्का हो गया है, तो क्यों ना प्यार की मोहर भी लगा दी जाए!
‘कैसी मोहर।!’
‘ए किस ऑन योर स्वीट जूसी लिप्स!’
मैंने बस एक स्माइल दी, वो समझ गया, उसने धीरे से मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए।
‘वाउ.. क्या फीलिंग थी!’
उसके बाद उसने मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में ले लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा। उसका ऊपर वाला होंठ मैंने अपने होंठों में ले लिया। फिर उसने मेरा होंठ चूसते-चूसते अपनी जीभ मेरे होंठ पर फेरी।
बाय गॉड.. मैं तो मरी जा रही थी!
मेरे मम्मों में, मेरी पीठ में और सूसू वाली जगह में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी। मुझे लग रहा था जैसे मेरी पैन्टी में कुछ गीला-गीला सा हो रहा था।
उसकी नक़ल करते हुए मैंने भी अपनी जीभ से उसके ऊपर वाला होंठ चाटना शुरू किया। मेरी तरफ से सहयोग मिलता देख उसने मुझे और ज़ोर से बाँहों मे कस लिया।
मैं चाहती थी कि ये समय यहीं रुक जाए और मैं ऐसे ही मज़ा लेती रहूँ।
फिर वो रुका, हमने अपने होंठ अलग किए- चलो कहीं बैठते हैं!
मैं भी साथ चल दी। थोड़ी दूर जा कर हम घास पर बैठ गए।
कुछ देर बातें करने के बाद रोहित बोला- शेवी मैं तुम्हें फिर से किस करना चाहता हूँ!
मैंने कहा- अब तो मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हें पूछने की ज़रूरत नहीं है।
वो मुस्कुराया और नीचे लेट गया, मैं उसकी साइड में लेट गई। उसने मेरा चेहरा अपने चेहरे के ऊपर लिया, इस तरह मैं आधी नीचे लेटी थी और आधी उसके ऊपर थी।
इस बार मैंने उसका नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने मेरे दोनों होंठ अपने होंठों में ले लिए और चूसने लगा। मेरी सारी लिपस्टिक वो खा गया। उसने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। वो मेरे होंठ चूस रहा था और अपने हाथ मेरी पीठ पर फेर रहा था।
मैं भी पूरे मज़े ले रही थी और उसका लंड का कड़ापन अपने पेट पर महसूस कर रही थी। फिर उसने अपने हाथ मेरी पीठ से नीचे मेरे हिप्स पर ले गया और मेरी दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं और मुझे थोड़ा ऊपर को खींचा।
अब उसका लंड मेरी चूत से टकरा रहा था। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मेरे हिप्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। मैंने कोई विरोध नहीं किया और उसकी जीभ चूसती रही। फिर उसने अपने दोनों हाथ, मेरी लेगिंग में अन्दर डाल दिए और पैन्टी के भी अन्दर हाथ डाल कर मेरे दोनों हिप्स पकड़ लिए।
मैं एकदम से डर गई- नहीं..नहीं..रोहित, इतनी जल्दी नहीं.. यह ग़लत है!
‘प्यार में सब जायज़ है!’ यह कह कर उसने मुझे नीचे कर दिया और खुद ऊपर आ गया। अब वो मेरी टाँगों के बीच में था।
उसने फिर से मुझे चूमना शुरू किया और अब उसके हाथ मेरे मम्मों पर थे।
उसका दबाना मुझे अच्छा लग रहा था। कभी मैं तो कभी वो अपनी जीभ एक-दूसरे के मुँह में डालते और चूसते, करीब 10-15 मिनट ये खेल चलता रहा।
उसके बाद उसने अपने हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाल दिए और मेरे ब्रा की हुक खोल दी, टॉप ऊपर उठा कर मेरे दोनों मम्मों बाहर निकल लिए।
‘वाउ.. शेवी तुम तो क़यामत हो.. क्या शानदार मम्मे हैं तुम्हारे!’ ये कह कर उसने मेरे मम्मों को दबाया और मेरे दायें मम्मे के निप्पल को मुँह में लेकर चूस डाला।
उफफफ्फ़.. क्या आनन्द आया था!
मेरे मुँह से ना जाने कैसी-कैसी आवाज़ें निकल रही थीं.. मेरी आँखें बंद थीं। वो मेरे मम्मों को चूस रहा था और अपना लिंग ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत पर रगड़ रहा था। मेरी पैन्टी गीली हो चुकी थी। मुझे लग रहा था कि शायद आज मैं मर ही जाऊँगी।
एक तरफ तो पहले प्यार का अहसास, दूसरी तरफ पहले सेक्स एक्सपीरियेन्स का डर, मम्मों को चूसने के बाद वो मेरे पेट और नीचे चूमा-चाटी करने लगा।
मैं चाह कर भी उसे रोक नहीं पा रही थी। फिर उसने मेरी लेगिंग और पैन्टी को धीरे से नीचे खिसकाना शुरू किया और मेरी तरफ से कोई विरोध ना देख कर उसने मेरी लेगिंग और पैन्टी दोनों उतार दीं। फिर मुझे उठा कर बिठाया और मेरा टॉप और ब्रा भी उतार दिया।
आज मैं पहली बार किसी के सामने नंगी हुई थी।
फिर उसने अपनी शर्ट, पैन्ट और अंडरवियर भी उतार दिया। मैंने जीवन मे पहली बार एक मर्द का पूरा तना हुआ लंड देखा।
उसने मुझे हाथ में पकड़ाया और बोला- इसे प्यार कर, तेरा असली बॉय-फ्रेंड यह है!
मैंने उसके लंड को किस किया तो उसने मेरा सिर पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
मुझे उसका स्वाद अजीब सा लगा तो मैंने उसे मुँह से निकाल दिया- छी:… क्या करते हो!
‘ओके तो कुछ और करते हैं!’
ये कह कर वो मेरे पास उल्टा लेट गया, अब उसका लंड मेरे चेहरे के पास और मेरी चूत उसके चेहरे के पास थी। उसने मेरी टाँगें चौड़ी की और अपना मुँह मेरी चूत से लगा दिया। पहले आस-पास चूमा-चाटी करता रहा फिर चूत के होंठ खोल कर उसमें अपनी जीभ डाल दी।
इस असीम आनन्द के बारे में तो मुझे पता ही नहीं था, मैं तो तड़प उठी।
उसने मुझे ऊपर कर लिया और मेरी चूत चाटने लगा, उसका तना हुआ लंड मेरे हाथ में मेरे सामने था। मैं पहले उसे किस वग़ैरह करती रही पर पता ही नहीं चला कि कब मैंने उसके लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
उसका लंड मुझे दुनिया की किसी भी चीज़ से ज़्यादा टेस्टी लग रहा था। 4-5 मिनट एक-दूसरे को चूसने के बाद, रोहित ने मुझे नीचे लेटाया और खुद मेरे ऊपर आ गया, मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा कर बोला- रख इसे!
मैंने उसका चेहरा नीचे खींचा अपनी सारी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया।
उसने थोड़ा सा ज़ोर नीचे को लगाया और उसके लंड का अगला हिस्सा मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। ये बहुत ही दर्दनाक था, पर मुझे दर्द में भी मज़ा आ रहा था।
मैंने दर्द से चीखना चाहा पर उसने अपने होंठ मेरे होंठों से भींच दिए और मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा।
मैं चीख भी नहीं पाई। वो थोड़ा पीछे हटा और फिर ज़ोर से अपना लंड मेरी चूत में धकेल दिया। मुझे दर्द हो रहा था पर उसने मुझे मज़बूती से पकड़ रखा था, मैं भी किसी बेल की तरह उसके तन से लिपटी हुई थी।
वो ज़ोर लगाता गया और मेरे जिस्म को बीच में से चीरते हुए अपना लंड अन्दर घुसाता गया।
4-5 धक्के मारने के बाद उसका पूरा लंड मेरे शरीर के अन्दर था, मुझे महसूस हो रहा था कि जैसे किसी ने लकड़ी का गठ्ठा मेरे जिस्म में घुसेड़ दिया हो। दर्द और आनन्द का अजीब सा अहसास था।
उसके बाद उसने फिर धीरे-धीरे से चुदाई करना शुरू किया। मुझे अजब सा नशा चढ़ रहा था। वो भी जोश में मेरे मम्मों को अपने दांतों से काट रहा था, मैंने भी अपने नाख़ून उसकी पीठ और सीने में गड़ा दिए। हम दोनों का यह पहला सम्भोग था।
अब मेरे आनन्द ने भी दर्द को जीत लिया था, मैं भी नीचे से कमर उठा-उठा कर उसके लौड़े को अपने अन्दर ले रही थी।
मैं चाहती थी कि उसका लंड इतना बड़ा हो कि मेरी चूत में घुसे और मुँह से बाहर निकल आए।
खैर… 15-20 मिनट हम एक-दूसरे से उलझे रहे।
फिर वो और जोश से और ताक़त से सम्भोग करने लगा, मेरी हालत भी बहुत खराब थी, हम दोनों पसीने से भीग चुके थे।
मैं तो नीचे से अपनी पूरी जान लगा रही थी, जोश बढ़ता जा रहा था कि एकदम से जैसे बिजली गिरी हो, मेरे सारे शरीर मे जैसे करेंट लग गया हो, मैं सुन्न पढ़ गई, मेरी टाँगें अकड़ गईं, मुँह से ना जाने क्या-क्या निकल गया।
इन 8-10 सेकेंड्स में ही मुझे ज़िंदगी का एक अजीब अहसास, एक अजीब सा मज़ा मिल गया।
हम दोनों के जिस्म पसीने से भीगे पड़े थे। अब मैं एक बेजान लाश की तरह पड़ी थी। रोहित ने भी अपनी पूरी जान लगा दी और फिर एक गरम पानी का फुव्वारा मुझे अपने जिस्म के अन्दर फूटता सा महसूस हुआ।
‘साली मादरचोद.. मार डाला तूने तो मुझे…आअहह!’ कह कर रोहित मेरे ऊपर गिर पड़ा।
उसने मुझे गाली दी पर मुझे फिर भी अच्छा लगा। उसका लंड मेरी चूत से अपने आप निकल गया। वो साइड में लेट गया और उसका छोड़ा हुआ माल रिस कर मेरी चूत से बाहर आ गया। काफ़ी देर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे।
फिर रोहित मेरे ऊपर लेट गया और मुझे प्यार करने लगा- कहो जान, कैसा लगा?
मैंने उसका सिर अपने सीने पर रख लिया और कहा- तुमने मुझे ज़िंदगी का अब तक का सबसे बड़ा सुख दिया है, आई लव यू रोहित, बस मुझे धोखा मत देना… मैं सारी उम्र तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ।
‘ओके डन, मैं तुम से ही शादी करूँगा, इट’स ए प्रॉमिस!’
हम दोनों कुछ देर और एक-दूसरे की बाँहों मे लेटे रहे फिर कपड़े पहने, सैट हुए और पार्टी में चले गए।
रात को 2.30 बजे मैं घर वापस आई और आते ही अपने रूम में चली गई।
बाथरूम में जा कर अपने आप को शीशे में बिल्कुल नंगी देखा, पर आज मैं खुद को नई लग रही थी।
क्योंकि आज मैं कुँवारी नहीं रही थी, मैंने शीशे पर खुद को किस किया और बोली- हैप्पी लव लाइफ, शेवी!
आज मैं आपको अपने पहले सम्भोग के अनुभव की बात बताने जा रही हूँ। हालांकि अब तक तो हमने काफ़ी बार सेक्स किया है, पर पहला तजुर्बा तो मैं कभी नहीं भूल सकती।
जब मैंने एलएलबी फर्स्ट इयर में दाखिला लिया तो हमारी क्लास में 32 स्टूडेंट्स थे। उनमें एक साधारण से शक्ल-सूरत वाली, थोड़ी सी भारी पर मोटी नहीं, मैं भी थी। क्लास के ज़्यादातर लड़के हमेशा क्लास की खूबसूरत लड़कियों पर ही लाइन मारते थे, पर मुझ पर कोई लाइन नहीं मारता था।
मेरी 2-3 सहेलियों के बॉय-फ्रेंड थे और मेरे दिल में भी चाहत थी कि मेरा भी कोई यार हो। मैं इतनी बुरी भी नहीं थी। एक बात जो मुझे अच्छी लगती थी कि सब लड़के चाहे मेरे चेहरे पर ध्यान नहीं देते थे पर मेरे मम्मों को और मेरे कूल्हों को ज़रूर ध्यान से देखते थे। जीन्स और टी-शर्ट में ये चीज़ें ज़्यादा उभर कर दिखती हैं।
खैर.. मैं इस में भी खुश थी।
ऐसे ही एक दिन कैंटीन में बैठे-बैठे रोहित ने मुझसे दोस्ती के लिए प्रपोज़ कर दिया। मैं जानती थी कि यह एक लव-प्रपोज़ल है, पर मैंने जानबूझ कर नाटक करते हुए उसे कह दिया- सोच कर बताऊँगी!
‘अरे, इसमें सोचना कैसा… दोस्ती करनी है तो करनी है, नहीं करनी है तो नहीं करनी!’ वो बोला।
‘वो तो ठीक है, पर मुझे सोचने के लिए समय चाहिए!’
‘ओके.. कब तक बताओगी?’
‘उम्म्म, पार्टी वाले दिन बता दूँगी!’
‘पर उसमें तो अभी 4 दिन पड़े हैं, एनी-वे ठीक है.. पर ‘ना’ मत कहना!’
‘सोचूँगी!’ मैंने हँस कर कहा। वैसे दिल ने तो अभी से ‘हाँ’ कह दी थी।
फिर जब हमारे कॉलेज में फाइनल इयर स्टूडेंट्स की फेयरवेल पार्टी आई तो सब अपने-अपने हिसाब से तैयारी कर रहे थे। हर कोई पार्टी में सब से अलग और बढ़िया दिखना चाहता था। पार्टी भी देर रात तक चलने वाली थी और पार्टी के बाद कॉलेज बस से सब को घर जाना था।
मैंने अपने लिए एक खूबसूरत टॉप और लेगिंग ली, नई ब्रा और पैन्टी भी ली। चाहे किसी ने देखनी नहीं थी, पर दिल को सुकून होता है कि आज मैं बिल्कुल फ्रेश हूँ।
शाम को करीब 6 बजे पार्टी शुरू हुई। हर कोई बहुत ही शानदार लग रहा था। रोहित भी बहुत बढ़िया ड्रेस पहन कर आया था। आते ही बोला- हैलो शेवी, कैसी हो, आज तो बहुत फॅब्युलस लग रही हो!
मैंने कहा- थैंक्स, तुम भी बहुत ‘कूल’ लग रहे हो.. क्या बात है!
‘दरअसल, आज मेरा रिज़ल्ट आना है.. देखो क्या बनता है!’
‘कैसा रिज़ल्ट?’
‘आज एक लड़की मेरी गर्ल-फ्रेंड बनेगी, बस उसके ही जवाब का इंतज़ार है!’
‘अगर उसने इन्कार कर दिया तो?’
‘नहीं, उसकी आँखें कहती हैं कि जवाब ‘यस’ है!’
‘अच्छा, तुमने उसकी आँखें पढ़ लीं?’
‘हाँ, बस अब उसके रसीले होंठों से सुनना चाहता हूँ!’
मैं शरमा गई।
‘बोलो शेवी.. क्या जवाब है तुम्हारा?’
मैं चुप रही।
‘अरे यार अब तरसाओ मत, बता दो ना, क्या मैं तुम्हारी चुप को ‘यस’ समझूँ!’
मैंने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया, तो उसने खुश होकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
‘उफ़फ्फ़, क्या आनन्द आया.. प्यार का पहला अहसास और अपने बॉय-फ्रेंड की बाँहों में.. पुरुष का स्पर्श वाकयी जादू भरा होता है।
उसके बाद हम सारे फंक्शन में साथ-साथ ही रहे, एक-दूसरे का हाथ थामे।
सारी क्लास को पता चल गया था कि हमारा अफेयर शुरू हो गया है। हम दोनों ने खूब खाया-पिया, डान्स किया।
करीब नौ-साढ़े नौ बजे, रोहित ने मुझसे कहा- चलो एक वॉक लेके आते हैं।
हम दोनों हाथ थामे कैम्पस में दूर तक चले गए। वहाँ कॉलेज का स्टेडियम था और कोई भी नहीं था। वहाँ बातें करते-करते रोहित ने मुझे बाँहों में भर लिया, तो मैंने भी अपनी बाँहें उसके गले में डाल दीं। मैं उसके दिल की धड़कन को महसूस कर रही थी। रोहित बोला- शेवी, अब जब हमारा प्यार पक्का हो गया है, तो क्यों ना प्यार की मोहर भी लगा दी जाए!
‘कैसी मोहर।!’
‘ए किस ऑन योर स्वीट जूसी लिप्स!’
मैंने बस एक स्माइल दी, वो समझ गया, उसने धीरे से मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए।
‘वाउ.. क्या फीलिंग थी!’
उसके बाद उसने मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में ले लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा। उसका ऊपर वाला होंठ मैंने अपने होंठों में ले लिया। फिर उसने मेरा होंठ चूसते-चूसते अपनी जीभ मेरे होंठ पर फेरी।
बाय गॉड.. मैं तो मरी जा रही थी!
मेरे मम्मों में, मेरी पीठ में और सूसू वाली जगह में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी। मुझे लग रहा था जैसे मेरी पैन्टी में कुछ गीला-गीला सा हो रहा था।
उसकी नक़ल करते हुए मैंने भी अपनी जीभ से उसके ऊपर वाला होंठ चाटना शुरू किया। मेरी तरफ से सहयोग मिलता देख उसने मुझे और ज़ोर से बाँहों मे कस लिया।
मैं चाहती थी कि ये समय यहीं रुक जाए और मैं ऐसे ही मज़ा लेती रहूँ।
फिर वो रुका, हमने अपने होंठ अलग किए- चलो कहीं बैठते हैं!
मैं भी साथ चल दी। थोड़ी दूर जा कर हम घास पर बैठ गए।
कुछ देर बातें करने के बाद रोहित बोला- शेवी मैं तुम्हें फिर से किस करना चाहता हूँ!
मैंने कहा- अब तो मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हें पूछने की ज़रूरत नहीं है।
वो मुस्कुराया और नीचे लेट गया, मैं उसकी साइड में लेट गई। उसने मेरा चेहरा अपने चेहरे के ऊपर लिया, इस तरह मैं आधी नीचे लेटी थी और आधी उसके ऊपर थी।
इस बार मैंने उसका नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने मेरे दोनों होंठ अपने होंठों में ले लिए और चूसने लगा। मेरी सारी लिपस्टिक वो खा गया। उसने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। वो मेरे होंठ चूस रहा था और अपने हाथ मेरी पीठ पर फेर रहा था।
मैं भी पूरे मज़े ले रही थी और उसका लंड का कड़ापन अपने पेट पर महसूस कर रही थी। फिर उसने अपने हाथ मेरी पीठ से नीचे मेरे हिप्स पर ले गया और मेरी दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं और मुझे थोड़ा ऊपर को खींचा।
अब उसका लंड मेरी चूत से टकरा रहा था। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मेरे हिप्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। मैंने कोई विरोध नहीं किया और उसकी जीभ चूसती रही। फिर उसने अपने दोनों हाथ, मेरी लेगिंग में अन्दर डाल दिए और पैन्टी के भी अन्दर हाथ डाल कर मेरे दोनों हिप्स पकड़ लिए।
मैं एकदम से डर गई- नहीं..नहीं..रोहित, इतनी जल्दी नहीं.. यह ग़लत है!
‘प्यार में सब जायज़ है!’ यह कह कर उसने मुझे नीचे कर दिया और खुद ऊपर आ गया। अब वो मेरी टाँगों के बीच में था।
उसने फिर से मुझे चूमना शुरू किया और अब उसके हाथ मेरे मम्मों पर थे।
उसका दबाना मुझे अच्छा लग रहा था। कभी मैं तो कभी वो अपनी जीभ एक-दूसरे के मुँह में डालते और चूसते, करीब 10-15 मिनट ये खेल चलता रहा।
उसके बाद उसने अपने हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाल दिए और मेरे ब्रा की हुक खोल दी, टॉप ऊपर उठा कर मेरे दोनों मम्मों बाहर निकल लिए।
‘वाउ.. शेवी तुम तो क़यामत हो.. क्या शानदार मम्मे हैं तुम्हारे!’ ये कह कर उसने मेरे मम्मों को दबाया और मेरे दायें मम्मे के निप्पल को मुँह में लेकर चूस डाला।
उफफफ्फ़.. क्या आनन्द आया था!
मेरे मुँह से ना जाने कैसी-कैसी आवाज़ें निकल रही थीं.. मेरी आँखें बंद थीं। वो मेरे मम्मों को चूस रहा था और अपना लिंग ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत पर रगड़ रहा था। मेरी पैन्टी गीली हो चुकी थी। मुझे लग रहा था कि शायद आज मैं मर ही जाऊँगी।
एक तरफ तो पहले प्यार का अहसास, दूसरी तरफ पहले सेक्स एक्सपीरियेन्स का डर, मम्मों को चूसने के बाद वो मेरे पेट और नीचे चूमा-चाटी करने लगा।
मैं चाह कर भी उसे रोक नहीं पा रही थी। फिर उसने मेरी लेगिंग और पैन्टी को धीरे से नीचे खिसकाना शुरू किया और मेरी तरफ से कोई विरोध ना देख कर उसने मेरी लेगिंग और पैन्टी दोनों उतार दीं। फिर मुझे उठा कर बिठाया और मेरा टॉप और ब्रा भी उतार दिया।
आज मैं पहली बार किसी के सामने नंगी हुई थी।
फिर उसने अपनी शर्ट, पैन्ट और अंडरवियर भी उतार दिया। मैंने जीवन मे पहली बार एक मर्द का पूरा तना हुआ लंड देखा।
उसने मुझे हाथ में पकड़ाया और बोला- इसे प्यार कर, तेरा असली बॉय-फ्रेंड यह है!
मैंने उसके लंड को किस किया तो उसने मेरा सिर पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
मुझे उसका स्वाद अजीब सा लगा तो मैंने उसे मुँह से निकाल दिया- छी:… क्या करते हो!
‘ओके तो कुछ और करते हैं!’
ये कह कर वो मेरे पास उल्टा लेट गया, अब उसका लंड मेरे चेहरे के पास और मेरी चूत उसके चेहरे के पास थी। उसने मेरी टाँगें चौड़ी की और अपना मुँह मेरी चूत से लगा दिया। पहले आस-पास चूमा-चाटी करता रहा फिर चूत के होंठ खोल कर उसमें अपनी जीभ डाल दी।
इस असीम आनन्द के बारे में तो मुझे पता ही नहीं था, मैं तो तड़प उठी।
उसने मुझे ऊपर कर लिया और मेरी चूत चाटने लगा, उसका तना हुआ लंड मेरे हाथ में मेरे सामने था। मैं पहले उसे किस वग़ैरह करती रही पर पता ही नहीं चला कि कब मैंने उसके लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
उसका लंड मुझे दुनिया की किसी भी चीज़ से ज़्यादा टेस्टी लग रहा था। 4-5 मिनट एक-दूसरे को चूसने के बाद, रोहित ने मुझे नीचे लेटाया और खुद मेरे ऊपर आ गया, मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा कर बोला- रख इसे!
मैंने उसका चेहरा नीचे खींचा अपनी सारी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया।
उसने थोड़ा सा ज़ोर नीचे को लगाया और उसके लंड का अगला हिस्सा मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। ये बहुत ही दर्दनाक था, पर मुझे दर्द में भी मज़ा आ रहा था।
मैंने दर्द से चीखना चाहा पर उसने अपने होंठ मेरे होंठों से भींच दिए और मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा।
मैं चीख भी नहीं पाई। वो थोड़ा पीछे हटा और फिर ज़ोर से अपना लंड मेरी चूत में धकेल दिया। मुझे दर्द हो रहा था पर उसने मुझे मज़बूती से पकड़ रखा था, मैं भी किसी बेल की तरह उसके तन से लिपटी हुई थी।
वो ज़ोर लगाता गया और मेरे जिस्म को बीच में से चीरते हुए अपना लंड अन्दर घुसाता गया।
4-5 धक्के मारने के बाद उसका पूरा लंड मेरे शरीर के अन्दर था, मुझे महसूस हो रहा था कि जैसे किसी ने लकड़ी का गठ्ठा मेरे जिस्म में घुसेड़ दिया हो। दर्द और आनन्द का अजीब सा अहसास था।
उसके बाद उसने फिर धीरे-धीरे से चुदाई करना शुरू किया। मुझे अजब सा नशा चढ़ रहा था। वो भी जोश में मेरे मम्मों को अपने दांतों से काट रहा था, मैंने भी अपने नाख़ून उसकी पीठ और सीने में गड़ा दिए। हम दोनों का यह पहला सम्भोग था।
अब मेरे आनन्द ने भी दर्द को जीत लिया था, मैं भी नीचे से कमर उठा-उठा कर उसके लौड़े को अपने अन्दर ले रही थी।
मैं चाहती थी कि उसका लंड इतना बड़ा हो कि मेरी चूत में घुसे और मुँह से बाहर निकल आए।
खैर… 15-20 मिनट हम एक-दूसरे से उलझे रहे।
फिर वो और जोश से और ताक़त से सम्भोग करने लगा, मेरी हालत भी बहुत खराब थी, हम दोनों पसीने से भीग चुके थे।
मैं तो नीचे से अपनी पूरी जान लगा रही थी, जोश बढ़ता जा रहा था कि एकदम से जैसे बिजली गिरी हो, मेरे सारे शरीर मे जैसे करेंट लग गया हो, मैं सुन्न पढ़ गई, मेरी टाँगें अकड़ गईं, मुँह से ना जाने क्या-क्या निकल गया।
इन 8-10 सेकेंड्स में ही मुझे ज़िंदगी का एक अजीब अहसास, एक अजीब सा मज़ा मिल गया।
हम दोनों के जिस्म पसीने से भीगे पड़े थे। अब मैं एक बेजान लाश की तरह पड़ी थी। रोहित ने भी अपनी पूरी जान लगा दी और फिर एक गरम पानी का फुव्वारा मुझे अपने जिस्म के अन्दर फूटता सा महसूस हुआ।
‘साली मादरचोद.. मार डाला तूने तो मुझे…आअहह!’ कह कर रोहित मेरे ऊपर गिर पड़ा।
उसने मुझे गाली दी पर मुझे फिर भी अच्छा लगा। उसका लंड मेरी चूत से अपने आप निकल गया। वो साइड में लेट गया और उसका छोड़ा हुआ माल रिस कर मेरी चूत से बाहर आ गया। काफ़ी देर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे।
फिर रोहित मेरे ऊपर लेट गया और मुझे प्यार करने लगा- कहो जान, कैसा लगा?
मैंने उसका सिर अपने सीने पर रख लिया और कहा- तुमने मुझे ज़िंदगी का अब तक का सबसे बड़ा सुख दिया है, आई लव यू रोहित, बस मुझे धोखा मत देना… मैं सारी उम्र तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ।
‘ओके डन, मैं तुम से ही शादी करूँगा, इट’स ए प्रॉमिस!’
हम दोनों कुछ देर और एक-दूसरे की बाँहों मे लेटे रहे फिर कपड़े पहने, सैट हुए और पार्टी में चले गए।
रात को 2.30 बजे मैं घर वापस आई और आते ही अपने रूम में चली गई।
बाथरूम में जा कर अपने आप को शीशे में बिल्कुल नंगी देखा, पर आज मैं खुद को नई लग रही थी।
क्योंकि आज मैं कुँवारी नहीं रही थी, मैंने शीशे पर खुद को किस किया और बोली- हैप्पी लव लाइफ, शेवी!
Hi all chudasi girls & bada lund wala indian boyz... I like Lesbian sex and kale mote indian lund hai koi jiska lund 9 inch ka hai ? jo meri Pyasi choot ki pyas bujha saake add me > Bada lund ki pyasi bhabi
ReplyDeleteMere sath real me chudai aur Indian sexy nude girls ke sath hot sexkarna chahte ho to ajao yeha .... 4 bhai milkar behan ki rape sex kahani
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ReplyDeleteजब 16 साल की उम्र में पहला लंड मेरी चूत में उतरा था-मैं पहली बार किसी ...
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hy
ReplyDeletemy name is Ali
i m from Pattoki
meri koe girl friend ni hy q k main bht drta ho lrki ko line marty huey or kbhi kisi ka pecha ni kiya
main kasm kha k khta ho k main such bol rha ho
main beautiful and handsome boy ho
ager koe lerki mj sy dosti krna chahti hy to mera cell no nechy hy
mery pas imo or whats up bhi hy
wo num main apko bad main don ga
main bs pyar krna chahta ho
koe bhi young aunti ho ya lerki
mjsy dosti krna chahti ho to rabta kry
jo mjy apni hr qism ki tasveer send kr skti ho main waada krta ho koe pic leakout nhen ho gi
pllllllllllzzzzzzzzzz aik br zror atbr kr k daikhain main bura lerka ni ho ns pyar ka pyasa ho
mer age 20 hy
or main aik studnt ho
or dosti k liye hr bat man ny ko tyar ho
main bs date pr jana jana chahta apni girl friend ko pyar krna chahta ho
mjy us sy lov ho gya to shDi bhi kro ga
plzzzzz ager koe lrki dosti krna chahti jy to zror rabta kry
+923047701909